scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेशमहाराष्ट्र के सांगली की जिला अदालत ने राज ठाकरे के खिलाफ 14 साल पुराने मामले में गैर-जमानती वारंट जारी

महाराष्ट्र के सांगली की जिला अदालत ने राज ठाकरे के खिलाफ 14 साल पुराने मामले में गैर-जमानती वारंट जारी

औरंगाबाद में एक रैली में राज ठाकरे ने कहा था कि वह मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए तीन मई की समयसीमा पर अडिग हैं और अगर ऐसा नहीं किया गया तो सभी हिंदुओं को इन धार्मिक स्थलों के बाहर हनुमान चालीसा बजानी चाहिए.

Text Size:

सांगली/मुंबई: पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले की एक अदालत ने 14 साल पुराने एक मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. वहीं दूसरी तरफ मुंबई में लाउडस्पीकर को लेकर चल रहे विवाद के बीच महाराष्ट्र के पुलिस प्रमुख रजनीश सेठ ने औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त कथित विवादित भाषण को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे.

सांगली की जिला अदालत ने 2008 में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिए राज ठाकरे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 109 और 117 (अपराध के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

छह अप्रैल को गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए सांगली जिले के शिराला में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) ने मुंबई पुलिस आयुक्त को मनसे प्रमुख को गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश करने का निर्देश दिया.

सहायक लोक अभियोजक ज्योति पाटिल ने बताया कि न्यायाधीश ने राज ठाकरे और एक अन्य मनसे नेता शिरीष पारकर के खिलाफ क्रमशः मुंबई पुलिस आयुक्त व खेरवाड़ी पुलिस थाने के माध्यम से वारंट जारी किया, क्योंकि वे मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होने में नाकाम रहे थे.

पाटिल के मुताबिक, अदालत ने पुलिस को आठ जून से पहले वारंट की तामील करने और दोनों नेताओं को उसके सामने पेश करने का निर्देश दिया है.

2008 में मनसे कार्यकर्ताओं ने स्थानीय युवाओं को नौकरियों में प्राथमिकता देने की मांग को लेकर हुए एक आंदोलन के सिलसिले में राज ठाकरे की गिरफ्तारी के खिलाफ शिराला में विरोध-प्रदर्शन किया था.

मनसे के एक स्थानीय पदाधिकारी ने दावा किया कि सरकारी नियम के तहत 2012 से पहले के राजनीतिक मामलों को वापस ले लिया जाना चाहिए. हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले को तूल दिया जा रहा है, क्योंकि राज ठाकरे ने मस्जिदों के ऊपर लगे लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाया है.

लाउडस्पीकर नहीं उतरा तो हनुमान चालीसा पढ़ेंगे

जबिक लाउडस्पीकर मुद्दे महाराष्ट्र पुलिस प्रमुख रजनीश सेठ ने पत्रकारों से कहा, ‘औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त भाषण की जांच कर रहे हैं. वह आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेंगे.’

राज ठाकरे ने दो दिन पहले औरंगाबाद में एक रैली में चार मई से मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर को बंद करने का आह्वान किया था.

सेठ ने मंगलवार को राज्य के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल से मुलाकात की और दोनों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की.

गौरतलब है कि राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद में एक रैली में राज ठाकरे ने कहा था कि वह मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए तीन मई की समयसीमा पर अडिग हैं और अगर ऐसा नहीं किया गया तो सभी हिंदुओं को इन धार्मिक स्थलों के बाहर हनुमान चालीसा बजानी चाहिए.

सेठ ने कहा, ‘महाराष्ट्र पुलिस कानून-व्यवस्था से जुड़ी किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है. राज्य में एसआरपीएफ (राज्य रिजर्व पुलिस बल) और होमगार्ड तैनात किए गए हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.’


यह भी पढ़ें: शिवसेना एक नाम अनेक- पटियाला संघर्ष के बाद पंजाब में उभरकर आए कई शिवसेनाओं के नाम


 

share & View comments