scorecardresearch
Friday, 27 December, 2024
होमराजनीतिकमलनाथ सोमवार को साबित करेंगे विश्वास मत, कांग्रेस का दावा- सभी बागी विधायक हमारे संपर्क में

कमलनाथ सोमवार को साबित करेंगे विश्वास मत, कांग्रेस का दावा- सभी बागी विधायक हमारे संपर्क में

जयपुर से भोपाल आ रहे विधायकों की सुरक्षा के मद्देनज़र भोपाल एयरपोर्ट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और इस क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है.

Text Size:

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को राज्य में 16 मार्च को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है. प्रदेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के निर्देश दिए हैं.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत मध्य प्रदेश के कांग्रेसी विधायकों के साथ जयपुर से भोपाल आ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम कल होने वाले फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं और हम जीत हासिल करेंगे इसका विश्वास है. हम भाजपा की तरह नर्वस नहीं हैं. सभी बागी विधायक हमारे संपर्क में हैं.’

जयपुर से भोपाल आ रहे विधायकों की सुरक्षा के मद्देनज़र भोपाल एयरपोर्ट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और इस क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है.

राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने पत्र भेजकर शनिवार मध्यरात्रि के आसपास कमलनाथ को ये निर्देश दिए हैं.

उन्होंने बताया कि टंडन ने निर्देश दिए हैं, ‘मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च 2020 को प्रातः 11 बजे प्रारंभ होगा और राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद एकमात्र कार्य विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा.’

इसके अलावा, राज्यपाल ने निर्देश दिए हैं, ‘विश्वासमत मतविभाजन के आधार पर बटन दबाकर ही होगा और अन्य किसी तरीके से नहीं किया जाएगा.’

उन्होंने कहा है कि विश्वासमत की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी विधानसभा स्वतंत्र व्यक्तियों से कराएगी.

राज्यपाल ने कहा है कि उपरोक्त संपूर्ण कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च 2020 को प्रारम्भ होगी और यह स्थगित, विलंबित या निलंबित नहीं की जाएगी.


यह भी पढ़ें: भारतीय राजनीति में कैसे ‘मान्यवर’ बन गए कांशीराम


राज्यपाल ने ये निर्देश संविधान के अनुच्छेद 174 सहपठित 175 (2) एवं अपनी अन्य संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिए हैं.

उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने इस पत्र में यह भी कहा, ‘मुझे सूचना मिली है कि मध्यप्रदेश विधानसभा के 22 विधायकों ने अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित किया है. मुझे भी इन विधायकों ने पृथक-पृथक त्यागपत्र 10 मार्च को भेजे हैं और इन्हीं विधायकों ने अपने-अपने पत्र 13 मार्च द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश होने के दौरान सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है. 22 में से छह विधायक जो आपकी सरकार में मंत्री थे, जिन्हें आपकी अनुशंसा पर मंत्री पद से हटाया गया था, उनका त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष ने शनिवार को स्वीकार कर लिया.’

राज्यपाल ने कहा है, ‘मुझे प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अल्पमत में है. यह स्थिति अत्यंत गंभीर है. इसलिए संवैधानिक रुप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक हो गया है कि 16 मार्च को मेरे अभिभाषण के तAll Categoriesत्काल पश्चात आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें.’

उल्लेखनीय है कि ‘कांग्रेस की उपेक्षा से परेशान होकर’ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और वह बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये. उनके साथ ही मध्यप्रदेश के छह मंत्रियों सहित 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश उनके कट्टर समर्थक हैं. इन 22 विधायकों में से 19 बेंगलुरू के एक रिसॉर्ट में है, जबकि तीन विधायकों का अब तक कोई पता-ठिकाना नहीं है. इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

share & View comments