नई दिल्ली: जहां एमसीडी चुनावों के लिए भाजपा और आम आदमी पार्टी ने स्टार प्रचारकों की परेड निकाली, साफ-सफाई एवं भ्रष्टाचार के मुद्दों पर एक दूसरे पर वार किया, वहीं कांग्रेस का अभियान इन दोनों पार्टियों के मुकाबले थोड़ा फीका ही रहा. पार्टी का पूरा दारोमदार प्रत्येक वार्ड के लिए तैयार किए गए ‘पर्सनलाइज्ड मेनिफेस्टो’ पर रहा है.
यहां तक कि कांग्रेस ने दिल्ली में अपने स्टार प्रचारकों के रूप में दिखाई देने वाले पूर्व सांसदों और विधायकों के बड़े नामों से भी दूरी बना ली. जबकि इसके उलट भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों वाले बड़े नामों के साथ प्रचार का मैदान संभाला हुआ था.
एमसीडी चुनाव के लिए गुरुवार को प्रचार थम गया. दिल्ली में मतदान रविवार को होगा और नतीजे 7 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.
कांग्रेस उम्मीदवारों ने कहा, ‘स्थानीय चुनाव के लिए स्थानीय नेताओं की जरूरत होती है.’ उनके मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भरी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ एमसीडी चुनाव अभियान को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी.
जामा मस्जिद वार्ड से कांग्रेस उम्मीदवार शाहीन परवीन ने दावा किया कि उनकी पार्टी हर क्षेत्र के लिए ‘ एक अलग और खास घोषणा पत्र पेश करने वाली पहली पार्टी’ है. उन्होंने कहा कि दिल्ली भर के कांग्रेस नेताओं ने वार्ड विशेष के मुद्दों को संबोधित करते हुए अपना स्थानीय घोषणापत्र बनाया है.
सीआर पार्क वार्ड से कांग्रेस उम्मीदवार भावना गुप्ता ने कहा कि एक क्षेत्र विशेष को ध्यान में रखकर घोषणा पत्र तैयार करने के पीछे का विचार अभियान में एक ‘पर्सनल टच’ जोड़ना था.
उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘यह उम्मीदवार ही हैं जो इस चुनाव में महत्वपूर्ण हैं. उन्हें शिक्षित होना चाहिए और उन्हें वार्ड में लोगों की समस्याओं के बारे में पता होना चाहिए. यहां के मतदाता मुफ्तखोरी या ऐसी अन्य बयानबाजी के बहकावे में नहीं आएंगे. यह उस काम के बारे में है जिसे हमने अलग-अलग वार्डों में करने का वादा किया है जो हमें जीतने में मदद करेंगें.’
उनके विपरीत भाजपा और आप स्थानीय उम्मीदवारों की बजाय अपने अभियानों के चेहरे के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रोजेक्ट करने के प्रयास में लगे हुए थे.
सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने अभियान में दिल्ली सरकार की अब-रद्द कर दी गई आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं को लेकर आप पर निशाना साधा और सत्येंद्र जैन के कथित रूप से तिहाड़ जेल में मसाज कराने के वीडियो लीक कर दिए. बदले में आप ने भाजपा पार्षदों पर शहर में कचरे के ढेर को साफ करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा.
दोनों दलों एक-दूसरे को मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में देख रहे हैं, जबकि कांग्रेस कहीं नजर नहीं आ रही है, इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस की भावना गुप्ता ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि भाजपा और आप हमें अपना प्रतिस्पर्धी नहीं मान रहे हैं. हमें जनता पर विश्वास है और वह हमारी उपस्थिति मान रही है.’
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‘वुमेन-ओनली पार्क, संकरी गलियां’
कांग्रेस की शाहीन परवीन ने अपने ‘पर्सनलाइज्ड मेनिफेस्टो’ के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि उनका जामा मस्जिद वार्ड एक ‘महिला वार्ड’ है. इसलिए हमने अपने घोषणापत्र में उन्हीं मुद्दों को तरजीह दी है जिससे इलाके की महिलाओं को फायदा मिले.
