scorecardresearch
Wednesday, 25 December, 2024
होमराजनीतिकेरल में दक्षिणी राज्य की 'CSR party' ट्वेंटी-20 ने AAP के साथ क्यों किया गठबंधन

केरल में दक्षिणी राज्य की ‘CSR party’ ट्वेंटी-20 ने AAP के साथ क्यों किया गठबंधन

किड्स गारमेंट्स की दुनिया में दूसरे सबसे बड़े निर्माता एम. साबू जैकब के नेतृत्व में ट्वेंटी20 की स्थापना की गई थी. हाल ही में इस पार्टी ने पीपुल्स वेलफेयर एलायंस बनाने के लिए ‘आप’ के साथ गठबंधन किया है.

Text Size:

नई दिल्ली: केरल के कोच्चि के पास किझक्कमबलम में रविवार को एक सभा को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद और वंदे मातरम के नारे लगाए और मुट्ठी बंद हाथ को हवा में लहराते हुए केरल में चौथे राजनीतिक गठबंधन के आगमन की घोषणा कर दी.

केरल के राजनीतिक परिदृश्य में पहले से ही सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ), कांग्रेस की अगुवाई वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) मौजूद हैं. फिलहाल पीपुल्स वेलफेयर एलायंस (PWA) इन सबके साथ मुकाबला करने के लिए तैयार है.

केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी और केरल के क्षेत्रीय दल ट्वेंटी 20 के बीच यह एक गठजोड़ है जिसे पीपुल्स वेलफेयर एलायंस (PWA) नाम दिया गया है. दरअसल ट्वेंटी 20 किटेक्स गारमेंट्स के कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) विंग से खड़ा हुआ एक राजनीतिक दल है, जो बच्चों के कपड़े बनाने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है. इसका मुख्यालय केरल में है.

हिंदी में बोलते हुए केजरीवाल ने भीड़ के सामने घोषणा की कि दिल्ली में बदलाव लाने और पंजाब में मौका दिए जाने के बाद अब केरल को बदलने का समय आ गया है.

मंच पर केजरीवाल के साथ किटेक्स के प्रबंध निदेशक और ट्वेंटी-20 के मुख्य समन्वयक एम. साबू जैकब भी मौजूद थे.

मंगलवार को दिप्रिंट से बात करते हुए जैकब ने कहा कि आप के सदस्य पंजाब में पार्टी की जीत के तुरंत बाद उनके पास पहुंचे. उन्होंने कहा, ‘वह केजरीवाल के साथ इस कार्यक्रम की योजना बनाने के लिए पार्टी के संपर्क में थे.’

केजरीवाल के बारे में जैकब ने कहा कि पंजाब चुनाव में जीत के बाद केजरीवाल से पहली मुलाकात के बाद उन्हें एहसास हुआ कि वे दोनों समान विचारधारा वाले हैं. उन्होंने कहा कि केजरीवाल बातचीत में बहुत ही सरल और सहज हैं.

वह बताते हैं, ‘ट्वेंटी20 और आप में कई समानताएं हैं. दोनों पार्टियां भ्रष्टाचार विरोधी हैं. हमारे 99 प्रतिशत विचार एक-दूसरे से मिलते है. जैकब ने कहा, ‘इसके अलावा हम दोनों में से कोई भी (केजरीवाल या वह) राजनेता नहीं है. एक का संबंध बिजनेस से है तो दूसरा सिविल सेवा (केजरीवाल) से इस ओर आया है. हमें राजनीति में आने के लिए मजबूर किया गया है.’

एर्नाकुलम जिले में रहने वाले जैकब ने पिछले साल जुलाई में केरल से 3,500 करोड़ रुपये की परियोजना को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना और इसे तेलंगाना ले गए. इसका कारण? केरल जिसे अक्सर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण ‘ईश्वर का अपना देश’ कहा जाता है आज ‘शैतान का अपना देश’ बन गया है. जैकब ने इस परिवर्तन के लिए कई आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया.

आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने दिप्रिंट को बताया कि पार्टी की योजना पूरे देश में अपना विस्तार करने की है और केरल उस यात्रा का हिस्सा है.

मेडिकल कैंप से राजनीति तक, ग्राम पंचायत चुनाव में मिले 69 फीसदी वोट

किटेक्स गारमेंट्स अन्ना-काइटेक्स समूह का एक ऑफ-शूट है, जिसकी स्थापना 1968 में साबू जैकब के पिता एम.सी. जैकब ने की थी. गारमेंट्स कंपनी साल 1992 में इसमें शामिल हुई थी.

वह गांव जहां अब यह औद्योगिक इकाई स्थापित है और जहां से ट्वेंटी 20 की शुरूआत की गई, साबू जैकब का जन्मस्थान भी है.

यह बताते हुए कि ट्वेंटी 20 कैसे अस्तित्व में आया, जैकब ने कहा कि 2012 में उनकी कंपनी ने गांव में एक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया और पाया कि लोग मेडिकल, आवास, पानी और बिजली जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं.

उन्होंने बताया कि शिविर के बाद, किटेक्स ने एक सर्वे कराया था. सर्वे से पता चला कि गांव के 242 परिवारों के पास शौचालय की सुविधा नहीं थी और 225 परिवार बिना बिजली के अपना जीवन यापन कर रहे थे. इसके अलावा और भी बहुत सी समस्याएं थी. 2011 में गांव की अनुमानित जनसंख्या 23,186 थी.

जैकब ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक पहुंच वाले सभी नेता शुरू में बेहद मददगार थे, लेकिन बाद में सभी गायब हो गए.

जैकब ने कहा , ‘मैं एक आदर्श गांव बनाने के लिए इसे आगे बढ़ाना चाहता था’ और ऐसा करने के मेरे प्रयास ‘सत्ता में बैठे लोगों को परेशान करने लगे.’

इसलिए 28 अगस्त 2014 को ट्वेंटी 20 ने अगले साल ग्राम पंचायत चुनाव लड़ने का फैसला किया और सीएसआर संस्था को एक राजनीतिक दल में बदल दिया. जैकब के मुताबिक, उन्होंने ट्वेंटी 20 नाम इसलिए चुना क्योंकि उन्हें लगा था कि वह 2020 तक किझाक्कम्बलम की स्थिति में सुधार कर सकते हैं. इसके नाम का क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं है.

2015 के ग्राम पंचायत चुनावों में नई पार्टी ने सभी को चौंका दिया था. इसने किज़क्कम्बलम ग्राम पंचायत की 19 में से 17 सीटों पर 69 प्रतिशत वोटों के साथ जीत हासिल की थी. फिर 2020 में ट्वेंटी20 ने किज़क्कम्बलम के अलावा तीन अन्य पंचायतों ऐक्करनडु, कुन्नाथुनाड और मज़ुवन्नूर पर भी जीत का सेहरा अपने नाम किया.

हालांकि AAP के साथ गठबंधन की बातचीत हाल ही में शुरू हुई है, लेकिन जैकब ने कहा कि वह पार्टी को कुछ साल पहले से जानते हैं. क्योंकि आप ने 2018 में ट्वेंटी 20 के मॉडल का अध्ययन करने के लिए यहां अपनी एक टीम भेजी थी.

जैकब ने दावा किया कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने नहरों की सफाई का काम पूरा कर लिया है और उन सभी गांवों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है जहां ट्वेंटी 20 पंचायत का नेतृत्व कर रहा है.

जैकब के लिए, ‘कांग्रेस, कम्युनिस्ट और बीजेपी’ में कोई अंतर नहीं है.


