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Wednesday, 8 May, 2024
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कर्नाटक में कांग्रेस के घोषणापत्र से मचा बवाल, बघेल बोले- बैन बजरंग बलि पर नहीं, बजरंग दल पर लगेगा

प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस मुख्यालय के सामने हनुमान चालीसा का पाठ किया और कांग्रेस के मैनिफेस्टो को जलाकर अपना विरोध जताया. हैदराबाद में पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है.

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नई दिल्ली: आगामी 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जमकर प्रचार में जुटे हुए हैं. इसी बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है.

दरअसल, कांग्रेस ने चुनाव से पहले मंगलवार को जारी किए अपने घोषणापत्र में वादा किया कि जाति और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने के लिए बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी और ऐसे संगठनों को प्रतिबंधित भी किया जा सकता है.

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को ‘‘सर्व जनांगदा शान्तिय तोटा’’ नाम दिया. इसे लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नाराज़ होकर देशभर में व्यापक प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस मुख्यालय के पास प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने मांग की कि पार्टी कर्नाटक में सत्ता में आने पर संगठन पर प्रतिबंध लगाने के अपने वादे को वापस ले.

प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस मुख्यालय के सामने हनुमान चालीसा का पाठ किया और कांग्रेस के मैनिफेस्टो को जलाकर अपना विरोध जताया.

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ये मुद्दा कर्नाटक से निकल कर भारत के कई चुनावी राज्यों तक पहुंच गया है, जिसे लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा कि ज़रूरत पड़ने पर राज्य में भी इसे बैन किया जाएगा.

बघेल ने कहा, ‘‘यहां बजरंगियों ने जो गड़बड़ की है, उसको हम लोगों ने ठीक कर दिया है. ज़रूरत पड़ी तो छत्तीसगढ़ में भी बजरंग दल पर बैन लगाने का सोचेंगे. अभी कर्नाटक की समस्या के हिसाब से वहां बैन करने की बात कही गई है.’’

बघेल ने कहा, ‘‘मोदी जी फेंकने में बहुत माहिर हैं…जो चीज पाकिस्तान में हुई है उसे बिहार का बता देते हैं. जनसंख्या जितनी नहीं है उतना बता देते हैं. बैन बजरंग दल पर लगाने की बात हुई है बजरंग बलि पर नहीं, बजरंग बलि हमारे आराध्य हैं उनके नाम पर कोई गुंडागर्दी करे ये उचित नहीं है.’’

इस बीच, मंगलवार को पीएम मोदी ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य देखिए, मैं आज जब यहां हनुमान जी को नमन करने आया हूं उसी समय कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है. पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है.’’

पीएम मोदी ने विजयनगर में एक रैली में कहा, ‘‘कांग्रेस ने भगवान राम को ताले में बंद रखा और अब बजरंग बली को कैद करना चाहते हैं.’’

‘बजरंग दल देश का गौरव’

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेताओं ने बजरंग दल को ‘देश का गौरव’ बताते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने वादा वापस नहीं लिया तो तो बड़े पैमाने पर देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा.

विहिप प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बजरंग दल एक ऐसा संगठन है, जो राष्ट्रवाद की लौ जलाता है, लाखों महिलाओं की लाज बचाता है, गौ माता को वध से बचाता है और देश में लाखों लोगों को बचाने के लिए रक्तदान करता है. बजरंग दल देश का गौरव है और कांग्रेस इसकी तुलना प्रतिबंधित आतंकी संगठन पीएफआई से करती है.’’

इस बीच, हैदराबाद में कांग्रेस के घोषणापत्र के खिलाफ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है.

वहीं, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘‘कांग्रेस बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है. बजरंग दल प्रखर राष्ट्रवादी संगठन है, आतंकवाद का विरोध करता है. बजरंग दल लव जिहाद का विरोध करता है. बजरंग दल की तुलना PFI से, आतंकवादी संगठन से. आज कांग्रेस का चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया है.’’

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को मुस्लिम घोषणा पत्र बता डाला. उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमान घोषणा पत्र है और जिन्ना भी ऐसा मेनिफेस्टो नहीं जारी करते.’’


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