भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’ योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि योजना का दायरा बढ़ाया जाएगा. अब व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी काम सिखाने की व्यवस्था की जाएगी. मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना लागू करके मध्य प्रदेश ने एक और नया इतिहास रचा है. उन्होंने कहा कि हम बच्चों को कौशल बनाएंगे, ताकि वे नई ऊंचाइयों पर पहुंच सके. उन्होंने कहा कि हम बच्चों को ऊंची उड़ान भर सकने का हौंसला दे रहे हैं. उन्हें हुनर दे रहे हैं. बेरोजगारी भत्ता देना बेमानी है.
मुख्यमंत्री चौहान शासकीय महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरखेड़ा, भेल में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के तहत ऑन जॉब ट्रेनिंग के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, उद्योगपति और बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे. मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना पर आधारित लघु फिल्म दिखाई गई.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अब तक 60 हजार युवाओं को नौकरी दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि वे प्रदेश को परिवार मानकर काम कर रहे हैं. बच्चों के सपनों को मरने नहीं देंगे. उन्हें हर हाल में पूरा करेंगे. संभागीय आईटीआई को आदर्श आईटीआई बनाया गया है. 24 नये आईटीआई खोले गए हैं.
प्रदेश में रोजगार के नए तरीके खोजे जा रहे हैं. शिक्षा ज्ञान तो देती है, साथ ही नागरिकता के संस्कार एवं कौशल भी देती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण मिलेगा. नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रक्रिया के माध्यम से प्रशिक्षण मिलेगा. व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेंड मिलेगा और मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा स्टेट कौंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट-अप नीति 2022 लागू की गई है. आज प्रदेश में 3 हजार 500 से ज्यादा स्टार्ट-अप्स और 80 से अधिक इन्क्यूबेटर्स कार्यरत हैं.
चौहान ने कहा है कि मध्य प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सीएम राइज स्कूल प्रारंभ हो रहे हैं. प्राइवेट स्कूलों से बेहतर शिक्षा देने की कोशिश कर रहे हैं. स्वरोजगार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
16 हजार 744 कंपनियां पंजीकृत
सीएम ने कहा, “उद्यम क्रांति योजना के तहत लोन दे रहे हैं. चिड़िया अपने बच्चों को पंख देती है, घोंसला नहीं देती, जिससे वे ऊंची उड़ान भर सकें. इसलिए बेरोजगारी भत्ता की जगह हम युवाओं को काम सिखाकर रोजगार दे रहे हैं.”
बता दें कि युवाओं को काम सिखाने के बदले 8 से 10 हजार रुपये स्टाइपेंड के रूप में दिये जाएंगे. काम सीखने के बाद वह अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं. साथ ही उद्योगों में परमानेंट जॉब भी मिल सकेगी. युवा अपने पैरों पर खड़े होकर दिखाने का संकल्प लेकर चलें.
सीएम चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में जून से रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया था. यह क्रम लगातार जारी रहेगा. अब तक 16 हजार 744 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं. बेटा-बेटियों को कभी निराश नहीं होने दूंगा. तुम्हारे सपनों को मरने नहीं दूंगा. प्रदेश की प्रगति और विकास को नई रफ्तार मिलेगी. जिनको 12वीं के बाद रोजगार चाहिए वे अपना योजना में पंजीयन करा सकते हैं. युवा जहां भी काम सीख सकते हैं वहां काम सीखें. अपनी जिन्दगी को बेहतर बनायें.
चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश में कौशल संवर्धन का कार्य चल रहा है. भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं. प्रदेश में स्टार्टअप नीति बनाई गई है. हर दिशा में कार्य जारी है. हर महीने 3 लाख बेटा-बेटियों को स्व-रोजगार से जोड़ा जा रहा है. मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना अनूठा प्रयोग होगा, जिसे आज नहीं तो कल पूरा देश स्वीकार करेगा.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि युवा वो है जो ठान लेता है, उसे पूरा करता है. स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि तुम अनंत शक्तियों के भंडार हो. इसलिए दृढ़-इच्छाशक्ति के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में जुट जाओ. उन्होंने चयनित युवक-युवतियों को ऑफर लेटर वितरित किए.
