जयपुर: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) कम नहीं किए जाने को मुख्यमंत्री की हठधर्मिता बताते हुए उसकी आलोचना की है.
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री की इस हठधर्मिता की आलोचना करता हूं. जब देश के 22 राज्य जनता के लिए अपना वैट कम कर सकते हैं और केन्द्र ने भी अपना उत्पाद शुल्क घटाया है तो राजस्थान के मुख्यमंत्री का भी यह धर्म बनता है कि राज्य जहां देश में सबसे अधिक वैट है, उसको घटाे जिससे राज्य के उपभोक्ता को राहत मिले.’
केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल क़ीमतों में छूट देकर आम जनता को राहत दी है तो राजस्थान के मुख्यमंत्री को भी हठधर्मिता छोड़कर पेट्रोल और डीज़ल वेट दर जो की देश में सबसे ज़्यादा हैं उसको घटाना चाहिए। pic.twitter.com/JZ3GuFzUsS
— Gulab Chand Kataria (@Gulab_kataria) November 8, 2021
उन्होंने कहा, ‘नहीं तो बीजेपी को अब सड़कों पर आकर अन्य राज्यों की तरह वैट घटाने के लिए राजस्थान को मजबूर करना पड़ेगा.’
वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी इस मुद्दे पर राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने शासन में आने के बाद पेट्रोल पर 12 प्रतिशत और डीजल पर 10 प्रतिशत वैट बढ़ाया है और अब ये कह रहे हैं कि सरकार को 1800 करोड़ रुपए का नुकसान होगा.
राठौड़ ने दावा किया कि राज्य में पेट्रोल पर 36 प्रतिशत और डीजल पर 26 प्रतिशत जो वैट है वह मुल्क में सबसे ज्यादा है.
उन्होंने कहा कि राजस्थान के पड़ोसी राज्यों खासतौर से पंजाब और हरियाणा में पेट्रोल 20 रुपए और डीजल 22 रुपए सस्ता मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उस कांग्रेस सरकार की अगुवाई कर रहे है जिन्होंने जन घोषणा पत्र में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे मे लाने के लिए विधानसभा में संकल्प पारित करके जीएसटी काउंसिल में भेजने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि अब तक जीएसटी काउंसिल की 14 बैठकें हो चुकी हैं लेकिन एक भी बैठक में राजस्थान के प्रतिनिधि ने यह बात नहीं की.
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