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Saturday, 28 September, 2024
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‘INDIA’ के नेता कल जाएंगे मणिपुर, सरकार और संसद को सुझाएंगे समस्या का हल

विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल 29-30 जुलाई को मणिपुर जाएगा. मुद्दे पर पीएम के बयान की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

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नई दिल्ली : विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवपलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दलों के नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर जा कर, पहले जमीनी स्थिति का आकलन करेगा और इस हिंसा प्रभावित राज्य में समस्याओं के समाधान को लेकर सरकार और संसद को अपनी अनुशंसा भी देगा.

विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल 29-30 जुलाई को मणिपुर का दौरा करेगा.

इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और गौरव गोगोई, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी, द्रमुक की कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन और वीसीके पार्टी के टी थिरुमावलवन के होने की संभावना है.

लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा की उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की.

गोगोई ने कहा, ‘‘भाजपा यह तस्वीर पेश चाहती है कि मणिपुर में सब कुछ ठीक है, जबकि हिंसा अब भी जारी है. इसलिए हम चाहते हैं कि उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के तहत जांच कराई जाए कि यह सब कैसे हुआ.’’

उन्होंने प्रदेश सरकार पर विफलता का आरोप लगाया और सवाल किया कि इतने लोगों को हथियार कैसे मिले? उन्होंने कहा ‘‘मैं मणिपुर जाऊंगा और सच्चाई का पता लगाऊंगा. उस सच्चाई को संसद के सामने रखूंगा.’’

तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव ने कहा कि विपक्षी प्रतिनिधिमंडल यह संदेश देना चाहता है कि ‘‘हम मणिपुर के लोगों के साथ हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम चिंतित हैं, हम चाहते हैं कि राज्य में शांति लौटे… सरकार विफल रही है, इसलिए हम वहां जाना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि क्या समाधान निकाला जा सकता है.’’

द्रमुक के नेता टी आर बालू ने कहा कि विपक्षी प्रतिनिधिमंडल शनिवार को सुबह मणिपुर के लिए रवाना होगा और पता लगाएगा कि वहां क्या गलत हुआ, किस हद तक जान-माल का नुकसान हुआ है.

आरएसपी के प्रेमचंद्रन ने कहा कि इस दौरे का लक्ष्य राज्य में होने वाली घटनाओं के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करना है.

उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा अभी भी जारी है इसलिए हम प्रत्यक्ष रूप से जानकारी हासिल करना चाहेंगे और लोकसभा में चर्चा से पहले सरकार और संसद को कुछ समाधान और सिफारिशें सुझाना चाहेंगे.’’

कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित रही है.

कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर सदन में चर्चा के लिए मंजूरी दे दी गई थी. उस दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि वह सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तिथि तय करेंगे.


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