नई दिल्ली: दिप्रिंट को ज्ञात हुआ है, कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने अपने पश्चिम बंगाल नेताओं को निर्देश दिया है, कि पिछले हफ्ते नंदीग्राम में पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री पर हुए कथित हमले की, सार्वजनिक रूप से ‘बहुत अधिक’ चर्चा न करें, क्योंकि इससे उन्हें ‘अनावश्यक’ हमदर्दी हासिल करने में मदद मिल सकती है.
सूत्रों के अनुसार, ये निर्देश शनिवार को नई दिल्ली में, पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा के आवास पर हुई, बीजेपी की पश्चिम बंगाल कोर कमेटी बैठक के दौरान दिए गए.
बैठक में मौजूद रहे एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, ‘वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि ममता के विरोधाभासी बयानात, लोगों के सामने उन्हें पहले ही बेनक़ाब कर चुके हैं, और इस मुद्दे पर अब बहुत अधिक बात करने की ज़रूरत नहीं है. इसकी बजाय हमें अपने शासन मॉडल, और पश्चिम बंगाल सरकार की ख़ामियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए’.
एक सूत्र के अनुसार, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी बैठक में मौजूद थे, और उन्होंने कहा कि अगर इस मुद्दे को, सार्वजनिक रूप से ज़्यादा उछाला गया, तो नंदीग्राम प्रचार का फोकस बन जाएगा, और ममता इसका इस्तेमाल करके, अपनी सरकार की ख़ामियों से ध्यान हटाने की कोशिश करेंगी.
नेता ने आगे कहा, ‘पार्टी के नाते हमें जो कहना था, वो हमने कह दिया है. अधिकारियों ने साफतौर से कहा है, कि वो एक हादसा था और अब लोग भी जान गए हैं. कथित हमले के बारे में बहुत ज़्यादा बात करने से, उन्हें जनता की सहानुभूति हासिल करने में सहायता मिल सकती है’.
नेता ने ये भी कहा, ‘घटना के बारे में ममता को बात करने दीजिए, क्योंकि उनके बयानात में पहले ही, बहुत से विरोधाभास और यू-टर्न्स हैं, और शुरूआती रिपोर्ट्स में वो पहले ही बेनक़ाब हो गईं हैं. हमें अपने प्रचार में सरकार की नाकामियों को उजागर करना चाहिए, और बताना चाहिए कि हम बंगाल को फिर से ‘सोनार’ कैसे बना सकते हैं’.
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केंद्रीय नेताओं को नंदीग्राम घटना का विस्तृत ब्योरा दिया गया
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव आठ चरणों में होंगे. ममता बनर्जी के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा है, जो अपनी कुर्सी बचाने के लिए कड़ा संघर्ष कर रही हैं.
बैठक में मौजूद रहे एक और नेता ने कहा, कि उन्होंने केंद्रीय नेताओं को नंदीग्राम घटना का एक विस्तृत ब्योरा दे दिया था.
तृणमूल कांग्रेस के इस आरोप के कुछ ही दिन बाद, कि नंदीग्राम घटना जिसमें ममता घायल हुईं, एक ‘सुनियोजित हमला’ था, स्पेशल ऑब्ज़र्वर्स की एक टीम ने, भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को बताया, कि प्रचार के दौरान उन्हें जो चोट लगी, वो ‘एक्सीडेंटल’ नेचर की थी.
रविवार को ईसी ने ऑब्ज़र्वर्स की रिपोर्ट से सहमति जताई, और संकेत दिया कि उनकी चोटें सुरक्षा में कोताही का नतीजा थीं. आयोग ने डायरेक्टर सिक्योरिटी, आईपीएस अधिकारी विवेक सहाय के निलंबन के आदेश जारी कर दिए जो ‘घटना को रोकने और एक ज़ेड+ संरक्षित व्यक्ति को सुरक्षा देने में नाकाम रहे’. आयोग ने ये भी आदेश दिया, कि पुरबा मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक को भी तुरंत निलंबित किया जाए, और ‘बंदोबस्त’ में भारी नाकामी के चलते, उनके खिलाफ आरोप तय किए जाएं.
ईसीआई ने इससे पहले पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव आलोपन बंधोपाध्याय से, घटना की रिपोर्ट तलब की थी. उनकी रिपोर्ट में कहा गया कि ममता को चोटें, कार का दरवाज़ा उनके पैर से टकराने की वजह से आईं थीं. लेकिन, सूत्रों का कहना था कि रिपोर्ट ‘अस्पष्ट’ थी, और उसमें ये नहीं बताया गया कि ये कैसे हुआ.
पिछले हफ्ते ईसीआई को पेश किए गए, पुलिस के शुरूआती निष्कर्षों में भी कहा गया, कि नंदीग्राम घटना हमला नहीं बल्कि एक हादसा थी.
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