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Saturday, 4 May, 2024
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‘खुफिया जानकारी की कमी, हथियारबंद लोग’, हरियाणा हिंसा पर BJP सांसदों ने उठाए सवाल

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने सांप्रदायिक हिंसा पर अलग-अलग टिप्पणी की, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई. पुलिस अब तक 100 से ज्यादा गिरफ्तारियां कर चुकी है.

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नई दिल्ली: हरियाणा में सोमवार से जारी सांप्रदायिक तनाव पर सत्तारूढ़ बीजेपी के नेता भी सवाल खड़े कर रहे हैं. बीजेपी नेताओं ने अपनी ही सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं. 

केंद्रीय मंत्री और गुड़गांव से सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने धार्मिक जुलूस में भाग लेने वालों के पास “तलवारों और लाठियों” होने पर सवाल उठाए हैं. एक और बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह ने हिंसा के लिए “खुफिया विफलता” को जिम्मेदार ठहराया है.

हरियाणा के मुस्लिम बहुल नूंह में सोमवार को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) द्वारा निकाले गए एक धार्मिक जुलूस के दौरान भड़की हिंदू-मुस्लिम हिंसा में अब तक छह लोग मारे गए हैं.

नूंह में ‘ब्रज मंडल यात्रा’ पिछले तीन वर्षों से आयोजित की जा रही है. लेकिन माना जाता है कि कुछ दिन पहले स्वयंभू गोरक्षक मोनू मानेसर (राजस्थान के दो मुस्लिम पुरुषों, जुनैद और नासिर की हत्या का आरोपी) द्वारा इस फरवरी में जारी एक वीडियो, जिसे बिट्टू बजरंगी ने जारी किया था, ने इस बार तनाव भड़काया है.

मोनू मानेसर, जो जुनैद-नासिर हत्याकांड मामले में शामिल होने से इनकार करते हैं, की अब तक किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. लेकिन उन्होंने एक सोशल मीडिया वीडियो में कहा कि वह रैली में शामिल होंगे (हालांकि, कथित तौर पर आयोजकों के अनुरोध पर उन्होंने रैली में भाग नहीं लिया).

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माना जा रहा है कि इससे स्थानीय मुस्लिम नाराज हो गए और जुलूस पर पथराव कर दिया गया. जुलूस के सदस्य कथित तौर पर तलवारों के साथ-साथ लाठियों से भी लैस थे और इसके बाद झड़पें हुईं.

इस हिंसा ने हरियाणा के अन्य क्षेत्रों को भी प्रभावित किया है, जिसमें आईटी हब गुरुग्राम भी शामिल है. गुरुग्राम में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों का ऑफिस है. 

नूंह पुलिस ने इस मामले में अब तक 116 लोगों को गिरफ्तार किया है और 44 एफआईआर दर्ज की हैं.

बीजेपी के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हिंसा पर अलग-अलग टिप्पणी की है.

चौटाला ने जुलूस के आयोजकों पर प्रशासन को कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है, जबकि खट्टर ने हिंसा में साजिश का आरोप लगाया है.

‘परेशान करने वाला’

दिप्रिंट से बात करते हुए, भिवानी-महेंद्रगढ़ से बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा, “यह बहुत अजीब है कि पुलिस को कोई पूर्व खुफिया जानकारी नहीं मिली और उन्होंने यह जानने के बावजूद यात्रा की अनुमति दी कि मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया है.”

उन्होंने कहा, “यह खुफिया विफलता है, जो जांच में सामने आ जाएगी. यह कैसे संभव है कि 500-1,000 से अधिक लोग एक स्थान पर इकट्ठा हुए और एक-दूसरे पर हमला करना शुरू कर दिया?”

सिंह ने कहा कि क्षेत्र ने तीन दशकों में ऐसी घटना नहीं देखी है. उन्होंने कहा, “मैं इस क्षेत्र से विधायक था. मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के बावजूद, 1992 में एक बार को छोड़कर, जब बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था, इस क्षेत्र ने कभी भी ऐसी हिंसा नहीं देखी है.”

उन्होंने आगे कहा, “यह दुखद है कि सांप्रदायिक हिंसा ने इस क्षेत्र में अशांति पैदा कर दी है. जबकि यह क्षेत्र देश के विभाजन के बाद भी एक शांतिपूर्ण क्षेत्र था.”

सिंह ने गुरुग्राम के आईटी क्षेत्र पर सांप्रदायिक हिंसा के संभावित प्रभाव और राज्य के लिए लंबे समय में “अवधारणात्मक क्षति” के बारे में चिंता व्यक्त की.

