scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमराजनीतिकृषि कानून पहले रद्द किए जाते तो बच जाती 700 किसानों की जान, जनता के सामने अहंकार नहीं टिकेगा: केजरीवाल

कृषि कानून पहले रद्द किए जाते तो बच जाती 700 किसानों की जान, जनता के सामने अहंकार नहीं टिकेगा: केजरीवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में घोषणा की कि केंद्र ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है.

Text Size:

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की सरकार की घोषणा का शुक्रवार को स्वागत करते हुए कहा कि यह केवल किसानों की ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की भी जीत है.

केजरीवाल ने उन किसानों की मौत पर भी शोक जताया, जिन्होंने आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई.

उन्होंने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘15 अगस्त और 26 जनवरी की तरह यह स्वर्णिम दिन इतिहास के पन्नों में लिखा जाएगा. केंद्र किसानों के आगे झुक गया है. यह सिर्फ किसानों की ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की भी जीत है. यह जीत साबित करती है कि यह मायने नहीं रखता कि कौन-सी पार्टी या नेता है, आपका अहंकार जनता के सामने नहीं टिकेगा.’

उन्होंने कहा कि किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन जारी रखा और यह दुनिया में अपनी तरह का संभवत: सबसे लंबा और सबसे बड़ा संघर्ष है. उन्होंने कहा, ‘सरकार ने उनका आंदोलन खत्म करने के लिए सभी कदम उठाए. उन्हें आतंकवादी, खालिस्तानी कहा गया और यहां तक कि राष्ट्र विरोधी भी कहा गया लेकिन उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा. यह उनके लिए आजादी का संघर्ष है.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कृषि कानूनों को पहले ही निरस्त कर दिया जाता तो 700 से अधिक किसानों की जान बचाई जा सकती थी जिनकी प्रदर्शनों के दौरान मौत हो गयी.

उन्होंने कहा, ‘यह दुखद है कि 700 से अधिक किसानों ने अपनी जान गंवा दी. अगर कानून पहले ही निरस्त कर दिए जाते तो इन किसानों की जान बचाई जा सकती थी. मैं इन शहीदों और उनके परिवारों को नमन करता हूं. कोई भी आपकी शहादत नहीं भूलेगा.’

इससे पहले केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘आज प्रकाश दिवस पर कितनी बड़ी खुशखबरी मिली. तीनों कृषि कानून रद्द. 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए. उनकी शहादत अमर रहेगी. आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था. मेरे देश के किसानों को मेरा नमन.’

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में घोषणा की कि केंद्र ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है.


यह भी पढ़े: ममता ने 3 कृषि कानूनों की वापसी पर कहा- किसानों के साहस को नमन, उन्होंने भाजपा को असली जगह दिखा दी


share & View comments