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Monday, 23 December, 2024
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पीएम मोदी से मिले कमलनाथ, बेटे नकुल को भी दिलवा लाए `आशीर्वाद`

हाल ही में हुई कांग्रेस की बैठक में महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा था कि सभी बड़े नेता अपने परिवार और बच्चों की जीत दिलाने में जुटे रहे और मेरे भाई (राहुल गांधी) को अकेला छोड़ दिया.

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नई दिल्ली: कांग्रेस की लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार के बाद पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा था कि सभी बड़े नेता अपने परिवार और बच्चों की जीत दिलाने में जुटे रहे और मेरे भाई (राहुल गांधी) को अकेला छोड़ दिया. आज करीब दो हफ्ते पहले कही गई ये बात सच प्रतीत होती दिखी. जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे, इस दौरान उनके साथ उनके बेटे और कांग्रेस पार्टी के मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से अकेले जीतने वाले सांसद नकुलनाथ भी साथ थे. इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी से नकुल को आशीर्वाद भी दिलवाया. पीएम मोदी के 30 मई को दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद मोदी व ​कमलनाथ के बीच यह पहली मुलाकात है.

सीएम कमलनाथ छिंदवाड़ा से नौ बार लोकसभा चुनाव जीत चुके है. उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद छिंदवाड़ा सीट खाली हो गई थी. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में कमलनाथ बेटे नकुलनाथ को प्रत्याशी बनाया था.

इस मुलाकात के दौरान सीएम कमलनाथ ने पीएम मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने की शुभकामनाएं दी. आधे घंटे चली मुलाकात के दौरान सीएम ने केंद्र में प्रदेश हित की लंबित योजनाओं और इनसे जुड़ी राशि को जल्द से जल्द जारी करने के बारे में चर्चा की.

चर्चा के दौरान पीएम ने नरेंद्र मोदी सीएम कमलनाथ को आश्वासन दिया कि संबंधित मंत्रालयों को जल्द कार्रवाई करने का निर्देश देंगे. कमलनाथ गुरुवार शाम को रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगे. बुधवार को उन्होंने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से भी भेंट की थी.

मतदाताओं के रुख में बदलाव क्यों आया

इधर,कांग्रेस आलाकमान ने राज्य विधानसभा की क्षेत्रवार रिपोर्ट तलब की है. पार्टी उसकी समीक्षा कर रही है. साथ ही छह माह में मतदाताओं के रुख में बदलाव क्यों आया, इसका विश्लेषण किया जा रहा है. विधानसभा चुनाव के मुकाबले अपेक्षित सफलता न मिलने पर कांग्रेस के भीतर निराशा का भाव बढ़ गया है. कार्यकर्ता और नेता अब भी हार से हताश हैं.

कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो राज्य में कमलनाथ की सरकार आने के बाद किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ किया गया, बिजली बिल को आधा किया गया.इसके अलावा कई महत्वपूर्ण फैसले हुए जिससे हर वर्ग को लाभ देने की कोशिश की गई, इसके बाद भी कांग्रेस विधानसभा जैसे नतीजे लोकसभा चुनाव में हासिल नहीं कर सकी. पार्टी तो 29 में से 15 सीटें जीतने की आस लगाए हुए थी. आखिर परिणाम पार्टी और सरकार की अपेक्षा के अनुरूप क्यों नहीं आए, यह अबूझ पहेली बन गया है, जिसे बूझने के लिए पार्टी ने मंथन शुरू कर दिया है.

दिग्गज नेताओं का 8 जून को मंथन

राज्य के सीएम ने बुधवार और गुरुवार को पीएम मोदी समेत केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राज्य में चल रही योजनाओं के बारे में चर्चा की. सीएम और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने आठ जून को कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक बुलाई है. इस बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह मौजूद रहेंगे.

राज्य में नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में 230 सीटों में से 114 में कांग्रेस को जीत मिली थी, जिसके लगभग छह माह बाद अप्रैल – मई में हुए लोकसभा चुनाव में पूरी तस्वीर ही पलट गई. कांग्रेस यहां की 29 लोकसभा सीटों में से मात्र एक ही जीत सकी. कांग्रेस में सबसे ज्यादा हैरानी गुना संसदीय क्षेत्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार को लेकर है.

तीन मंत्री कर चुके है प्रदेश अध्यक्ष बदलने की मांग

इधर, मध्यप्रदेश में 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की हुई करारी हार के बाद राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग तेज हो गई है. कुछ दिनों पहले कमलनाथ सरकार के कम से कम तीन कैबिनेट मंत्रियों ने पश्चिमी यूपी के प्रभारी और कांग्रेस के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाने की मांग की है. इनमें खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अपनी पसंद व्यक्त करते हुए कहा कि सिंधिया जैसे युवा नेता को राज्य कांग्रेस प्रमुख बनाए जाने से कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार होगा. गौरतलब है कि सीएम कमलनाथ के मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रहे है.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ )

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