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Saturday, 28 September, 2024
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सोनिया गांधी से मिले लालू और नीतीश, कहा – ‘2024 में BJP को हराना है, देश बचाना है’

अगस्त में बिहार में सरकार बनाने के लिए बीजेपी से नाता तोड़ने और आरजेडी-कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद से नीतीश की सोनिया गांधी से यह पहली मुलाकात है.

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नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. 2024 के आम चुनावों में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए बैठक की गई है.

सोनिया से बैठक के बाद लालू प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हमें बीजेपी को हटाना है और देश को बचाना है. उसके लिए हम सभी को एक साथ आना होगा जिस तरह से हमने बिहार में बीजेपी को हटाया था. हमारी सोनिया गांधी से बातचीत हुई है. कांग्रेस पार्टी को नया अध्यक्ष मिलने के बाद उन्होंने हमें 10-12 दिनों के बाद फिर से मिलने के लिए कहा है.’

वहीं, नीतीश ने कहा कि हम दोनों ने सोनिया गांधी से बातचीत की है. हमें एकजुट होकर देश की प्रगति के लिए काम करना है. उनकी पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव है जिसके बाद वो बात सबके सामने रखेंगी.

विपक्षी एकता बनाने के लिए 10 जनपथ पर हुई इस बैठक को बहुत अहम माना जा रहा है क्योंकि कांग्रेस और कुछ क्षेत्रीय दलों के बीच मतभेदों को सुलझाने की कोशिशें जारी है.

अगस्त में बिहार में सरकार बनाने के लिए बीजेपी से नाता तोड़ने और आरजेडी-कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद से नीतीश की सोनिया गांधी से यह पहली मुलाकात है.

एक दिन पहले, नीतीश ने कांग्रेस और वामपंथी दलों सहित सभी विपक्षी दलों को बीजेपी से मुकाबला करने के लिए एकजुट करने का आह्वान किया और कहा कि यह ‘विपक्ष का मुख्य मोर्चा’ सुनिश्चित करेगा कि भगवा पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में बुरी तरह हार जाए.

नीतीश ने हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की ओर से पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की जयंती के मौके पर आयोजित एक रैली में कहा कि अगर सभी गैर-भाजपा दल एकजुट हों तो देश को तबाह करने वालों से छुटकारा मिल सकता है.

इनेलो नेता ओम प्रकाश चौटाला, शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, जिनका कांग्रेस के साथ टकराव का लंबा इतिहास रहा है, दोनों नेता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी और शिवसेना के अरविंद सावंत जैसे अन्य नेता वरिष्ठ नेताओं के साथ मंच पर थे .

बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव भी मंच पर थे, जिसे गैर-भाजपा दलों के बीच एकता की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि कांग्रेस की ओर से कोई भी रैली में शामिल नहीं हुआ.


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