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Friday, 22 November, 2024
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यूपी कांग्रेस ऑफिस में चर्चा- जो हार गए वही हारने वालों से पूछ रहे कि हारे क्यों हो? 

प्रियंका गांधी राहुल गांधी को अमेठी जिताने में असफल रहीं. इसके अलावा उन्होंने रायबरेली में कार्यकर्ताओं पर भी सवाल उठा दिए. ऐसे में युवा नेता व कार्यकर्ताओं में भी संगठन के प्रति रोष बढ़ा है.

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लखनऊ: यूपी में कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन से न सिर्फ नेता हताश हैं. बल्कि कार्यकर्ताओं में भी निराशा है. ये निराशा अब तंज में बदलती भी दिख रही है. कांग्रेस में इन दिनों हार की समीक्षा बैठकों का दौर जारी है. प्रत्याशियों से उनके हार के कारण पूछे जा रहे हैं. कोई संगठन को इसका दोषी मान रहा है, तो कोई तैयारियों को लेकर सवाल उठा रहा है. लेकिन इन सब के बीच सवाल उन पर भी उठ रहे हैं जो हार की समीक्षा कर रहे हैं.

दरअसल दिल्ली, लखनऊ और रायबरेली में समीक्षा बैठके हुईं. इनमें कांग्रेसी की पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने रायबरेली व दिल्ली तो ज्योतिरादित्य सिंधिया (पश्चिम यूपी प्रभारी) ने दिल्ली व लखनऊ में रिव्यू मीटिंग ली. इनमें प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर भी मौजूद रहे. दरअसल इस चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज बब्बर भी चुनाव हारे हैं.

वहीं प्रियंका गांधी भी राहुल गांधी को अमेठी जिताने में असफल रहीं. इसके अलावा उन्होंने रायबरेली में कार्यकर्ताओं पर भी सवाल उठा दिए. ऐसे में युवा नेता व कार्यकर्ताओं में भी संगठन के प्रति रोष बढ़ा है. नाम न छापने की शर्त पर पीसीसी कार्यालय में कांग्रेसी कह रहे हैं कि जो खुद हार गए वो हारने वालों से पूछ रहे हैं कि हारे क्यों? संगठन से जुड़े एक नेता ने ज्योतिरादित्य सिंधिया व राज बब्बर को लेकर कहा-‘ये लोग किस बात रिव्यू कर रहे हैं. दोनों खुद हारे हैं. राहुल जी तक हमारी बात ये लोग कभी पहुंचाते ही नहीं हैं. संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव जरूरी हैं. पहले ऊपर के लोद बदले जाएं.’ वहीं यूथ कांग्रेस से जुड़े एक युवा कार्यकर्ता ने कहा कि जब तक युवाओं को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा तब तक कुछ नहीं होने वाला. दूसरी पार्टियों से आए नेताओं के बजाए नए नेता तैयार करने होंगे.

प्रियंका- सिंधिया ने जानें हार के कारण

रायबरेली में प्रियंका गांधी के बाद कांग्रेस के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को यहां राज्य इकाई के नेताओं से मुलाकात कर हार के कारणों की समीक्षा की. सिंधिया कांग्रेस के पश्चिमी उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी भी हैं. उन्हें प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 38 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. सभी सीटों पर कांग्रेस हार गई. इस बैठक में शामिल हुए कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि सिंधिया ने हार की संभावित वजहों को जानने के लिए जिलाध्यक्षों और नगर अध्यक्षों से बातचीत की.

नेताओं ने खुलकर रखी अपनी बात

कांग्रेस नेता अशोक सिंह बैठक में मौजूद थे. सिंह ने बताया कि बैठक में उन्होंने कहा कि पार्टी को हर किस्म का प्रयोग बंद करना चाहिए. उसे कार्यकर्ताओं और कैडर में विश्वास रखना चाहिए और पार्टी को अन्य दलों के साथ गठबंधन पर निर्भर नहीं करना चाहिए. मिश्रिख से कांग्रेस प्रत्याशी रहींं मंजरी राही का कहना था कि पहले संगठन को मजबूत करना जरूरी है. इसके अलावा जो लोग जुड़ें उनकी सोच कांग्रेसी होना बेहद जरूरी है.  जब तक ये काम नहीं होगा तब तक पार्टी के हालातों में सुधार नहीं होगा.

यह भी पढ़ें : कार्यकर्ताओं पर सवाल उठाकर खुद घिरीं प्रियंका गांधी, बीजेपी ने भी साधा निशाना


बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, श्रीप्रकाश जायसवाल, आरपीएन सिंह और सलमान खुर्शीद मौजूद नहीं थे.

फिर किया संगठन को खड़ा करने का वादा

मीटिंग खत्म होने के बाद सिंधिया ने कहा कि उम्मीदवारों और पार्टी नेताओं के सुझावों से यह सामने आया है कि हमें कांग्रेस के आधारभूत ढांचे को सुधारने के लिए जमीनी स्तर पर काफी मेहनत करनी है. इस बीच प्रियंका ने कहा है कि वे हफ्ते में दो दिन पूर्वी यूपी के कार्यकर्ताओं से मिलेंगी. सिंधिया ने 2022 में होने वाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के किसी पार्टी के साथ गठबंधन की बात से इनकार किया. उन्होंने कहा कि पार्टी विधानसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ेगी. साथ ही अगले दो हफ्ते में चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी.
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