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Monday, 23 December, 2024
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जगन सरकार ने आंध्र प्रदेश और वहां के नेताओं की छवि को सुधारने के लिए टाइम्स ग्रुप के साथ 8.15 करोड़ रुपये की डील की

आंध्र सरकार और टाइम्स समूह के बीच सौदे का उद्देश्य नीतियों और योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करके राष्ट्रीय मंच पर राज्य और उसके नेताओं की छवि को सुधारना है.

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हैदराबाद: मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की आंध्र प्रदेश सरकार ने मीडिया समूह के माध्यम से (अपनी) नीतियों को
और राष्ट्रीय मंच पर ‘राज्य और उसके नेताओं की छवि’ को सुधारने के लिए टाइम्स नेटवर्क मीडिया समूह के साथ 8.15 करोड़ रुपये की डील की हैं.

इस डील में रेड्डी की छवि को सुधारने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे सार्वजनिक धन के बारे में जानकारी मिली है, रेड्डी और उनकी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से जुड़े विवादों को लेकर यह खबर सामने आयी है.

इस डील को पिछले महीने अंतिम रूप दिया गया था और 28 अक्टूबर को बेनेट कोलमैन एंड कंपनी ( जिसे टाइम्स समूह के नाम से भी जाना जाता है )के नाम से एक सरकारी आदेश जारी किया गया था- जिसमें टाइम्स ग्रुप लाभार्थी के रूप में था. आदेश ने राज्य के सूचना और जनसंपर्क आयुक्त को इसके भुगतान करने के लिए 8.15 करोड़ रुपये देने के लिए अधिकृत किया.

इस आदेश में कहा गया है कि सूचना और जनसंपर्क आयुक्त आंध्र प्रदेश, विजयवाड़ा, बेनेट कोलमैन एंड कंपनी को सरकारी आदेश रूप में जारी की गई उपरोक्त राशि को ड्रा करने के लिए अधिकृत हैं. दिल्ली के मीडिया समूह टाइम्स नेटवर्क के माध्यम से नीतियों और योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करके राष्ट्रीय स्तर पर राज्य और उसके नेताओं की छवि को बढ़ाने के लिए यह किया गया है.

आंध्र सरकार के एक शीर्ष अधिकारी, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘यह केवल टीवी चैनलों पर ही नहीं, बल्कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सभी जैसे विभिन्न माध्यमों पर सरकार की छवि को बनाने के लिए है. यह प्रचार के उद्देश्यों के लिए है.’

अधिकारी ने कहा, ‘मैं यह नहीं कह सकता कि यह कैसे किया जाता है, लेकिन यह मुख्यमंत्री कार्यालय का निर्णय है. पिछली सरकार ने एक निजी एजेंसी को 2.5 करोड़ रुपये महीने के लिए काम पर रखा था, लेकिन हमने उन्हें नहीं रखा.’

विजय कुमार रेड्डी, आंध्र के कमिश्नर (सूचना और जनसंपर्क), जिन्होंने अपने पदनाम एक्स ऑफिसो स्पेशल सेक्रेटरी के तहत सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए. सरकार के सचिव ने दिप्रिंट के फ़ोन का जवाब नहीं दिया.

आंध्र सरकार के सलाहकार जी.वी.डी. कृष्णा मोहन ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि ‘इन्फॉर्मेशन और पीआर टीम विवरण प्रदान करने में सक्षम होगी. अजय कल्लम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार और सूचना और जनसंपर्क मंत्री पेरनी वेंकटरमैया ने भी टिप्पणी मांगने पर कॉल का जवाब नहीं दिया.

टाइम्स नेटवर्क के एक प्रतिनिधि ने दिप्रिंट के एक ईमेल का जवाब देते हुए, जो कि टाइम्स समूह का हिस्सा है, ने कहा कि यह एक अलाउड मीडिया सर्विसेज कंपनी है जो प्रीमियम ऑडियंस और रचनात्मक सेवाओं को अपने व्यवसाय मॉडल के रूप में संभावित विज्ञापनदाताओं को प्रदान करती है.

टाइम्स नेटवर्क ने कहा, ‘हम पुष्टि करते हैं कि आंध्र सरकार ने हमें एक वाणिज्यिक विज्ञापन और ब्रांडेड सामग्री सेवा कार्य आदेश के लिए अनुबंधित किया है. द टाइम्स ग्रुप भारत का सबसे बड़ा मीडिया समूह है, जिसमें एक दर्जन से अधिक भाषाओं, टीवी समाचार और मनोरंजन चैनलों और डिजिटल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में प्रकाशन हैं.’

आलोचना से घिरे सीएम

जगन मोहन रेड्डी पिछले महीने भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को लिखे पत्र को लेकर विवादों में हैं, जिसमें आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमना (सीजेआई इन-वेटिंग) राज्य के हाईकोर्ट की पीठों को प्रभावित कर रहे हैं.


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हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों ने ‘न्यायपालिका और बेंच-हंटिंग को आतंकित करने’ के प्रयास के रूप में जगन के कदम को खारिज कर दिया था. उन्होंने उस पत्र के समय पर भी सवाल उठाया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि जस्टिस रमाना पूर्व और वर्तमान सांसदों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं, जिसमें 31 मामलों का सामना कर रहे रेड्डी शामिल हैं, जिनमें से 11 आरोपी केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधीन हैं.

मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी की छवि भी तब ख़राब हुई जब विपक्षी दलों ने सितंबर में उनकी सरकार की निगरानी में राज्य के मंदिरों पर हमलों के लिए उन्हें निशाना बनाया.

हालांकि, रेड्डी मीडिया में अपनी छवि को बेहतर बनाने के लिए आलोचना में घिरने वाले एकमात्र मुख्यमंत्री नहीं हैं. दिसंबर 2016 में नायडू सरकार को 25 पत्रकारों को नियुक्त करने का आदेश जारी करने के लिए विशेष रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री के लिए प्रचार कार्य करने के लिए गंभीर आघात का सामना करना पड़ा था. आदेश के अनुसार, 25 पत्रकारों वाली विशेष टीमों को आउटसोर्सिंग के आधार पर भर्ती किया जाना था, जिसमें प्रत्येक पत्रकार को काम के लिए लगभग 51,468 रुपये का भुगतान किया जाना था.

अमृता नायक दत्ता के इनपुट के साथ

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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