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Thursday, 21 November, 2024
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आप वास्तव में RLD प्रमुख जयंत चौधरी से मिले बिना कैसे कर सकते हैं मुलाकात और ले सकते हैं सेल्फी

यूपी में 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले रालोद ने आग्मेंटेड रियल्टी एप लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से उसकी पांच लाख मतदाताओं तक पहुंचने की योजना है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी करीब पांच लाख मतदाताओं से मिलने और यहां तक कि उन्हें अपने साथ सेल्फी लेने का मौका देने की तैयारी कर रहे हैं—और यह सब संभव होगा बस एक स्मार्टफोन और एक साधारण आग्मेंटेड रियल्टी एप के जरिये.

उत्तर प्रदेश में 2022 में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के मद्देनजर रालोद ने 15 अक्टूबर को  ‘app.loksankalp2022.com’   नामक एक आग्मेंटेड रियल्टी एप लॉन्च किया है.

ऑग्मेंटेड रियलिटी (एआर) एक ऐसी तकनीक है जो कंप्यूटर से तैयार इमेज और आवाजों को एकदम असली की तरह ही हमारे आसपास सुपरइम्पोज कर देती है.

चौधरी की पार्टी चाहती है कि मतदाता लिंक पर जाएं, तमाम आम मुद्दों पर अपने सुझाव और प्रतिक्रिया दें, जिन्हें 2022 के लिए रालोद के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा बनाया जा सके.

चौधरी ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम किसानों का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन अब मुझे लगता है कि जमीनी स्तर से जुड़ने और किसानों की आवाज को मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाना बेहद अहम है.’

उनके समन्वयक दीपक राठी ने दिप्रिंट को बताया कि रालोद सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और बल्क एसएमएस के माध्यम से राज्य में मतदाताओं को आग्मेंटेड रियलिटी एप का लिंक भेज रहा है.

एप का उद्देश्य 2022 के चुनाव से पहले राज्य, खासकर रालोद के गृह क्षेत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पांच लाख मतदाताओं तक पहुंचना है. राठी के मुताबिक, 20 अक्टूबर तक यूपी में लगभग एक लाख मतदाताओं ने आग्मेंटेड रियलिटी एप को देखा.

रालोद में एससी/एसटी सेल के प्रमुख प्रशांत कनौजिया ने दिप्रिंट को बताया कि यह एप राज्य के युवा मतदाताओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है.

कनौजिया ने कहा, ‘मैंने देखा है कि कैसे हमारे युवा मतदाता इस एप का उपयोग कर रहे हैं और सुझाव दे रहे हैं. यह एप युवा और पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं को काफी प्रभावित करेगा, जिन्हें लगता है कि कुछ ऐसी तकनीक होनी चाहिए, जहां वे दूरी का अहसास हुए बिना ही हमारे नेता के साथ संवाद कर सकें.’

बहरहाल, कुछ लोगों का मानना है कि यह पहल एक ‘नौटंकी’ की तरह है.

चुनाव रणनीतिकार तुषार पांचाल ने कहा, ‘यह पहल काफी दिलचस्प है, लेकिन इसमें कुछ भी नया या बहुत महत्वपूर्ण नहीं है. अगर मैं गलत नहीं हूं, तो 2017 के आसपास छत्तीसगढ़ में भाजपा मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की किताब में इसी तरह की पहल की गई थी, जिसमें बैक कवर पर दिए एक क्यूआर कोड को स्कैन करने पर डॉ. रमन सिंह का एक ऐसा ही वीडियो सामने आता था, जिसमें वह अपनी सरकार की तरफ से किए गए विकास कार्यों के बारे में बताते थे.’

उन्होंने कहा, ‘इस तरह की पहल एक दिलचस्प नौटंकी है और मीडिया को भी कुछ लिखने को मिल जाता है. यह मतदाताओं का मानस बदलने में कतई काम नहीं आता है.’


