scorecardresearch
Wednesday, 20 November, 2024
होमराजनीतिदीदी के कहने पर नहीं, पश्चिम बंगाल के लोग मेरा इस्तीफा मांगें तो दे दूंगा : अमित शाह

दीदी के कहने पर नहीं, पश्चिम बंगाल के लोग मेरा इस्तीफा मांगें तो दे दूंगा : अमित शाह

शाह ने बनर्जी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह अवैध प्रवासियों के तुष्टीकरण के लिए संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रही हैं, राज्य में सरकार बनाने के बाद CAA के खिलाफ विधानसभा में पारित प्रस्ताव वापस लेंगे.

Text Size:

बसीरहाट (पश्चिम बंगाल) : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि वह अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं, बशर्तें जब पश्चिम बंगाल के लोग उनसे ऐसा करने को कहें.

भाजपा के वरिष्ठ नेता शाह ने हालांकि कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दो मई को पद छोड़ना होगा क्योंकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) मौजूदा विधानसभा चुनाव हार जाएगी.

टीएमसी प्रमुख बनर्जी ने शनिवार को कूचबिहार जिले के सीतलकूची में चौथे चरण के मतदान के दौरान सीआईएसएफ कर्मियों की गोलीबारी में चार व्यक्तियों के मारे जाने को लेकर शाह से इस्तीफे की मांग की थी.

शाह ने उत्तर 24 परगना जिले के बसीरहाट में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘दीदी मेरा इस्तीफा मांग रही हैं. यदि पश्चिम बंगाल के लोग यह मांग करें तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, मैं अपना सिर झुकाकर ऐसा करने के लिए तैयार हूं. हालांकि, ममता को दो मई को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा.’

पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों के लिए आठ चरणों में चुनाव होने के बाद दो मई को मतगणना होगी.

शाह ने बनर्जी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह अवैध प्रवासियों के तुष्टिकरण के लिए संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रही हैं. शाह ने दावा किया कि अवैध प्रवासी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाते हैं और दंगों में लिप्त होते हैं.

उन्होंने कहा, ‘यदि मतुआ समुदाय के लोगों को नागरिकता मिल जाए तो दीदी को क्या दिक्कत है? उनकी समस्या यह है कि अवैध प्रवासी नाराज हो जाएंगे. ऐसे लोगों को अब राज्य पर शासन करने का अधिकार नहीं है. अवैध प्रवासी मुफ्त राशन जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाते हैं लेकिन दंगों में लिप्त होते हैं.’

शाह ने कहा कि भाजपा बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों के आने पर पूरी तरह से रोक लगा देगी और राज्य में सरकार बनाने के बाद सीएए के खिलाफ विधानसभा में पारित प्रस्ताव वापस लेगी.

उन्होंने लाभार्थियों को 10,000 रुपये की वार्षिक सहायता देने के लिए ‘मुख्यमंत्री शरणार्थी कल्याण कोष’ शुरू करने का वादा भी किया.

share & View comments