नई दिल्ली: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले अपने पद से इस्तीफा देने की संभावना है. राज्य के विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सभी विधायक नाराज हैं और इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि निर्णय से पहले उनसे सलाह नहीं ली गई थी.
इसके बाद से ही राजस्थान एक और राजनीतिक संकट में फंसता हुआ नजर आ रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी 80 से अधिक कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंपने की धमकी दी है. कांग्रेस नेता और विधायक राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के निवास पहुंच गए हैं.
Rajasthan | Congress MLAs arrive at the residence of Assembly speaker CP Joshi in Jaipur#RajasthanPoliticalCrisis pic.twitter.com/VHjGsJYP8H
— ANI (@ANI) September 25, 2022
रविवार को गहलोत के साथ कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए पहुंचे. सचिन पायलट वहां मौजूद हैं. बैठक में राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर प्रस्ताव पारित होने की संभावना है.
इससे पहले, मुख्यमंत्री गहलोत कैंप के विधायकों ने मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर बैठक की और स्पीकर सी.पी. जोशी के आवास पर अपना इस्तीफा सौंपने की बात कही.
विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सभी विधायक गुस्से में हैं और इस्तीफा दे रहे हैं. हम इसके लिए अध्यक्ष के पास जा रहे हैं. विधायक इस बात से खफा हैं कि सीएम अशोक गहलोत उनसे सलाह लिए बिना फैसला कैसे ले सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार नहीं गिरी है. हमारे परिवार के मुखिया (अशोक गहलोत) हमारी बात सुनेंगे तो नाराजगी दूर हो जाएगी. लोकतंत्र संख्या बल से चलता है. राजस्थान के विधायक जिसके साथ होंगे, नेता वही होगा.
खाचरियावास ने आगे कहा कि 100 से अधिक विधायक एक तरफ हैं और 10-15 विधायक एक तरफ हैं. 10-15 विधायकों की बात सुनी जाएगी और बाकी की नहीं. पार्टी हमारी नहीं सुनती, अपने आप फैसले हो जाते हैं.
बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) राजस्थान के प्रभारी अजय माकन, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद रहेंगे.
रविवार को राज्य के सीएम गहलोत ने कहा था कि नई पीढ़ी को नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए. इसके बाद से ही उनके सीएम पद छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं.
कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार गहलोत ने कहा था, ‘मैंने पहले कह चुका हूं कि अगर ऐसा होता तो चीजें मेरे नियंत्रण में होतीं, मैं 40 साल के लिए कई पदों पर रहा हूं लेकिन बिना किसी पद के भी मैं शांतिपूर्ण माहौल के लिए काम करता रहा हूं.’
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