भोपाल: मध्य प्रदेश में पिछले दिनों से जारी भूचाल आज थम सकता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य विधानसभा में कमलनाथ सरकार को बहुमत का सामना करना पड़ेगा. इसके लिए विधानसभा का विशेषसत्र बुलाया गया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने सिहोर स्थित एक रिजॉर्ट में रुके विधायकों को विधानसभा लाने के लिए राज्य के डीजीपी से सुरक्षा की मांग की है. इसबीच मुख्यमंत्री कमलनाथ दोपहर 12 बजे मीडिया को संबोधित करेंगे.
सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रेस वार्ता के दौरान अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही विधानसभा स्पीकर ने बैंगलूरु में ठहरे 16 सिंधिया समर्थक विधायकों का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया था. गौरतलब है कि बजट सत्र के पहले दिन भाजपा ने कमलनाथ सरकार के बहुमत परीक्षण की मांग की थी लेकिन कोरोनावायरस के प्रकोप का हवाला देते हुए विधानसभा स्पीकर ने सभा कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी थी. इससे नाराज भाजपा ने सुप्रीम का दरवाजा खटखटाया था. पार्टी का कहना था कि जल्द से जल्द कमलनाथ सरकार सदन में अपना बहुमत सिद्ध करे.
मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने कहा, ‘मध्य प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र 20 मार्च को दोपहर दो बजे बुलाया गया है. यह सत्र शाम पांच बजे तक चलेगा.’ उन्होंने कहा कि यह सत्र उच्चतम न्यायालय के आदेश की आज्ञा का पालन करते हुए बुलाया गया है.
वहीं भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर भाजपा विधायक दल की सुरक्षा की मांग की है.
उन्होंने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेशानुसार 20 मार्च 2020 को शाम पांच बजे तक मध्यप्रदेश विधानसभा में विश्वासमत परीक्षण किया जाना है.
आधी रात विधानसभा पहुंचे नेता प्रतिपक्ष
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 20 मार्च 2020 को आहूत होने वाली विधानसभा की कार्यवाही की कार्यसूची देर रात तक जारी न होने पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति और अपना पत्र तामील करवाने आधी रात विधानसभा पहुंचे. नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने विधानसभा स्थित अध्यक्ष महोदय और प्रमुख सचिव महोदय के कक्ष में पहुंचे जहां अध्यक्ष और प्रमुख सचिव अपने अपने कक्षों में सूचना के बाद भी नहीं मिले जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष दोनों के कमरों में उनकी टेबिल पर अपना पत्र और माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति छोड़कर आ गए.
हम बीजेपी की हर चुनौती का सामना करेंगे: कमलनाथ
कोर्ट के फैसले के बाद सीएम ने सभी विधायकों के साथ बैठक की . इस दौरान सीएम ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आया है. हमने वहां मज़बूती से अपना पक्ष रखा , हमने 16 बंधक विधायको को लेकर भी अपनी बात मज़बूती से रखी.
न्यायालय ने आज जो आदेश सुनाया है , उसमें कल 20 मार्च को फ़्लोर टेस्ट करवाने का निर्णय सुनाया गया है.
हम निराश नहीं है. हम आज भी एकजुट है.भाजपा ने हमारे विधायकों को कर्नाटक में बंधक बनाकर एक गंदा खेल खेला है
हमारे जनहितैषी कामों से बौखलाकर हमें अस्थिर करने के लिये भाजपा द्वारा यह सब किया गया है।जनता यह सब देख रही है. हमें जनता ने जनादेश देकर प्रदेश को विकास की दृष्टि से अव्वल बनाने की जवाबदारी सौंपी है , भाजपा को यह रास नहीं आ रही है इसलिये वो पहले दिन से ही साज़िश रच रही है. हम भाजपा की हर चुनौती का मिलकर मुक़ाबला करेंगे.
अंको ने बिगाड़ा- बनाया खेल
मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं. इनमें से दो विधायकों (एक कांग्रेस एवं एक भाजपा) का निधन हो जाने से वर्तमान में दो सीटें खाली हैं.कांग्रेस के बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद 206 सीट रह जाती हैं. इसमें बहुमत का आंकड़ा 104 होता है. बीजेपी के पास 107 और कांग्रेस के पास 92विधयाक है. अगर सपा,बसपा व निर्दलीय के कुल 7 विधयाक भी कांग्रेस के साथ जाते है तो भी बहुमत बीजेपी के पक्ष में जाता है.
वहीं, राज्य विधानसभा में इस समय भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की संख्या 107 है.