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Thursday, 25 April, 2024
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अप्रैल अंत तक तेजी से बढ़ सकते हैं कर्नाटक में कोविड-19 के मामले, अभी लंबी लड़ाई बाकी है: येदियुरप्पा

दिप्रिंट को दिए एक्सक्लूसिव साक्षात्कार में, सीएम येदियुरप्पा का कहना है कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद से कर्नाटक को 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और राजस्व पाने के लिए शराब के आउटलेट खोलने पर विचार किया जा रहा है.

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बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि राज्य में अप्रैल के अंत तक और मई की शुरुआत में कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं और इसके खिलाफ अभी लंबी लड़ाई बाकी है.

दिप्रिंट को दिए साक्षात्कार में येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य को लॉकडाउन के कारण 1500 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा हुआ है जो शराब की दुकानों को खोलने पर विचार करने और संगठित क्षेत्रों में काम कर रहे उद्योगों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को काम करने की अनुमति देने पर मजबूर करता है.

येदियुरप्पा ने कहा कि उनकी सरकार दो स्तरों पर परेशान हैं- पहली, अर्थव्यवस्था और दूसरी महामारी.

‘कोविड-19 के मामलों में तेज़ी आने का अनुमान’

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सरकार को बताया है कि ‘अप्रैल अंत और मई की शुरुआत तक संक्रमित मामलों में तेजी आ सकती है’.

डॉ देवी शेट्टी की अध्यक्षता में बने विशेषज्ञों के पैनल ने हालांकि जो रिपोर्ट पेश की है उसमें कहा है कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन को जारी रखने का कोई ‘स्वास्थ्य कारण’ नहीं है. रिपोर्ट में लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाने की सिफारिश की गई है लेकिन इस बात को दोहराया गया है कि लोगों को घरों में रहने और किसी के संपर्क में आने से बचना चाहिए.

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लेकिन कर्नाटक कैबिनेट ने लॉकडाउन बढ़ाने की सिफारिश की है.


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येदियुरप्पा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के लॉकडाउन पर फैसले का हम इंतजार करेंगे. डॉ शेट्टी ने अप्रैल के अंत तक कोविड के मामलों में तेज़ी आने की तरफ इशारा किया है. मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे अनुशासन बनाए रखें और अगर हमें इस चेन को तोड़ना है तो सभी को घरों में रहना चाहिए.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग 21 दिन के लॉकडाउन के प्रति सही रवैया नहीं दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘अभी तक हमने राज्यभर में 28 हज़ार वाहनों को पकड़ा है. 16 हज़ार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इसी संख्या में एफआईआर भी दर्ज हुई हैं. हमने जुर्माने के तौर पर करीब 40 लाख रुपए जमा किया है. इसके बावजूद कर्नाटक के 30 जिलों में से करीब 15 सुरक्षित हैं.’

कर्नाटक ने कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की है, प्रभावित राज्यों की सूची में तीसरे स्थान से शुक्रवार तक 11वें स्थान पर है जहां अभी तक 181 संक्रमित मामले और पांच मौतें हुई हैं.

कर्नाटक अगले 6 महीने तक आर्थिक मंदी से घिरा रहेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य बड़ी आर्थिक मंदी की तरफ आगे बढ़ रहा है.

येदियुरप्पा के अनुसार जब से लॉकडाउन हुआ है तब से राज्य को 1500 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. इसलिए वो अब शराब की दुकानों को खोलने के बारे में सोच रहा है, जो कि राजस्व का सबसे बड़ा जरिया है. कर्नाटक ने वित्त वर्ष 2019-20 में शराब की बिक्री से 19,701 करोड़ रुपए जुटाए थे.

येदियुरप्पा ने कहा, ‘शराब की दुकानों को खोलने के बारे में जिससे राजस्व को बढ़ावा मिले, इसपर 14 अप्रैल के बाद फैसला लिया जाएगा.’

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से डिजास्टर रिस्पोंस मिटिगेशन फंड की पहली किश्त से कर्नाटक को राहत नहीं मिली. 27 राज्यों के बीच बांटे गए कुल 11,067 करोड़ रुपये में से 395.5 करोड़ रुपये कर्नाटक को मिले.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह मंदी अगले छह महीनों तक जारी रहेगी. इस महीने बहुत कठिनाई के साथ हम सरकारी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने में कामयाब रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट बैठक में विधायक और एमएलसी सीएम रिलीफ फंड में योगदान देने के लिए अपनी सैलरी में 30 फीसदी की कटौती करने पर सहमत हुए हैं. सभी विकास गतिविधियां एक ठहराव पर आ गई हैं.’

