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Sunday, 22 December, 2024
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‘विपक्ष से सहमत हूं मणिपुर में हिंसा हुई, हम लोग निराश हैं,’ अमित शाह बोले- राजनीति करना शर्मनाक

मणिपुर हिंसा पर विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर शाह ने कहा, मैं मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से बातचीत में शामिल होने की अपील करता हूं, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है...

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नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को राहुल गांधी के दिए गए भाषण का जवाब देते हुए और केंद्र मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधा. मणिपुर के मुद्दे पर बोले, मैं मानता हूं कि मणिपुर में हिंसा की घटनाएं हुई हैं. ऐसी घटनाओं का कोई भी समर्थन नहीं कर सकता. इन घटनाओं पर राजनीति करना शर्मनाक है. मैं पहले दिन से ही मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार था लेकिन विपक्ष कभी चर्चा नहीं करना चाहता था…आप मुझे चुप नहीं करा सकते क्योंकि 130 करोड़ लोगों ने हमें चुना है इसलिए उन्हें हमारी बात सुननी होगी. मणिपुर में हमारी सरकार के पिछले छह वर्षों के दौरान कर्फ्यू की आवश्यकता कभी नहीं पड़ी.

मणिपुर हिंसा पर विपक्षी पार्टियों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दूसरे दिन गृहमंत्री अमित शाह जवाब दिया. शाह ने कहा, “पिछले नौ वर्षों में, पूर्वोत्तर में मोदी सरकार के तहत लगभग 8,000 सशस्त्र चरमपंथियों ने आत्मसमर्पण किया. यूपीए के शासन के दौरान, पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्य जल रहे थे और व्यापक हिंसा के कारण लगभग 6,000 लोग मारे गए थे.”

हालांकि शाह ने इस दौरान कहा कि मैं खुद तीन दिन और तीन रात मणिपुर में रहा और अभी भी हम कुकी और मैतेई समुदाय से बात कर रहें. हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है…मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम राज्य में शांति लाएंगे. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए.

उन्होंने आगे कहा, मणिपुर से आए महिलाओं का वायरल वीडियो संसद के मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ही क्यों सामने आया? अगर किसी के पास वीडियो था तो उसे पुलिस तंत्र को या संसद को देना चाहिए था. इसे सार्वजनिक करने की क्या जरूरत थी? महिलाओं के सम्मान की चिंता करनी चाहिए. चार तारीख की घटना का वीडियो था, अगर उसे सार्वजनिक करने की जगह डीजीपी तक पहुंचाया जाता तो पांच को ही कार्रवाई हो जाती.

अनुच्छेद 370 लाना नेहरू की गलती

शाह ने इस दौरान जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर कहा, जम्मू कश्मीर में अनुछेद 370 लाना नेहरू की सबसे बड़ी गलती थी.

शाह ने सवाल करते हुए पूछा, ये बताएं कि कश्मीर पर शासन किसने किया? किन परिवारों ने किया? महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और गांधी परिवार ने.

उन्होंने कहा, आज जम्मू-कश्मीर में पथराव की घटनाएं बंद हो गई हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस एक्टिव होकर आतंकवाद का सामना कर रही है. जम्मू में नई हाई सिक्योरिटी जेल बनाई गई है. मंदिरों को प्रोटेक्शन दी गई है. हिंदू संपत्ति वापस देने का कानून लाए हैं. टूरिज्म का विकास हुआ है. 2022 में 1 करोड़ 80 लाख पर्यटक जम्मू-कश्मीर गए हैं. 33 साल के बाद मोदी सरकार में वहां थियेटर चालू हुआ है. पहली बार मुहर्रम का त्योहार शुरू हुआ है.

आगे बोले, पहले सरहद के उस पार से आतंकवादी घुस जाते थे और जवानों के सिर काटकर ले जाते थे, कोई जवाब नहीं देता था. दो बार पाकिस्तान ने हिमाकत की, एक बार सर्जिकल स्ट्राइक और दूसरी बार एयर स्ट्राइक करके पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकवादियों को खत्म करने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया. हम हुर्रियत, जमीयत और पाकिस्तान से नहीं, बल्कि कश्मीर घाटी के युवाओं से बात करेंगे.

मोदी सरकार द्वारा उठाए गए आंतरिक सुरक्षा उपायों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोले, हमने देश में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया और देश में 90 से अधिक स्थानों पर छापे मारे. लंदन, ओटावा और सैन फ्रांसिस्को में हमारे दूतावसों पर हमलों से संबंधित मामले एनआईए को सौंप दिए गए. 26/11 तहव्वुर हुसैन राणा को भी जल्द ही भारत में न्यायपालिका का सामना करना पड़ेगा.

अविश्वास प्रस्ताव लाना केवल भ्रम पैदा करना है 

यूपीए के चरित्र को भ्रष्टाचार बताते हुए कहा कि, यूपीए का चरित्र अपनी सरकार बचाने के लिए भ्रष्टाचार करना है. UPA का चरित्र है- सरकार के सामने अविश्वास का प्रस्ताव आए या अविश्वास का प्रस्ताव न लाए, इसलिए वो (मनमोहन सरकार) विश्वास का प्रस्ताव स्वयं लाए और बचने के लिए सारे सिद्धांत, चरित्र, लोकसभा के नियम, कानून, हमारी परंपराएं त्यागकर,ऐन-केन प्रकारेण से सत्ता को संभालना और सत्ता पर काबिज रहना, यही इनका चरित्र है.

अमित शाह ने कहा कि विपक्ष ने सदन में बहुमत होने के बावजूद केवल भ्रम पैदा करने के लिए मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है. ये प्रजा की ईच्छाओं का प्रतिबिंब नहीं है और इसे “राजनीति से प्रेरित” बताया. यह अविश्वास प्रस्ताव देश में विपक्ष का असली चरित्र दिखाएगा. “प्रधानमंत्री ने इस देश के गरीबों को नई आशा दी है. इस देश में कहीं भी अविश्वास की झलक नहीं है. देश में पीएम और इस सरकार को लेकर कोई अविश्वास नहीं है. लोगों को पीएम पर पूरा भरोसा है.

अल्पमत का तो सवाल ही नहीं है, क्योंकि जो अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में बोले हैं और जो समर्थन सदन में दिखाई पड़ा है, वो बताता है कि अल्पमत का सवाल ही नहीं है.

आगे बोले, जनता में भी विश्वास है, क्योंकि देश के करोड़ों गरीबों के जीवन में नई आशा का संचार अगर किसी प्रधानमंत्री और सरकार ने किया है तो वह नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है.

13 बार लॉन्च किया गया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कलावती के बारे में बताते हुए कहा, इस सदन में एक ऐसे नेता हैं जिन्हें 13 बार लॉन्च किया गया और 13 ही बार विफल रहे. उनका एक लॉन्च मैंने भी देखा जब वे बुंदेलखंड की महिला कलावती से मिलने गए थे. लेकिन उन्होंने कलावती के लिए क्या किया? कलावती को घर, बिजली, गैस आदि देने का काम नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया.


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