scorecardresearch
Wednesday, 8 May, 2024
होमदेशममता के पांव की चोट ‘आकस्मिक’ है, हमले की वजह से नहीं, स्पेशल ऑब्ज़र्वर्स ने EC को बताया

ममता के पांव की चोट ‘आकस्मिक’ है, हमले की वजह से नहीं, स्पेशल ऑब्ज़र्वर्स ने EC को बताया

पिछले हफ्ते EC में पेश की गई, पुलिस की शुरूआती जांच में भी कहा गया, कि नंदीग्राम की घटना जिसमें सीएम ममता बनर्जी घायल हुईं, वो कोई हमला नहीं, बल्कि हादसा थी. EC को आज फैसला करना है.

Text Size:

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के इस आरोप के कई दिन बाद, कि जिस नंदीग्राम घटना में मुख्य मंत्री ममता बनर्जी घायल हुईं, वो एक ‘सुनियोजित हमला’ थी, स्पेशल ऑब्ज़र्वर्स की टीम ने भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसी) को बताया है, कि प्रचार के दौरान उन्हें जो चोट आई, वो ‘आकस्मिक’ थी.

ईसीआई सूत्रों ने कहा, कि स्पेशल ऑब्ज़र्वर्स अजय नायक और विवेक दूबे ने, इस संभावना को ख़ारिज किया है, कि उनके पांव में चोट किसी हमले की वजह से नहीं थी. इसके अलावा सूत्रों के मुताबिक़, उनकी रिपोर्ट में ये भी कहा गया, कि चोट लगने के समय सीएम के लिए, भारी पुलिस कवर मौजूद था.

सूत्रों ने बताया कि तीन चुनाव आयुक्त रविवार को बैठक करके, इस घटना पर फैसला कर सकते हैं.

ईसीआई ने इससे पहले पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव आलोपन बंधोपाध्याय से, घटना पर रिपोर्ट तलब की थी. उनकी रिपोर्ट में कहा गया था, कि बनर्जी को वो चोट उनकी कार का दरवाज़ा, अचानक ज़ोर से बंद होने से आई थी. लेकिन, सूत्रों ने कहा कि वो रिपोर्ट ‘अस्पष्ट’ थी, और उसमें ये नहीं बताया गया था, कि कार का दरवाज़ा उनकी टांग से कैसे टकराया था.

पिछले हफ्ते EC में पेश की गई, पुलिस की शुरूआती जांच में भी कहा गया, कि नंदीग्राम की घटना जिसमें सीएम ममता बनर्जी घायल हुईं, कोई हमला नहीं, बल्कि हादसा थी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

बुद्धवार शाम को ममता ने आरोप लगाया था, कि उनपर चार-पांच लोगों ने ‘हमला’ किया था, जिन्होंने उन्हें धक्का दिया और उनकी कार का दरवाज़ा ज़ोर से बंद कर दिया, जिससे उन्हें चोट आई. बीजेपी ने इस पूरी घटना को एक ‘नाटक’ बताते हुए ख़ारिज कर दिया था.

नंदीग्राम घटना से कुछ घंटे पहले ही, प्रांत के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को ईसी के आदेश पर हटा दिया गया था, और उनका उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया गया था.

तृणमूल कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम को- डीजीपी के हटाए जाने से लेकर नंदीग्राम घटना तक- एक ‘सोझी-समझी योजना’ का हिस्सा बताया है.

राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन का अगुवाई में, तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने, ईसी में शिकायत दर्ज कराई और इस पूरी घटना को, बनर्जी को मारने की एक ‘गहरी साज़िश’ क़रार दिया. शुक्रवार को एक टीम ने ईसी से मुलाक़ात भी की, और घटना की उच्च-स्तरीय जांच की मांग करते हुए दावा किया, कि वो कोई ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ नहीं बल्कि एक साज़िश थी.

लेकिन, ईसीआई ने इस आरोप के लिए पार्टी पर पलटवार किया था, कि उसने एक योजना के तहत डीजीपी को हटाया था.

पश्चिम बंगाल में आठ चरण में चुनाव होने जा रहे हैं, जो 27 मार्च को शुरू होंगे. ममता नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं, जहां से बीजेपी ने पूर्व तृणमूल मंत्री सुवेंदु अधिकारी को मैदान में उतारा है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: ममता बनर्जी ने अस्पताल से बार बार की छुट्टी की अपील, व्हील चेयर पर अभिवादन करतीं हुईं निकली


 

share & View comments