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Tuesday, 5 November, 2024
होमराजनीति'कांग्रेस ज्यूडिशरी का सम्मान करती तो BBC डॉक्यूमेंट्री का समर्थन न करती', मंत्री का खड़गे पर हमला

‘कांग्रेस ज्यूडिशरी का सम्मान करती तो BBC डॉक्यूमेंट्री का समर्थन न करती’, मंत्री का खड़गे पर हमला

जितेंद्र सिंह ने कहा कि मैं नहीं मानता कि गोधरा को लेकर तत्कालीन गुजरात सरकार के मुख्यमंत्री को न्यायपालिका ने खुद ही क्लीन चिट दे दी थी, क्या ये कोर्ट की अवमानना ​​नहीं है.

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नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस न्यायपालिका का सम्मान करती तो वह बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का समर्थन नहीं करती.

सिंह ने कहा, ‘मल्लिकार्जुन खड़गे जो कुछ भी कह रहे हैं, वह वास्तविकता से बिल्कुल अलग है. अगर वह और उनकी पार्टी के लोग न्यायपालिका के प्रति सम्मान रखते, तो वे बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का समर्थन नहीं करते.’

‘मैं नहीं मानता कि गोधरा को लेकर तत्कालीन गुजरात सरकार के मुख्यमंत्री को न्यायपालिका ने खुद ही क्लीन चिट दे दी थी, तो क्या ये कोर्ट की अवमानना ​​नहीं है, उनका जिस तरह का रवैया है, मुझे लगता है ये कांग्रेस दोगलापन है.’

खड़गे की टिप्पणी का हवाला देते हुए सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने बुधवार को लोगों से न्यायपालिका पर हमले के खिलाफ एकजुट होने और गरीबों के अधिकारों को सुनिश्चित करने का आह्वान किया था. उन्होंने अपने भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाने और प्रचार करने के अलावा कुछ नहीं किया’ लेकिन वे खुद न्यायपालिका का सम्मान नहीं करते हैं.’

उन्होंने घाटी में अनुच्छेद 370 पर दिग्विजय सिंह की टिप्पणी की भी आलोचना की.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा था कि धारा 370 हटने के बाद आतंकी हमले तेज हो गए हैं. लेकिन भारतीय जनता पार्टी की यात्रा जब भी कश्मीर जाती थी, चाहे 1992 की मुरली मनोहर जी की यात्रा हो या मोदी जी की यात्रा, कांग्रेस ने आतंक के बहाने इन्हें रोका था, तो घाटी में आतंक के लिए बीजेपी कैसे जिम्मेदार है?’

सिंह ने आगे कहा कि कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा पर है लेकिन उनकी ही पार्टी हर दिन टूट रही है.

यूके के ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पीएम मोदी के कार्यकाल पर हमला करते हुए दो-भाग की सीरीज प्रसारित की थी. डॉक्यूमेंट्री से नाराजगी पैदा की और इसे चुनिंदा प्लेटफार्मों से हटा दिया गया.

मोदी पर बीबीसी की डॉक्युमेंट्र को लेकर मजबूती से खंडन में, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, सेवानिवृत्त नौकरशाहों और सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के दिग्गजों समेत 300 से अधिक प्रतिष्ठित भारतीयों ने भारत और उसके नेता के प्रति ‘अविश्वसनीय पूर्वाग्रह’ दिखाने के लिए ब्रिटिश राष्ट्रीय प्रसारक की निंदा करते हुए एक बयान पर हस्ताक्षर किए थे.


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