scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमराजनीतिछत्तीसगढ़ की मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत, भूपेश बघेल प्रदेश में हुए और मजबूत

छत्तीसगढ़ की मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत, भूपेश बघेल प्रदेश में हुए और मजबूत

करीब 1.91 लाख मतदाताओं वाली इस विधानसभा सीट में कांग्रेस उम्मीदवार को 83.6 हजार वोट मिले और भाजपा के खाते में 45.3 हजार मत आए.

Text Size:

रायपुर: छत्तीसगढ़ की मरवाही विधानसभा सीट को अजीत जोगी परिवार का गढ़ बताना सोमवार को उपचुनाव के नतीजे के बाद एक भ्रम साबित हो गया. इसके साथ ही कांग्रेस उम्मीदवार की 38,000 से ज्यादा मतों की जीत ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक बार फिर जिताऊ नेता ही नहीं बनाया बल्कि पार्टी में उनका कद काफी बढ़ा दिया है.

फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आरोप में चुनाव से वंचित रहे पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी द्वारा प्रचार के अंतिम क्षणों में भाजपा को समर्थन देने के बाद भी मरवाही उपचुनाव में विपक्ष की करारी हार हुई.

मतगणना शुरू होते ही कांग्रेस उम्मीदवार डॉक्टर के के ध्रुव ने भाजपा के डॉ गम्भीर सिंह पर पहले ही राउंड से बढ़त बना ली थी. आलम ये रहा कि कांग्रेस उम्मीदवार की लीड चक्र दर चक्र बढ़ती चली गयी और उसका उम्मीदवार एक राउंड में भी लीड नहीं ले पाया. 22वें और अंतिम राउंड के बाद कांग्रेस प्रत्याशी की 38,197 वोटों से जीत हुई.

करीब 1.91 लाख मतदाताओं वाली इस विधानसभा सीट में कांग्रेस उम्मीदवार को 83.6 हजार वोट मिले और भाजपा के खाते में 45.3 हजार मत आए.

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तीसरे स्थान पर थी और भाजपा दूसरे स्थान पर. इससे 2020 के उपचुनाव में भाजपा को अपने जीत के प्रति काफी उम्मीद थी. अमित जोगी के समर्थन के बाद तो भाजपा का अपने जीत के प्रति विश्वास और अधिक बढ़ गया था. यहां तक की उसके नेता मानकर चल रहे थे कि मरवाही हार के बाद भूपेश बघेल को अपने ही पार्टी में विरोधियों का सामना करना पड़ेगा.

वहीं सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुरू से कांग्रेस की जीत के प्रति आश्वस्त थे. चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भी उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की जीत तय है लेकिन देखना है कि अंतर कितना रहेगा. कांग्रेस उम्मीदवार के मरवाही उपचुनाव की जीत पर पार्टी नेताओं का कहना है कि इससे भूपेश बघेल का कद पार्टी के भीतर और बाहर भी मजबूत हुआ है.

नाम जाहिर न करने की शर्त पर पार्टी के एक विधायक ने दिप्रिंट को बताया, ‘समय-समय पर संगठन के भीतर सीएम के खिलाफ रायपुर से दिल्ली तक उठने वाले स्वर अब स्वयं ही बंद हो जाएंगे. मरवाही की जीत से मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया है कि सरकार और चुनाव दोनों को नेतृत्व देनें में उनकी कोई सानी नही है.’

पीसीसी प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने दिप्रिंट से कहा, ‘मरवाही उपचुनाव के जीत से संगठन के अंदर मुख्यमंत्री का कद निश्चित रूप से काफी बढ़ गया है. 2018 में हमारी सरकार आने के बाद यह तीसरा विधानसभा उपचुनाव है जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार जीता है. जनता ने भी प्रदेश सरकार के काम पर अपनी मुहर लगा दी है. मुख्यमंत्री का कद एक जिताऊ नेता के रूप में उभर कर सामने आया है. इस जीत से यह भी साबित हो गया कि राज्य की जनता ने सरकार के खिलाफ विपक्ष के सारे आरोपों को झूठा करार कर दिया है.’

कांग्रेस उम्मीदवार की जीत के बाद मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में जोगी परिवार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘मरवाही का उपचुनाव महज़ विधायक चुनने का चुनाव नहीं था बल्कि यह मरवाही के साथ बीते 18 सालों तक हुए छल को जनता द्वारा लोकतांत्रिक जवाब देने की परीक्षा थी. मुझे खुशी है कि मरवाही की जनता ने इसे प्रचंड बहुमत से उत्तीर्ण किया.’

बघेल के तंज के जवाब मेजन जोगी ने कहा, ‘सबने देखा है कि छल किसने किसके साथ किया है. मेरे परिवार और पार्टी के दो अन्य प्रत्याशियों का नामांकन रद्द करवा कर छल से चुनाव से बाहर कर दिया. मेरी मां डॉक्टर रेनु जोगी जी और मुझे प्रचार के दौरान घर में नज़रबंद करके खुद से अकेले कुश्ती लड़के जीतने की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हार्दिक बधाई.’

अमित जोगी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया, ‘अकेले लड़ने और पूरी ताक़त झोंकने के बावजूद मेरे परिवार का 20 साल का रिकार्ड क्यों नहीं तोड़ पाए. लड़ाई तो उन्होंने भाजपा के खिलाफ लड़ी फिर भी उनके बारे में एक शब्द न बोल कर मेरे स्वर्गीय पिता का लगातार अपमान क्यों कर रहे हैं.’


यह भी पढ़ें: समस्तीपुर की हसनपुर सीट से तेज प्रताप यादव ने 20 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की


 

share & View comments