उन्होंने कहा, “गुरुग्राम में एक बड़ा आईटी हब है और यह भारत के आईटी विकास का प्रतीक है. अगर इस तरह की सांप्रदायिक स्थिति यहां फैलती है, तो शहर में काम करने वाली कंपनियों को क्या संदेश जाएगा, और यह दुनिया को क्या संदेश देगा? यह भयावह और दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में शांति भंग हो गई है.”


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बुधवार को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें राज्य के हालात से अवगत कराया.

उन्होंने कहा कि इस तथ्य ने कि यात्रा में भाग लेने वालों के पास तलवारें और लाठियां थीं, स्थिति को और खराब कर दिया. उन्होंने पूछा कि जुलूस में कौन लोग हथियारों से लैस होकर गए थे.

उन्होंने कहा, “इसकी जांच की जानी चाहिए. उन्हें तलवारें और लाठियां किसने दीं. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि दूसरी तरफ से कोई उकसावे की बात नहीं थी, लेकिन इस तरफ (वीएचपी) की ओर से भी उकसावे की कार्रवाई हुई थी.दोनों पक्षों के पास हथियार थे. इसकी विस्तृत जांच की जरूरत है. कुछ लोगों ने कहा कि एक वीडियो अपलोड किया गया था कि ‘तुम्हारा दामाद आ रहा है, रोक सको तो रोक लो’.”

करनाल से बीजेपी सांसद अरविंद शर्मा ने भी प्रशासनिक खुफिया जानकारी की कमी पर सवाल उठाया, लेकिन सांप्रदायिक हिंसा के लिए “दूसरे समुदाय” को जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “यह दूसरे समुदाय की साजिश लगती है. घरों में पत्थरों के ढेर कैसे जमा हो गए, लोगों ने जुलूस पर हमला कैसे करना शुरू कर दिया. क्या जुलूस पर हमला करने की तैयारी पहले से ही थी. यह एक पूर्व नियोजित साजिश जैसा लगता है”.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी घटना की जांच कर रही है.

उन्होंने आगे कहा, “पुलिस और प्रशासन को ऐसी हिंसा की आशंका नहीं थी. यह यात्रा वर्षों से होती आ रही है. इस साल हिंसा क्यों भड़की? इन चीजों की जांच होनी चाहिए.”

सोनीपत के सांसद और बीजेपीनेता रमेश चंद्र कौशिक ने राज्य की छवि और इसकी शांति को नुकसान पहुंचाने वाली इस घटना पर चिंता जताई.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “मुस्लिम आबादी के बावजूद हरियाणा में ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई. ऐसा लगता है कि प्रशासन के पास उचित खुफिया जानकारी नहीं थी. जांच से ही पता चलेगा कि हिंसा किसने शुरू की.”

सीएम, डिप्टी सीएम के अलग-अलग सुर 

सीएम और उनके डिप्टी ने हिंसा के बारे में अलग-अलग बयान दिए हैं. और यह ऐसे समय में आया है, जब अगले साल होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले सहयोगी बीजेपी और जेजेपी के बीच संबंध बहुत ठीक नहीं है.

मीडिया से बात करते हुए, डिप्टी सीएम चौटाला ने कहा कि “यात्रा कई वर्षों से हो रही है. आयोजकों ने इस बार प्रशासन को पूरी जानकारी नहीं दी, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा हुई”.

उन्होंने कहा, “प्रशासन को ऐसी स्थिति की उम्मीद नहीं थी. यह पहली बार है कि हरियाणा ने ऐसी स्थिति देखी है. यमुनानगर से नूंह तक हमारे यहां मुसलमानों की अच्छी आबादी है. उन्होंने अतीत में हिंदू राजाओं के साथ काम किया है.”

इस बीच, मुख्यमंत्री खट्टर और हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के पीछे साजिश का आरोप लगाया है.

विज ने कहा, “यह एक साजिश की तरह लग रहा है. जिस तरह से पत्थर, हथियार और गोलियां मिलीं. हम वास्तविक कारण और इसमें शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच करेंगे.”

खट्टर ने कहा कि कुछ लोगों ने “यात्रा में शामिल लोगों और पुलिस पर हमले की साजिश रची”.

उन्होंने आगे कहा, “कई स्थानों पर हिंसक घटनाएं दर्ज की गईं. ऐसा लगता है कि यह एक बड़ी साजिश है.”

(संपादनः ऋषभ राज)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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