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Sunday, 22 December, 2024
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विजय माल्या के दावों को अरुण जेटली ने किया खारिज 

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि माल्या ने राज्यसभा सांसद के रूप में सदन के भीतर अपने मामलों के निवारण के लिए विशेषाधिकार का ‘उल्लंघन’ किया.

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को शराब कारोबारी विजय माल्या के दावों का खंडन किया जिसमें माल्या ने दिन में कहा था कि वह 2016 में देश से भागने से पहले वित्त मंत्री से मिले थे.

लंदन में एक अदालत के बाहर जहां पर वह भारत में प्रत्यर्पण के लिए लड़ रहे हैं, माल्या ने संवाददाताओं से कहा, वे मामलें को सुलझाने के लिए जेटली से मिले थे.

विजय माल्या  ने कहा भारत छोड़ने से पहले , मैंने वित्त मंत्री से मुलाकात की और इस मुद्दे को बैंकों के साथ सुलझाने की पेशकश भी की थी.” 62 वर्षीय माल्या पर कथित तौर कई करोड़ के फ्रॉड के मामलें में मनी लॉन्डरिंग का मुक़दमा है.

हालांकि, माल्या के दावों को “वास्तव में झूठी” बात के रूप में जेटली ने फेसबुक पर खारिज कर दिया.

कुछ ही समय बाद, माल्या ने अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह वित्त मंत्री से “औपचारिक रूप से” नहीं मिले थे, लेकिन संसद में केवल उनके पास गए थे.


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अपने फेसबुक ब्लॉग, जेटली ने लिखा की उन्होंने विजय माल्या को  कभी कोई अपॉइंटमेंट नहीं दिया था.

जेटली ने लिखा की विजय माल्या द्वारा दिए गए बयान ने मेरा ध्यान खींचा की वो अपने मामलों के निवारण के सन्दर्भ के मुझसे मुझसे मिले थे. यह कथन वास्तविक रूप से गलत है और यह सच को प्रतिबिंबित नहीं करता है.

जेटली ने कहा कि राज्यसभा के सदस्य विजय माल्या कभी-कभी संसद में भाग लिया करते थे और उन्होंने एक अवसर पर अपने विशेषाधिकार का ग़लत इस्तेमाल भी किया.

जेटली ने लिखा कि विजय माल्या ने सदन में उनसे कई बार मिलने का प्रयत्न किया और एक बार चलते -चलते  एक वाक्य कहा था कि ‘मैं अपने मामलें को निपटाने की पेशकश कर रहा हूं.’ जेटली ने कहा  कि उन्होंने माल्या को कहा कि उनके साथ बात करने का कोई मतलब नहीं है और उन्हें बैंकों के साथ बातचीत करना चाहिए.

एनडीए को झटका

माल्या के बयान ने बीजेपी की अगुआई वाली एनडीए सरकार को भारी झटका दिया है, जो वर्तमान में रुपये की कीमत में गिरावट और बढ़ती ईंधन की कीमतों सहित कई चुनौतियों से जूझ रही है. विपक्ष ने टिप्पणी की है कि सरकार के ढीले रवैये से माल्या जैसे ‘डिफॉल्टर्स’ देश से भागने में मदद मिलती है.

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 17 उधारदाताओं के एक संघ का नेतृत्व किया जिसने किंगफिशर एयरलाइंस का भंडाफोड़ किया और फरवरी 2016 में विजय माल्या को डिफॉल्टर घोषित कर दिया था. एसबीआई और अन्य उधारदाताओं ने साथ ही में कर्नाटक उच्च न्यायालय से संपर्क किया और माल्या की गिरफ़्तारी और उसके पासपोर्ट को ज़ब्त करने की अपील की.


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शराब कारोबारी पर धोखाधड़ी और मनी लॉंडरिंग का आरोप लगा है. उन्होंने कथित तौर पर यूके, फ्रांस और आयरलैंड समेत अन्य देशों में अपनी एयरलाइंस के लिए लोन  के रूप में प्राप्त 6000 करोड़ को शेल  कंपनियों में जमा करवा दिया.

Read in English : Jaitley denies meeting Mallya after liquor baron’s claims outside London court

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