कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी सरकार देशव्यापी लॉकडाउन के कारण अन्य प्रदेशों में फंसे राज्य के प्रवासी श्रमिकों और परिवारों को वित्तीय सहायता और राहत प्रदान करेगी.
इस बीच, राज्य में और 17 व्यक्ति पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए हैं जबकि पांच मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई.
बंगाल में कोविड-19 से संक्रमित मामले बढ़कर 163 हो गए हैं. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर इसकी संख्या 213 बतायी है.
बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, ‘हमने अन्य राज्यों में फंसे बंगाल के प्रवासी श्रमिकों और परिवारों को वित्तीय सहायता तथा राहत प्रदान करने का फैसला किया है. हम एक गरीब राज्य हैं और हमारे पास सीमित संसाधन हैं. लेकिन इसके बावजूद हम बाहर फंसे अपने लोगों की मदद करते हैं.’
बनर्जी ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को मुंबई में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों द्वारा उन्हें उनके मूल स्थानों को भेजने की मांग किये जाने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की.
तृणमूल कांग्रेस नेता ने किसी का नाम लिए बिना सभी से महामारी से उत्पन्न संकट के बीच ‘सांप्रदायिक और ओछी’ राजनीति में लिप्त नहीं होने की अपील की.
यह निर्णय लिया गया है कि पश्चिम बंगाल उच्चतर माध्यमिक बोर्ड परीक्षा जून में आयोजित की जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘कक्षा 11 और कॉलेजों के छात्रों को अगली कक्षा और सेमेस्टर में क्रमोन्नत किया जाएगा.’
बनर्जी ने इस सप्ताह की शुरुआत में घोषणा की थी कि स्कूल और कॉलेज 10 जून तक बंद रहेंगे.
राज्य में 18 जूट मिलों को फिर से खोलने के केंद्र के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर, बनर्जी ने कहा कि ऐसे भेदभाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘मैं जूट मिलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकती हूं? यदि मैं मिलों को खोलने की अनुमति देती हूं, तो सभी को 15 प्रतिशत कार्यबल के साथ सभी एहतियाती उपायों के साथ काम करना शुरू करना चाहिए.’
मेरा 16 आदमी बिहार का सिवान में फसे हूए है मैं कैसे लेकर आउ बंगाल में