मुख्यमंत्री ने कहा, बड़ी आर्थिक मंदी की आशंका ने कर्नाटक को 50 प्रतिशत कार्यबल के साथ संगठित क्षेत्र में उद्योग खोलने पर विचार करने के लिए मजबूर किया है.

सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई करेंगे

येदियुरप्पा ने सहमति व्यक्त की कि भाजपा विधायक बसनागौड़ा पाटिल यतनल और एम.पी. रेणुकाचार्य- जिन्होंने कहा कि तबलीग़ी जमात मण्डली में शामिल होने के बाद मुसलमान खुद को शांत नहीं कर रहे हैं, उन्हें ‘गोली मारकर हत्या कर दी जानी चाहिए’ – अनावश्यक रूप से भाजपा की छवि को खराब करने वाला है.


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मुख्यमंत्री ने सोमवार को एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा था कि जो लोग ‘किसी घटना के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय को दोषी ठहराते हैं’ उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बीजेपी के कई समर्थक उनके रुख से नाराज थे और मंगलवार को सोशल मीडिया पर #वीलॉस्टहोपबीएसवाई ट्रेंड कर रहा था.

मुख्यमंत्री ने दिप्रिंट से कहा, ‘मैं अपने कहे पर कायम हूं’. ‘बहुत से लोगों के बजाय, 100 में से 99 ने इस मुद्दे पर मेरे द्वारा उठाए गए स्टैंड को मंजूरी दी. कुछ लोगों के मुद्दे हो सकते हैं. यहां तक ​​कि मेरी पार्टी के सदस्यों ने भी हानिकारक बयान दिए. मैंने उन्हें एक सख्त वार्निंग दी है और उनके खिलाफ कार्रवाई भी शुरू करूंगा.’

हालांकि, उन्होंने उन लोगों से अपील की जो निज़ामुद्दीन मरकज़ सम्मेलन में शामिल हुए थे ताकि परीक्षणों के लिए आगे बढ़ सकें. उन्होंने कहा, ‘जो लोग तब्लीगी मण्डली का हिस्सा थे, उन्हें आगे आना चाहिए और चेक अप से गुजरना चाहिए. क्वारेंटाइन में उन्हें दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिए.’

कोरोनावायरस महामारी के बीच कैबिनेट में गतिरोध की बात को मुख्यमंत्री ने नकार दिया.

कहा जा रहा है कि कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामुलु और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डीके सुधाकर के बीच कोविड-19 संकट की शुरुआत से ही तालमेल ठीक नहीं है.

दोनों के बीच विवाद इस बात को लेकर है कि इस संकट को कौन संभालेगा. स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर श्रीरामुलु को इसका इंचार्ज होना चाहिए, सुधाकर एक अभ्यासरत चिकित्सक हैं और संकट को संभाल रहे हैं.

हालांकि येदियुरप्पा ने ऐसी किसी भी समस्या से इंकार किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सुधाकर और श्रीरामुलु के बीच किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है. असल में तो मुझे अपने किसी भी मंत्री से कोई समस्या नहीं है.’

‘मैं यह सकता हूं कि सुधाकर और श्रीरामुलु के बिना हम इस संकट को नहीं संभाल सकते थे.’

किसी भी कोविड-19 मरीज को राज्य में आने की अनुमति नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य जल्द ही अपनी सीमाएं नहीं खोल रहा है. कर्नाटक ने मंगलवार को केरल के साथ सीमा विवाद सुलझा लिया था ताकि राज्य में इलाज कराने के लिए अपने पड़ोसी, जो कोविड-19 सकारात्मक नहीं हैं, के रोगियों को अनुमति दे सकें.


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येदियुरप्पा ने कहा, ‘सीमा से किसी भी कोविड-19 मरीज को आने नहीं दिया जा रहा है. सिर्फ उन्हें जिन लोगों को अपने राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं, कर्नाटक में आने दिया जा रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘हम उन सभी लोगों से अपील करते हैं जो चिकित्सा उपचार के लिए केवल सीमा पार करने के लिए कर्नाटक में आ रहे हैं, अगर वे जिस तरह की चिकित्सा सहायता मांग रहे हैं, वह उनके राज्य में उपलब्ध नहीं है तभी आएं.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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