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Wednesday, 20 November, 2024
होमचुनावकर्नाटक विधानसभा चुनाव'कांग्रेस की लंका जल कर होगी खाक', कर्नाटक मेनिफेस्टो पर बढ़ा विवाद, विज बोले—हनुमान जी से लिया पंगा

‘कांग्रेस की लंका जल कर होगी खाक’, कर्नाटक मेनिफेस्टो पर बढ़ा विवाद, विज बोले—हनुमान जी से लिया पंगा

कर्नाटक में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में जाति और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने के लिए बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों पर बैन लगाने का वादा किया है.

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नई दिल्लीः इस महीने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने मंगलवार को अपना मेनिफेस्टो जारी किया जिसमें पार्टी ने वादा किया कि अगर सरकार बनी तो बजरंग दल को प्रतिबंधित कर देगी. जहां एक ओर देशभर में बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं भाजपा के नेताओं की भी बजरंग बली को लेकर बयानबाजी जारी है.

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा है कि कांग्रेस ने हनुमान जी से पंगा ले लिया है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पहले कांग्रेस ने राम मंदिर निर्माण में अड़चन डाल कर श्रीराम की नाराजगी मोल ली थी तो कांग्रेस अपने पैरों पर खड़ा होने लायक नहीं बची थी.’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘अब कांग्रेस ने हनुमान जी से पंगा लिया है तो निश्चित है हनुमान जी कांग्रेस की लंका जला कर खाक कर देंगे.’’

गौरतलब है कि कर्नाटक में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में जाति और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने के लिए बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों पर बैन लगाने का वादा किया है.

कांग्रेस ने घोषणापत्र में कहा है, ‘‘हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र है. कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे.’’

बुधवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में कांग्रेस के मुख्यालय के सामने इसका घोषणापत्र जलाकर विरोध जताया. हैदराबाद में भी कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जिसके बाद पुलिस ने संगठन के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है.

इससे पहले दिन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि ज़रूरत पड़ने पर राज्य में बजरंग दल को बैन करने पर विचार किया जाएगा.

उन्होंने कहा था, ‘‘यहां बजरंगियों ने जो गड़बड़ की है, उसको हम लोगों ने ठीक कर दिया है. ज़रूरत पड़ी तो छत्तीसगढ़ में भी बजरंग दल पर बैन लगाने का सोचेंगे. अभी कर्नाटक की समस्या के हिसाब से वहां बैन करने की बात कही गई है.’’

उन्होंने ये भी कहा था, ‘‘बजरंग बलि हमारे आराध्य हैं उनके नाम पर कोई गुंडागर्दी करे ये उचित नहीं है.’’

वहीं, बुधवार को कर्नाटक में अपनी सभी चुनावी जनसभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जय बजरंग बली’ के नारे लगाए.

‘भारत माता की जय’ के साथ-साथ मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत और अंत में दक्षिण कन्नड़ जिले के मुल्की, उत्तर कन्नड़ के अंकोला और बेलगावी जिले के बेलहोंगल में ‘जय बजरंग बली’ का नारा बुलंद किया.

इससे पहले मंगलवार को पीएम ने कहा था, ‘‘कांग्रेस ने पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है.’’

मोदी ने कहा, ‘‘यह देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस पार्टी को प्रभु श्री राम से भी तकलीफ होती थी और अब जय बजरंगबली बोलने वालों से भी तकलीफ हो रही है.’’

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेताओं ने बजरंग दल को ‘देश का गौरव’ बताते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने वादा वापस नहीं लिया तो तो बड़े पैमाने पर देशव्यापी आंदोलन होगा.

घोषणापत्र के इस वादे को लेकर ऊपजे विवाद पर राजस्थान के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, ‘‘कांग्रेस स्वयं बजरंग बली की भक्‍त है. वह सिर्फ धर्म के नाम पर टकराव पैदा करने वालों पर प्रतिबंध लगाती है.’’

अपने हनुमान चालीसा पढ़ने का दावा करते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘मैं ही कांग्रेस हूं…मेरे जैसे लाखों-करोड़ों कार्यकर्ता कांग्रेस हैं. बजरंग बली पर कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा… कोई नेता प्रतिबंध नहीं लगा सकता, क्‍योंक‍ि बजरंग बली के लिए कहा जाता है…चारों जुग प्रताप हमारा…’’


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