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Sunday, 24 November, 2024
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मायावती ने भतीजे आकाश को BSP के राष्ट्रीय समन्वयक और अपने उत्तराधिकारी पद से हटाया

आकाश पर भाजपा सरकार की तुलना तालिबान से करने और उसे 'आतंकवादी सरकार' कहकर एमसीसी का उल्लंघन करने के बाद यह मामला दर्ज हुआ है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस फैसले से कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर सकता है.

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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक और उनके उत्तराधिकारी के पद से हटा दिया है. यह कदम उस घटनाक्रम के कुछ दिनों बाद उठाया गया है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी शासित केंद्र को “आतंकवादी” कहने की वजह से आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने के आरोप में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

एक्स पर मंगलवार को किए गए एक पोस्ट में, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि आकाश, जिसे उन्होंने दिसंबर में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, को तब तक पद से हटा दिया गया है जब तक कि वह “परिपक्व नहीं हो जाते”

28 वर्षीय आकाश को पिछले महीने के अंत में सीतापुर में एक रैली में दिए गए भाषण को लेकर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार की तुलना तालिबान से की थी और इसे “आतंकवादी सरकार” कहा था.

इस बीच, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि यह फैसला पार्टी काडर को हतोत्साहित कर सकता है.

सीतापुर में 13 मई को चौथे चरण में वोटिंग है.


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‘कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरेगा’

पिछले दिसंबर में आकाश को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बताते हुए, मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि अगर उन्हें कुछ होता है तो वे उन्हें अपना नेता मानें.

अब उन्हें उस पद से हटाने का उनका निर्णय उन दो चुनावी बैठकों के रद्द होने के एक सप्ताह बाद आया है, जिन्हें आकाश 1 मई को संबोधित करने वाले थे.

हालांकि, मंगलवार को अपने पोस्ट में, मायावती ने कहा कि आकाश के पिता आनंद कुमार, जो कि एक व्यवसायी हैं, पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे, जैसा कि वह पहले करते थे.

इस कदम के बारे में पूछे जाने पर, बसपा एमएलसी भीमराव अंबेडकर ने कहा कि ”बहनजी” – जैसा कि मायावती को कहा जाता है – ने ”पार्टी के उद्देश्य और मिशन के लिए ट्वीट किया था.”

उन्होंने कहा, ”बहनजी ही मिशन है. वह मिशन को कमजोर नहीं कर सकतीं.  उन्होंने इसके लिए अपना पूरा जीवन बलिदान कर दिया है और इसके लिए प्रतिबद्ध हैं.”

लेकिन बसपा के कुछ अंदरूनी सूत्रों ने माना कि यह कदम पहले से ही संघर्ष कर रही पार्टी के लिए झटका साबित हो सकता है. हालांकि, पार्टी ने 2019 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में 10 संसदीय सीटें जीतीं, लेकिन यूपी विधानसभा में इसकी संख्या 2017 में 19 से घटकर 2022 में 1 सीट रह गई जो कि आज तक की सबसे कम संख्या है.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तमाम आशंकाओं के बावजूद, आकाश ने उसके विपरीत अपनी जनसभाओं में काफी भीड़ खींचनी शुरू कर दी थी.

इस नेता ने कहा, “यूपी के राजनीतिक परिदृश्य में उनके (आकाश के) आगमन के साथ, चीजें बेहतर तरीके से बदल गई थीं. पहले लोग सोच रहे थे कि क्या कार्यकर्ता उन्हें स्वीकार करेंगे. हालांकि तीन रैलियों के बाद जिस तरह से उन्होंने लोगों का ध्यान खींचा और जनता से जुड़े उससे पार्टी कार्यकर्ताओं में नई उम्मीद जगी है. इससे निश्चित रूप से कार्यकर्ता हतोत्साहित होंगे, लेकिन बहनजी हमारी नेता हैं और कोई भी उनके फैसले पर सवाल नहीं उठा सकता.”

इस नेता को भी आकाश की टिप्पणियों में कुछ भी गलत नहीं लगा, उन्होंने कहा कि “लोकतंत्र का कोई भी स्तंभ, चाहे मीडिया हो या विपक्ष, पहले की तरह काम नहीं कर पा रहा है.”

इस नेता ने कहा, ”देखिए किस तरह से बिना सबूत के सीएम को जेल भेजा गया है.”

28 अप्रैल को अपने भाषण में आकाश ने बीजेपी प्रशासन को ‘देशद्रोहियों की सरकार’ भी कहा था.

आकाश ने कहा था, “यह सरकार एक बुलडोजर सरकार और गद्दारों की सरकार है. जो पार्टी अपने युवाओं को भूखा रखती है और बुजुर्गों को गुलाम बनाती है वह आतंकवादी सरकार है. तालिबान अफगानिस्तान में ऐसी ही सरकार चलाता है.”

केंद्र की बीजेपी सरकार ने मार्च में आकाश को Y+ सुरक्षा दी थी.


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