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Monday, 23 December, 2024
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ममता बनर्जी ने शाह से सीएए की धाराओं पर मांगी सफाई, केन्द्र पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया

दार्जिलिंग में सीएए के खिलाफ चार किलोमीटर लंबे विरोध मार्च का नेतृत्व करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि केन्द्र सरकार केवल गैर-भाजपा शासित राज्यों में सीएए को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है.

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दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की धाराओं पर स्पष्टीकरण मांगा. उन्होंने केन्द्र पर इस मुद्दे पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया.

दार्जिलिंग में सीएए के खिलाफ चार किलोमीटर लंबे विरोध मार्च का नेतृत्व करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि केन्द्र सरकार केवल गैर-भाजपा शासित राज्यों में सीएए को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने दावा किया कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के भय से पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्य नयी दिल्ली में एनपीआर को लेकर हुई बैठक में शामिल हुए थे.

बनर्जी ने हिंदी में रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘हर दिन केंद्रीय गृह मंत्री नए उपदेश दे रहे हैं. कल उन्होंने कहा कि हम (विपक्षी पार्टियां) लोगों को गुमराह कर रहे है. मैं उनसे यह स्पष्ट करने के लिए कहना चाहूंगी कि क्या किसी व्यक्ति को पहले विदेशी घोषित किया जाएगा और उसके बाद उसे सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन की अनुमति होगी?’

उन्होंने कहा, ‘केंद्र कह रहा है कि एनपीआर के लिए दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं है, फिर वे माता-पिता के जन्म की तारीख और स्थान के बारे में क्यों पूछ रहे हैं? केंद्र वास्तव में दो सूची बनाने की योजना बना रहा है – एक उन लोगों के लिए जो दस्तावेज जमा करेंगे और दूसरा उन लोगों के लिए जो नहीं करेंगे.’

उन्होंने दोहराया कि पश्चिम बंगाल में सीएए, एनपीआर और एनआरसी की अनुमति नहीं दी जायेगी. उन्होंने कहा कि किसी भी नागरिक को राज्य से बाहर करने के लिए, भाजपा को पहले ‘उन्हें बाहर फेंकना होगा.’

मुख्यमंत्री ने चौकबाजार क्षेत्र में रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘असम में एनआरसी के कारण लाखों गोरखा बेघर हो गये. हम दार्जिलिंग में ऐसा होने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि मैं यहां हूं.’

शाह ने विपक्षी पार्टियों पर सीएए को लेकर लोगों को ‘गुमराह’ करने का आरोप लगाया था और कहा था कि विरोध प्रदर्शनों के बावजूद इस कानून को वापस नहीं लिया जायेगा.

बनर्जी ने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक केन्द्र सरकार इस विवादास्पद कानून को वापस नहीं लेगी.

उन्होंने पूछा, ‘स्वतंत्रता के 73 साल बाद अचानक, हमें यह साबित करना होगा कि हम भारतीय नागरिक हैं. भाजपा के पास हमारी नागरिकता निर्धारित करने के अधिकार नहीं हैं. क्या हमें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए भाजपा का ताबीज पहनना होगा?’

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने पाकिस्तान का संदर्भ देने के लिए भी भगवा पार्टी की निंदा की. उन्होंने कहा कि आर्थिक सुस्ती और बढ़ती बेरोजगारी जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए यह एक चाल है.

उन्होंने कहा, ‘आप लोग (भाजपा) भारतीय हैं या पाकिस्तान के राजदूत? अगर कोई उनके खिलाफ विरोध करता है, तो वे उन्हें पाकिस्तानी बना देंगे. अगर कोई कहता है कि हमारे पास उद्योग नहीं हैं, तो वे कहेंगे कि पाकिस्तान चले जाओ.’

इससे पूर्व ममता ने सीएए और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ राज्य के विभिन्न भागों में दस विरोध मार्च और छह रैलियों का नेतृत्व किया था.

पश्चिम बंगाल सरकार ने सीएए के खिलाफ 27 जनवरी को विधानसभा में एक प्रस्ताव लाने का भी फैसला किया है. इससे पहले केरल और पंजाब भी इस तरह के कदम उठा चुके है.

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