उन्होंने बताया, ‘हम यहां ‘वुमेन-ओनली’ पार्क खोलना चाहते हैं, जिसका उद्घाटन बहुत पहले किया जा चुका है. लेकिन आज तक इस पर कोई काम नहीं हो पाया है. हम निर्वाचित होने के 15 दिनों के भीतर ऐसा करने की उम्मीद कर रहे हैं. हम छह महीनों के अंदर लड़कियों के लिए एक हाई-क्लास लाइब्रेरी खोलना चाहते हैं. इसके लिए भी जगह देखी जा चुकी है. इसके अलावा कस्तूरबा अस्पताल में एक अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध कराना भी हमारी प्राथमिकताओं में से एक है, जहां इस मशीन की कमी के कारण कई अजन्मे बच्चों की मौत हो चुकी है.
इसी तरह कांग्रेस प्रत्याशी राहुल शर्मा ने चांदनी चौक वार्ड के लिए बनाए गए ‘पर्सनलाइज्ड मेनिफेस्टो’ में भीड़-भाड़ वाली गलियों और सड़कों का मुद्दा उठाया है.
उन्होंने कहा, ‘हमने 24 घंटे की एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने का वादा किया है क्योंकि यहां की संकरी गलियों में कार नहीं आ सकती है. ये एक ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में किसी और पार्टी ने नहीं सोचा है. हम बच्चों के लिए स्कूल जाना आसान बनाने के लिए एक तरीका भी खोजेंगे. नॉन-मोटराइज्ड जोन में वैन अंदर नहीं आ सकती है. हम उनके लिए उपयुक्त ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करेंगे.’
शर्मा ने यह भी कहा कि वह हेरिटेज मार्केट में फेरीवालों को स्थायी जगह देने की प्रक्रिया को तार्किक तरीके से सुलझाएंगे. उन्होंने दिप्रिंट को बताया कि अन्य उम्मीदवारों ने अपनी ‘पार्टी का घोषणापत्र’ पेश किया है, लेकिन हम अपने वार्ड के अनुकूल ‘वार्ड घोषणापत्र’ लेकर आए हैं.
सीआर पार्क वार्ड से कांग्रेस उम्मीदवार भावना गुप्ता ने कहा कि उनके घोषणापत्र में उन सभी समस्याओं को जगह दी गई है,जो पिछले छह-सात सालों में यहां रहने वाले लोगों ने उन्हें बताई थी. वह यहां एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काफी लंबे समय से काम करती रहीं हैं.
गुप्ता के लिए, उनकी प्राथमिकता अपने वार्ड में ‘पालतू जानवरों के लिए पार्कों’ का विकास करने के साथ-साथ परेशान करने वाले आवारा जानवरों की नसबंदी और टैगिंग है. उनके घोषणापत्र में सूखे पत्तों को कंपोस्ट करने की बात भी कही गई है. उनके मुताबिक, इन पत्तों का अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन इस तरफ कभी ध्यान नहीं दिया गया. इन्हें सड़क के कोनों पर जला दिया जाता है. उन्होंने सवाल किया ‘अगर सड़कों की सफाई और पेड़ों की छंटाई के लिए तकनीक उपलब्ध है, तो हम इसका इस्तेमाल क्यों नहीं करते हैं?’
अधिकांश कांग्रेस उम्मीदवारों के घोषणापत्र में स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ पार्टी के आधिकारिक एमसीडी घोषणापत्र में मौजूद वादों और मुद्दों को भी शामिल किया गया था. इसमें वंचितों के लिए आरओ वाटर प्यूरीफायर का प्रावधान, नागरिक निकाय के काम में आरडब्ल्यूए की अधिक भागीदारी और बेहतर पार्किंग सुविधाएं शामिल हैं.
