नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार देशवासियों को आश्वासन दिया कि आने वाले दिनों में पहलगाम आतंकी हमले के “षड्यंत्रकारियों और दोषियों” को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.
पीएम मोदी ने रविवार को अपने मासिक मन की बात रेडियो कार्यक्रम में हिंदी में कहा, “आतंकवादी और उनके संरक्षक चाहते हैं कि कश्मीर फिर से बर्बाद हो जाए. उन्हें जम्मू-कश्मीर में शांति और पर्यटन पसंद नहीं है और इसीलिए उन्होंने इस तरह की आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश रची. लेकिन पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा.”
मोदी ने कहा, “आतंकवादी और उनके आका चाहते हैं कि कश्मीर फिर से बर्बाद हो जाए और इसलिए उन्होंने इतनी बड़ी साजिश को अंजाम दिया. देश की एकता, 140 करोड़ भारतीयों की एकजुटता आतंकवाद के खिलाफ इस युद्ध में हमारी सबसे बड़ी ताकत है. यह एकता आतंकवाद के खिलाफ हमारी निर्णायक लड़ाई का आधार है.”
उन्होंने कहा कि दोषियों और साजिशकर्ताओं को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.
उन्होंने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में पूरी दुनिया 140 करोड़ भारतीयों के साथ खड़ी है. मैं एक बार फिर पीड़ितों के परिवारों को भरोसा दिलाता हूं कि उन्हें न्याय मिलेगा; न्याय मिलेगा. इस हमले के दोषियों और साजिशकर्ताओं को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.”
इससे पहले, मोदी ने गुरुवार को बिहार के मधुबनी में भाषण के बीच में ही अंग्रेजी में बात करके वैश्विक समुदाय को संबोधित करते हुए आतंकवादियों और उनके आकाओं को दंडित करने के लिए अपनी सरकार के संकल्प को व्यक्त किया था. भारत ने पहले ही पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को स्थगित रखना, तीन रक्षा सलाहकारों को निष्कासित करना और भारत में पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना शामिल है.
प्रधानमंत्री ने अपने दिल में गहरी पीड़ा को स्वीकार किया और कहा कि आतंकी हमले ने हर भारतीय को प्रभावित किया है, चाहे वह किसी भी राज्य या भाषा का हो. उन्होंने कहा, “हमले की तस्वीरों ने हर नागरिक को गुस्सा और दुखी कर दिया है और पूरे देश की पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है.”
मोदी ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि इस आतंकी हमले की तस्वीरें देखकर हर भारतीय का खून खौल रहा है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि इस हमले के पीछे मुख्य कारण आतंकवादियों और उनके संरक्षकों की हताशा और निराशा थी, क्योंकि कश्मीर में शांति लौट रही थी और जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फल-फूल रहा था. पहलगाम में यह हमला आतंकवाद को प्रायोजित करने वालों की हताशा को दर्शाता है, उनकी कायरता को दर्शाता है. ऐसे समय में जब कश्मीर में शांति लौट रही थी, स्कूलों और कॉलेजों में रौनक थी, निर्माण कार्यों ने अभूतपूर्व गति पकड़ी थी, लोकतंत्र मजबूत हो रहा था, पर्यटकों की संख्या रिकॉर्ड गति से बढ़ रही थी, लोगों की आय बढ़ रही थी, युवाओं के लिए नए अवसर पैदा हो रहे थे—देश के दुश्मनों, जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को यह पसंद नहीं आया, उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा. उन्होंने कहा कि न केवल भारत के लोग गुस्से में हैं, बल्कि पूरा विश्व इस हमले की निंदा करने के लिए देश के साथ एकजुट है.
मोदी ने कहा, “पूरी दुनिया से लगातार संवेदनाएं आ रही हैं. दुनियाभर के नेताओं ने मुझे फोन किया है, पत्र लिखे हैं और संदेश भेजे हैं. सभी ने इस जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है.”
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड जे. ट्रंप, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज, नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली, मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम और कई अन्य लोगों ने 22 अप्रैल को कश्मीर के बैसारन में हुए हमले के बाद मोदी से बात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.
मोदी ने कहा कि हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत एकता है और पूरा देश आतंकवादी कृत्य के खिलाफ एकजुट है.
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