scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमराजनीतिकार्ति चिदंबरम बोले, BJP के ‘हिंदी-हिंदुत्व’ के एजेंडे से कुढ़न होती है, कमल हासन को बताया ‘सुपर-नोटा’

कार्ति चिदंबरम बोले, BJP के ‘हिंदी-हिंदुत्व’ के एजेंडे से कुढ़न होती है, कमल हासन को बताया ‘सुपर-नोटा’

तमिलनाडु के शिवगंगा से लोकसभा सदस्य कार्ति ने अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि तमिलनाडु के लोग ऐसी कोई सरकार नहीं चाहते हैं जिस पर भाजपा की किसी तरह की छाया हो क्योंकि उन्हें इसके ‘हिंदी-हिंदुत्व’ के एजेंडे से कुढ़न होती है.

Text Size:

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने अभिनय से राजनीति में कदम रखने वाले कमल हासन को ‘सुपर-नोटा’ करार देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि हासन की पार्टी ‘मक्कल नीधि मय्यम’ (एमएनएम) तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीतेगी.

तमिलनाडु के शिवगंगा से लोकसभा सदस्य कार्ति ने अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन पर भी निशाना साधा और कहा कि तमिलनाडु के लोग ऐसी कोई सरकार नहीं चाहते हैं जिस पर भाजपा की किसी तरह की छाया हो क्योंकि उन्हें इसके ‘हिंदी-हिंदुत्व’ के एजेंडे से कुढ़न होती है.

उन्होंने  भाषा को दिए इंटरव्यू  में यह दावा किया कि द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन इस चुनाव में कुल 234 सीटों में से 200 से अधिक सीटें जीतेगा.

तमिलनाडु में सभी सीटों पर छह अप्रैल को मतदान होना है.

कार्ति ने कहा, ‘लोग ऐसी सरकार नहीं चाहते जो तमिल भावनाओं, तमिल भाषा और तमिल इतिहास का सम्मान नहीं करती है. वे ऐसी सरकार भी नहीं चाहते जिस पर किसी तरह से भाजपा की छाया हो.’

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं के आक्रामक चुनाव प्रचार के बावजूद केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी का तमिलनाडु में खाता नहीं खुलेगा.


य़ह भी पढ़ें: भाजपा को तमिलनाडु के कोयंबटूर दक्षिण सीट पर क्यों है जीत का भरोसा


कमल हासन की पार्टी के असर के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘हासन सिर्फ ‘सुपर-नोटा’ हैं. वह एक भी सीट नहीं जीतेंगे और उनकी सतत चलने वाली पार्टी नहीं है. चुनाव के समय वे जमा होते हैं और चुनाव के बाद गायब हो जाते हैं.’

उल्लेखनीय है कि ‘नोटा’ ईवीम पर ‘नन ऑफ द एवव’ (इनमें से कोई नहीं) का एक विकल्प होता है. अगर कोई मतदाता चुनाव में खड़े उम्मीदवारों में से किसी को मत नहीं देना चाहता है तो वह नोटा का उपयोग कर सकता है. यह व्यवस्था 2013 में उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद लागू हुई थी.


य़ह भी पढ़ें: कोरोना का बढ़ा कहर, मध्य प्रदेश के 4 जिले, छत्तीसगढ़ के दुर्ग और महाराष्ट्र के पुणे में लॉकडाउन


 

share & View comments