नगर निगम के काम के काम के संबंध में शिकायतें दर्ज करने के लिए जनता के लिए एक कॉमन जगह उपलब्ध कराने का प्रस्ताव को भी इसमें जगह दी गई थी.
‘स्टार प्रचारकों’ में एकरूपता नहीं
आप और भाजपा की तुलना में कांग्रेस की जन रैलियों में ज्यादा आडम्बर नहीं नजर आया. न तो बड़े-बड़े मंच थे और न ही लाउडस्पीकर का शोर. लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए छोटी-छोटी सभाएं आयोजित की गईं.
रोहिणी सी वार्ड के उम्मीदवार जितेंद्र आहूजा ने पदयात्रा निकाली और लोगों से बात की. उनके अभियान के लिए उपलब्ध कांग्रेस नेताओं की सूची में कोई ‘बड़ा नाम नहीं था.’
वहीं भाजपा ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अन्य स्टार प्रचारकों में केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और हरदीप सिंह पुरी को अपने अभियान के लिए मैदान में उतारा.
आप ने भी अपने शीर्ष नेतृत्व को अभियान में शामिल किया, लेकिन कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में ज्यादातर पूर्व निर्वाचित प्रतिनिधि ही नजर आए.
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के भाषणों में एकरूपता की भी कमी थी. कुछ ने ‘किसानों’ के मुद्दों को उठाया, तो अन्य ने ‘दलित मुद्दों’ के बारे में बात की और कुछ ने ‘मुसलमानों का समर्थन नहीं करने’ के लिए केजरीवाल पर हमला भी बोला.
चांदनी चौक की पूर्व विधायक अलका लांबा अपने पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले वार्डों के लिए स्टार प्रचारक थीं. उन्होंने जामा मस्जिद वार्ड जनसभा में थोड़ी कड़वाहट के साथ कहा कि विधानसभा चुनाव हारने का मतलब यह नहीं है कि उन्होंने ‘अपना साहस खो दिया है’.
लांबा ने कहा, ‘हमारी लड़ाई लोगों को बांटने वाली राजनीति के जरिए चुनाव लड़ने वाली भाजपा से नहीं है. वे कम से कम अपने इरादों के बारे में साफ तो हैं. लेकिन केजरीवाल पीठ पीछे से वार करने वाले व्यक्ति हैं. बिलकिस बानो के बलात्कारियों की गलत रिहाई या दिल्ली दंगों और सीएए-एनआरसी (झड़पों) पर किसने चुप्पी साधी? तबलीगी जमात को किसने बदनाम किया था? यह वही व्यक्ति था.’
तो वहीं एक अन्य स्टार प्रचारक आराधना मिश्रा ने आईटीओ में गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के नीचे ‘पिछले आठ महीनों’ से भूमि अधिकारों की मांग कर रहे किसानों के बारे में बात की.
उत्तर प्रदेश के रामपुर खास से कांग्रेस विधायक ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में स्वर्गीय शीला दीक्षित के कामों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान ही ‘जहां झोपड़ी, वहां मकान’ (इन-सीटू पुनर्वास) योजना शुरू की गई थी. उन्होंने बताया, ‘अन्य लोग वादे कर सकते हैं, लेकिन हम गारंटी देते हैं कि हमारे चुने जाने के बाद बैठक में सबसे पहले किसानों के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.’
उन्होंने झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों की भीड़ से कहा, ‘बेला शिविर’ ‘हजारों परिवारों’ का घर है, लेकिन Google मैप पर भी ये आपको नजर नहीं आएगा. यह पूछे जाने पर कि क्या उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे दिल्ली के मतदाताओं को लुभा पाएंगे, मिश्रा ने दिप्रिंट को बताया, ‘कांग्रेस ने किसानों और महिलाओं के मुद्दों को हमेशा आगे बढ़ाया है. ये सब हमारे अपने लोग हैं.’
अनुवाद: संघप्रिया
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