कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शुक्रवार की शाम सरकारी एसएसकेएम अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. चिकित्सकों ने उनकी हालत ‘संतोषजनक’पाई, जिसके बाद उन्हें छुट्टी दी गई.
टीएमसी सुप्रीमो (66 वर्षीय) ने अस्पताल से छुट्टी देने की बार-बार अपील की, जिसके बाद चिकित्सकों ने यह निर्णय किया.
अस्पताल के वुडबर्न ब्लॉक के बाहर मौजूद काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं का बनर्जी ने अभिवादन किया. वह व्हीलचेयर पर बैठी हुई थीं और उनके बायें पैर में प्लास्टर लगा हुआ था.
वह अपने वाहन से कालीघाट स्थित आवास के लिए रवाना हुईं.
उनके भतीजा और डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी, पार्टी के सहयोगी और राज्य के मंत्री फरहाद हाकिम भी अस्पताल में मौजूद थे.
चिकित्सक ने कहा, ‘उनकी हालत काफी सुधरी है और उन्होंने बार-बार अस्पताल से छुट्टी देने पर जोर दिया. वह थोड़ा-बहुत चल सकती हैं लेकिन एक हफ्ते के अंदर फिर से जांच के लिए उन्हें आने की जरूरत पड़ेगी.’’
नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में बुधवार की शाम को चुनाव प्रचार के दौरान बनर्जी को चार-पांच अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर धक्का दिया, जिससे वह गिर पड़ीं और जख्मी हो गईं.
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भाजपा ने चुनाव आयोग से ममता के घायल होने की घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की
भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चोटिल होने की घटना की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की.
इस प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव के अलावा पार्टी नेता संबित पात्रा, अनिर्बान गांगुली और स्वप्नदास गुप्ता शामिल रहे.
इससे कुछ ही घंटे पहले तृणमूल कांग्रेस नेताओं के छह सदस्यीय समूह ने नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हुए कथित हमले के मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग के साथ चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी.
अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद यादव ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा ने पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में 10 मार्च को हुई उस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की, जिसमें ममता बनर्जी चोटिल हुईं.
उन्होंने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को नंदीग्राम में ममता बनर्जी की 10 मार्च की रैली का वीडियो सार्वजनिक करने का भी अनुरोध किया.
भाजपा महासचिव ने कहा कि जब एक उम्मीदवार नामांकन दाखिल करता है तो चुनाव आयोग उनके सार्वजनिक कार्यक्रमों की वीडियो का रिकॉर्ड रखता है.
भाजपा ने नंदीग्राम विधानसभा सीट के लिए विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने की भी मांग की है, जहां से बनर्जी भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से मुकाबला कर रही हैं.
इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में हुए कथित हमले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की.
पार्टी ने यह भी दावा किया कि यह कोई ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’’ नहीं , बल्कि साजिश थी.
तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग की पूरी टीम से मुलाकात की, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा भी शामिल थे. एक घंटे से भी अधिक समय तक चली मुलाकात में तृणमूल के नेताओं ने आयोग को एक ज्ञापन भी सौंपा.
ज्ञापन में इस बात पर जोर दिया गया है कि किस प्रकार से पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं ने ट्वीट और बयानों के जरिए मुख्यमंत्री को कथित धमकी दी थी.
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने संवाददाताओं को बताया, ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नंदीग्राम में चोटिल होना ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ का परिणाम नहीं है, बल्कि साजिश है. घटनाएं दिखाती हैं कि ये हमला गहरी साजिश का हिस्सा है.’
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