यह भी पढ़ें : अब BJP का रुख? चुनावी राज्य गुजरात में क्या है हार्दिक पटेल के इस्तीफे का मतलब


‘स्थिति बिगड़ रही है’

एक बड़ी व्यावसायिक परियोजना को तेलंगाना स्थानांतरित करने के अपने फैसले के बारे में पूछे जाने पर जैकब ने कहा, ‘स्थिति (राज्य में) हर दिन खराब हो रही थी’

उन्होंने बताया, ‘मैंने यहां बने रहने की पूरी कोशिश की लेकिन स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही थी. राज्य अब शैतान का अपना देश बन गया है. केरल में कोई निवेश नहीं कर रहा है. कोई सरकारी समर्थन नहीं है, कई राजनीतिक मुद्दे (राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता), कोई प्रोत्साहन और कोई सुरक्षा नहीं है. कभी भी, कुछ भी हो सकता है.’

पिछले साल दिसंबर में, उनकी कंपनी के 160 से अधिक कर्मचारियों को क्रिसमस पर पुलिसकर्मियों पर हमला करने और पुलिस वाहनों को नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. जैकब ने इसे अपने खिलाफ सरकार की दुश्मनी बताया था.

हालांकि राज्य में राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि काइटेक्स बेहतर तरीके से काम कर रहा है. कंपनी पार्टी को फंड करती है और पार्टी ने एक अलग तरह की राजनीति से रूबरू कराया है. लेकिन वे इसे किज़क्कम्बलम से आगे जाते हुए नहीं देखते हैं.

2021 के राज्य चुनावों में पार्टी एक भी सीट जीतने में विफल रही. कुन्नाथुनाड सहित एर्नाकुलम जिले के सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा था जिसे उसका गढ़ माना जाता है.

‘लोगों की जरूरतें पूरे देश में एक जैसी’

चुनाव के लिए भविष्य की किसी भी योजना का खुलासा करने से इनकार करते हुए जैकब ने कहा कि योजनाओं को अभी औपचारिक रूप दिया जाना बाकी है. अगले 60 दिनों में इसका खुलासा कर दिया जाएगा. राज्य में अगले विधानसभा चुनाव अभी चार साल दूर हैं.

फिलहाल तो इनका पूरा ध्यान बूथ स्तर पर ट्वेंटी-20 और आप की उपस्थिति का विस्तार करने पर है.

कैसे भाजपा जैसा राष्ट्रीय दल केरल में सेंध लगाने में विफल रहा हैं, इस सवाल को एक तरफ रखते हुए गोपाल राय ने कहा कि AAP केवल अपने और राज्य के लोगों को बुनियादी आवश्यकताएं और सेवाएं देने के अपने मिशन पर केंद्रित है.

राय ने कहा, ‘सांस्कृतिक मतभेद हो सकते हैं, जो पूरे देश में मौजूद हैं. हालांकि, लोगों की जरूरतें पूरे देश में एक जैसी हैं और हमारा ध्यान उसी पर है.’

पार्टी ने इस साल की शुरुआत में गोवा राज्य का चुनाव भी लड़ा था. लेकिन वहां हार का सामना करना पड़ा. 40 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी को केवल दो सीटें ही मिल पाईं थीं.

आप अब गुजरात में अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिशों में जुटी है. यहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं.

माकपा सरकार के एक पूर्व वरिष्ठ सलाहकार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि आप और ट्वेंटी 20 के बीच पूरे ‘प्रयोग’ को एक दिखावा बताया और कहा कि उन्हें नहीं लगता कि जनता के बीच ये काम कर पाएगा.

उन्होंने कहा, ‘ट्वेंटी20 अपने काम के लिए जानी जाती है. स्थानीय सरकार में अपनी मौजूदगी से परे वह अगर कुछ भी करती है तो उसमें सफलता मिल पाएगी, इसे लेकर संदेह है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें : BJP और कांग्रेस की मानसिकता है कि इनके अलावा कोई और पार्टी न हो: ओवैसी


 

share & View comments