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ऐप का इस्तेमाल कैसे करें

रालोद की तरफ से इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी कोई सामान्य मोबाइल एप्लिकेशन नहीं है जिसे आप आराम से अपने फोन पर डाउनलोड कर सकें. ऐप का इस्तेमाल करने के लिए स्मार्टफोन पर वेब लिंक app.loksankalp2022.com को एक्सेस करना होगा.

आग्मेंटेड रियल्टी फीचर का इस्तेमाल करने के लिए इस प्लेटफॉर्म को आपके फोन के कैमरे और साउंड सिस्टम तक एक्सेस की जरूरत होती है और सबसे पहले आपको इसकी अनुमति देनी होगी.

पहली बार एप के लिंक को एक्सेस करने पर एक संदेश दिखता है कि इंटरनेट ‘कनेक्शन सुरक्षित है’ और यह कि ‘इस साइट पर दी जाने वाली आपकी जानकारी (उदाहरण के तौर पर पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड नंबर आदि) निजी है.’

एक बार कैमरा और साउंड एक्सेस देने के बाद स्क्रीन के नीचे एक लोगो दिखाई देता है जिसमें इसे टच करने का संदेश दिया होता है. एक बार लोगो पर क्लिक करने के बाद रालोद प्रमुख चौधरी प्रकट होते हैं और मतदाताओं से हिंदी में शासन के मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करने को कहते हैं.

इसके बाद पांच टॉपिक का एक मेनू दिखाई देता है जहां कोई भी मतदाता उस मुद्दे पर क्लिक कर सकता है जो उसे लगता है कि उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है. इन पांच टॉपिक में किसान और श्रम संबंधी मुद्दे, स्वास्थ्य और शिक्षा, नौकरी और कानून-व्यवस्था शामिल हैं.

एक बार किसी टॉपिक को क्लिक करने के बाद यूजर को उनके सुझाव के लिए धन्यवाद देते हुए कैमरा आइकन के साथ एक संदेश दिखाई देता है. कैमरा आइकन पर क्लिक करने पर फोन का कैमरा सक्रिय हो जाता है ताकि आप या कोई भी व्यक्ति कैमरे के सामने खड़े होकर रालोद प्रमुख चौधरी की कंप्यूटर जेनरेटेड इमेज के साथ एकदम असली जैसी लगने वाली सेल्फी ले सके.

कैमरा आइकन वाला यही संदेश यूजर से रालोद के फेसबुक, ट्विटर या सोशल मीडिया पेज पर जाने को भी कहता है, जिन्हें विशेषकर 2022 के चुनावों के मद्देनजर तैयार किया गया है.


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आरएलडी और अन्य टेक्नोलॉजी

रालोद पहले भी अपने रोजाना के कार्यों के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करता रहा है क्योंकि इससे समय बचता है.

राठी ने दिप्रिंट को बताया कि पिछले तीन महीनों में रालोद ने डेटा संग्रह के लिए एक एप का उपयोग करना शुरू कर दिया है. बूथ वर्कर अपने क्षेत्र के मतदाताओं की जानकारी को कागज पर नोट करने के बजाये उसका ब्योरा सीधे एप पर दर्ज कर सकते हैं जिससे मैन्युअल डाटा एंट्री में समय नहीं लगता है.

एप पार्टी कार्यकर्ताओं पर नजर रखने में भी मददगार है और बताती है कि वे कहां हैं, इससे रालोद को उन लोगों को पुरस्कृत करने में भी मदद मिलती है जो पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं.

अगस्त में रालोद ने पार्टी समर्थकों के लिए एक आग्मेंटेड रियल्टी एप लॉन्च की थी ताकि वे रालोद के संस्थापक स्वर्गीय चौधरी अजीत सिंह की कंप्यूटर जेनरेटेड छवि के साथ एक तस्वीर ले सकें, जिनका मई में निधन हो गया था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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