सीखो कमाओ- अब तक
- प्रशिक्षण कंपनियों का पंजीयन 7 जून 2023 से हुआ प्रारंभ.
- अब तक 16 हज़ार 744 कंपनियां पंजीकृत.
- अब तक 70 हजार 386 पद हुए प्रकाशित.
- युवाओं का रजिस्ट्रेशन 4 जुलाई 2023 से हुआ प्रारंभ.
- अब तक 8 लाख 71 हज़ार 330 युवा पंजीकृत.
- अब तक 15 हजार 92 अनुबंध निर्मित.
- 46 क्षेत्रों के 700 से अधिक पाठ्यक्रमों में मिलेगा प्रशिक्षण.
सीखो-कमाओ योजना- त्रिवेणी से पूरे होंगे 3 बड़े उद्देश्य
- इस योजना के माध्यम से प्रदेश का युवा बल, उद्योग जगत और सरकार की त्रिवेणी आ रही एक साथ.
1. युवा बल के लिए खुलेंगे रोजगार के द्वार.
2. उद्योगों को मिलने लगेंगे कुशल कामगार.
3. प्रदेश को मिलेगी प्रगति की तेज रफ्तार.
युवाओं के लिए खुलेंगे रोजगार के द्वार
- सीखो कमाओ ‘लर्न एंड अर्न’ कार्यक्रम है, जिसमें युवाओं को जॉब ओरिएंटेड स्किल ट्रेनिंग मिलेगी.
- छात्रों को कार्य क्षेत्र में रहकर अनुभव प्राप्त करने और अपने कौशल विकसित करने का अवसर मिलेगा.
- प्रशिक्षण के साथ ही प्रतिमाह स्टाइपेंड भी मिलेगा ताकि वे प्रशिक्षण के दौरान अपने खर्च उठा सकें
12वीं उत्तीर्ण को रु. 8000,
आईटीआई उत्तीर्ण को रु. 8500,
डिप्लोमा उत्तीर्ण को रु. 9000
स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता को रु. 10000
- ट्रेनिंग की फीस जुटाने के लिए उन्हें अपने माता-पिता पर बोझ नहीं डालना होगा.
- इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद छात्रों को नौकरी पाने में आसानी होगी, क्योंकि उनके पास पहले से ही नौकरी के लिए आवश्यक कौशल और अनुभव होगा.
अभ्यर्थियों को मिलने वाले लाभ
- उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण.
- नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रक्रिया के माध्यम से प्रशिक्षण.
- व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेंड.
- मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) द्वारा स्टेट कौंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (SCVT) का प्रमाणन.
- नियमित रोज़गार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित करना.
- उद्योगों को मिलेंगे कुशल कामगार
- इस योजना के माध्यम से उद्योगों को अपनी जरूरत के अनुसार युवाओं का कौशल संवर्धन करने का अवसर मिलेगा.
- प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण प्रदाता प्रतिष्ठान छात्रों की परख करके, औप प्रशिक्षण के बाद इन छात्रों को अपने संस्थान में नौकरी दे सकेंगे.
- इस प्रकार उद्योगों को कुशल और अनुभवी कर्मचारियों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
- उद्योगों को कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की लागत कम होगी, क्योंकि छात्रों को पहले से ही कुछ कौशल और अनुभव प्राप्त होगा.
- एक छात्र-अभ्यर्थी पर प्रतिमाह 75% स्टाइपेंड की बचत होगी.
- एक छात्र-अभ्यर्थी पर प्रतिमाह अधिकतम रु. 9,000/- तक की बचत होगी.
- छात्र-अभ्यर्थी पर एपीएफ, बोनस एवं इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट नहीं होगा लागू.
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