नई दिल्ली: राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में मंगलवार को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को क्लीन चिट देते हुए उन अफवाहों को खारिज कर दिया कि वे सीएम के पद से इस्तीफा दे सकते हैं. शाह ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि दशकीय जनगणना कराने की प्रक्रिया “बहुत जल्द” शुरू की जाएगी और उन्होंने इस प्रक्रिया में ‘जाति’ कॉलम शामिल किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया.
राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की मांग सिर्फ विपक्षी दलों ने ही नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ एनडीए के घटक दलों, खासकर नीतीश कुमार की जेडी(यू) और चिराग पासवान की एलजेपी ने भी उठाई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तीसरी एनडीए सरकार के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सूचना एवं प्रसारण तथा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बैठे शाह ने विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर मोदी के रिकॉर्ड की भी प्रशंसा की और रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र की योजना के बारे में बताया.
इस बातचीत के दौरान शाह ने मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों की मुख्य बातों पर प्रकाश डालने वाली एक पुस्तिका भी जारी की, जो प्रधानमंत्री के 74वें जन्मदिन के अवसर पर हुई.
शाह ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि सरकार इस कार्यकाल में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करने के लिए दृढ़ संकल्पित है.
यह भी पढ़ें: ‘राज्य में BJP का सबसे वरिष्ठ विधायक हूं’ — हरियाणा के CM पद के लिए अनिल विज ने की दावेदारी पेश
मणिपुर और बीरेन सिंह
मणिपुर की स्थिति और इस अटकल के बारे में पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री मौजूदा संकट से निपटने के उनके तरीके की आलोचना के कारण पद छोड़ सकते हैं, शाह ने चुटकी लेते हुए कहा: “कौन कह रहा है कि वे (सिंह) इस्तीफा दे रहे हैं?”
पिछले हफ्ते 24 घंटे से भी कम समय में इंफाल में राजभवन में उनके दो लगातार दौरे के बाद सिंह के इस्तीफे की अटकलों ने जोर पकड़ लिया था.
स्थिति से बीरेन सिंह के निपटने के तरीके के बारे में शाह ने कहा कि पिछले तीन महीनों में कुछ घटनाओं को छोड़कर राज्य हिंसा को नियंत्रित करने में काफी हद तक सक्षम रहा है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में भाजपा सरकार दोनों समुदायों — कुकी और मैतेई से बात कर रही है, जो एक-दूसरे के विरोधी हैं.
उन्होंने कहा कि भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की कवायद चल रही है, जिसमें 30 किलोमीटर की बाड़ का काम पहले ही पूरी हो चुका है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 1,500 किलोमीटर की सीमा पर बाड़ लगाने के लिए बजट को मंजूरी दे दी है.
शाह ने कहा, “इसके अलावा, हमने क्षेत्र में रणनीतिक स्थानों पर सीआरपीएफ की तैनाती सफलतापूर्वक शुरू कर दी है.”
उन्होंने यह भी दोहराया कि म्यांमार से भारत में प्रवेश अब केवल वीज़ा के आधार पर ही दिया जाएगा.
जाति जनगणना
काफी विलंब से होने वाली दशकीय जनगणना के सवाल पर, शाह ने कहा कि सरकार इस बारे में “बहुत जल्द” घोषणा करेगी.
पिछली बार 2011 में की गई जनगणना के 2021 में होने की उम्मीद थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार दशकीय प्रक्रिया के साथ जाति जनगणना कराने की मांग पर विचार कर रही है, शाह ने कहा कि जनगणना कराने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद ही इस तरह के विवरण सार्वजनिक किए जाएंगे.
भाजपा, जो इस साल की शुरुआत में अपने सहयोगियों की मदद से ही संसदीय बहुमत हासिल करने में सक्षम थी, को एनडीए के भीतर से राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना कराने के लिए दबाव का सामना करना पड़ रहा है.
विदेश नीति और राजनीतिक स्थिरता
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत किया है और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं. गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को 15 देशों ने अपने सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया है.
उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति अब और अधिक मुखर हो गई है.
उन्होंने आगे कहा कि देश 60 साल में पहली बार ऐसी राजनीतिक स्थिरता का अनुभव कर रहा है. “…देश में राजनीतिक स्थिरता का माहौल है और हमने नीतियों की निरंतरता का भी अनुभव किया है.”
रेल दुर्घटनाएं
इस साल की शुरुआत में हुई रेल दुर्घटनाओं की पृष्ठभूमि में, शाह ने कहा कि सरकार रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक योजना पेश करते हुए, उन्होंने कहा कि सीबीआई, एनआईए और आरपीएफ सहित एजेंसियों को संभावित नुकसान को रोकने का काम सौंपा गया है.
इंफ्रास्ट्रक्चर और रोज़गार
शाह ने कहा कि तीसरी एनडीए सरकार ने अपने पहले 100 दिनों में नए बुनियादी ढांचे को मंजूरी देने, विकास को बढ़ावा देने और युवा भारतीयों को नए रोज़गार के अवसर प्रदान करने की दिशा में कदम उठाए हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ये कदम 14 स्तंभों पर टिके हैं.
उन्होंने कहा कि अनुमानित तीन लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा की गई है और उन्हें लागू करने का काम शुरू हो चुका है. अन्य बातों के अलावा, शाह ने महाराष्ट्र के वधावन में प्रस्तावित गहरे समुद्र के बंदरगाह का उल्लेख किया, जिसे अनुमानित 76,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है.
उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना के अलावा सरकार की मेक-इन-इंडिया और डिजिटल इंडिया पहलों के बारे में भी बात की.
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यह है कि जब हम अगली बार चुनाव में उतरेंगे तो वहां कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं होगा जिसके पास अपना मकान न हो.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: हरियाणा कैसे बन रहा — गौरक्षकों और धार्मिक उन्माद के अपराधों का गढ़