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Wednesday, 20 November, 2024
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शिवसेना के साथ कैसे बैठे तालमेल: कांग्रेस, राकांपा के दिल्ली में बैठक करने की संभावना

उद्धव ठाकरे ने कहा था, ‘हमें छह महीने मिले हैं. शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस एक साथ बैठेंगे और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर काम करेंगे.

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मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए कांग्रेस और एनसीपी शिवसेना को समर्थन करे या न करे, और करे तो क्या हो उनका कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) इस तरह की बातों के साथ आने वाले तीन चार दिनों में दोनों पार्टियां दिल्ली में बैठक कर सकती हैं. वहीं दूसरी तरफ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की और कहा कि बातचीत सही दिशा में बढ़ रही है.

कांग्रेस और राकांपा सरकार गठन के लिए आगामी तीन चार दिनों में शिवसेना के साथ संभावित तालमेल के तौर तरीकों पर एक रूप रेखा तैयार तैयार करने के लिए बैठक करने जा रही है. समाचार एजेंसी भाषा ने सूत्रों का हवाला देते हुए लिखा है कि बुधवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल तथा सुनील तटकरे के कांग्रेस के साथ बैठक करने की संभावना है. इस बैठक में चर्चा होगी कि अगर सरकार बनाने के लिए शिवसेना का समर्थन किया जाता है तो क्या नीतियां होनी चाहिए.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान उजागर नहीं करने का अनुरोध करते हुए बताया, ‘कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया गांधी) इस पर फैसला करेंगी कि हमारी पार्टी की ओर से राकांपा के साथ इन मुद्दों पर कौन चर्चा करेगा. अगले तीन-चार दिनों में दिल्ली में चर्चा होने की संभावना है.’ उन्होंने कहा कि शिवसेना से बातचीत के पहले कांग्रेस और राकांपा सबसे पहले अपने स्तर पर न्यूनतम साझा कार्यक्रम के विवरण पर काम करेंगे.


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पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच मंगलवार को यहां हुई बातचीत के बाद राष्ट्रीय राजधानी में बैठकें होंगी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कांग्रेस के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा के लिए गठित की जाने वाली संयुक्त कमेटी के सदस्यों के रूप में बुधवार को अपने नेताओं छगन भुजबल, अजित पवार, जयंत पाटिल, नवाब मलिक और धनंजय मुंडे का नाम सामने रखा .

राकांपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘दोनों दलों के प्रदेश के नेता सबसे पहले अपने स्तर पर न्यूनतम साझा कार्यक्रम के संबंध में चर्चा करेंगे. इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं की बैठकों में इस पर चर्चा होगी.’

बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है : ठाकरे

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बुधवार को महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की और कहा कि राज्य में सरकार गठन को लेकर बातचीत ‘सही दिशा’ में आगे बढ़ रही है तथा उचित समय आने पर फैसला लिया जाएगा. बहरहाल, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने ठाकरे के साथ बैठक को ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया और कहा कि वे मिल रहे हैं यह अपने आप में ‘सकारात्मक’कदम है.

ठाकरे ने उपनगर के एक होटल में थोराट, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण और वरिष्ठ कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे से मुलाकात की. राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के एक दिन बाद हुई यह बैठक करीब एक घंटे तक चली.

ठाकरे ने कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा, ‘सब कुछ ठीक चल रहा है. बातचीत सही दिशा में चल रही है और उचित समय आने पर फैसले की घोषणा की जाएगी.’ बाद में जब थोराट से पूछा गया कि क्या बैठक नयी सरकार के गठन की दिशा में सकारात्मक रही, इस पर उन्होंने कहा, ‘उद्धव ठाकरे के साथ हमारी बैठक शिष्टाचार भेंट थी. हम मुलाकात कर रहे हैं, यह बात अपने आप में सकारात्मक कदम है.’

माणिकराव ठाकरे ने कहा कि आगे की बातचीत के लिए ‘मैत्रीपूर्ण माहौल’बनाने के वास्ते यह बैठक हुई. ठाकरे के साथ बैठक से पहले मंगलवार को एआईसीसी नेताओं अहमद पटेल, के सी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे की राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ बैठक हुई थी जिसमें शिवसेना के साथ सरकार गठन के लिए ‘न्यूनतम साझा कार्यक्रम’ (सीएमपी) तैयार करने के मुद्दे पर चर्चा हुई थी.

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और राकांपा को परस्पर सहमति पर पहुंचना होगा और साझा एजेंडे के लिए कुछ मुद्दे को स्पष्ट करना पड़ेगा और फिर अगर जरूरत पड़ी तो शिवसेना से दोबारा संपर्क करेंगे.’थोराट ने कहा कि राकांपा ने ‘न्यूनतम साझा कार्यक्रम’ तय करने के लिए बनायी जाने वाली एक संयुक्त समिति के लिए अपने पांच सदस्यों को नामित कर दिया है और कांग्रेस भी जल्द अपने सदस्यों को नामित करेगी.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीद करती है कि विचार-विमर्श जल्द ही खत्म हो.

बता दें कि ठाकरे ने मंगलवार को कहा था अगर कांग्रेस तथा राकांपा के समर्थन से सरकार बनती है तो शिवसेना को उनकी तरह न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर स्पष्टता की आवश्यकता है.

ठाकरे ने कहा था, ‘हमें छह महीने मिले हैं. शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस एक साथ बैठेंगे और सीएमपी पर काम करेंगे. शिवसेना और कांग्रेस-राकांपा के कई मुद्दों पर अलग-अलग विचार हैं…वे काम करेंगे और सरकार गठन का दावा पेश करेंगे.’

शिवसेना राज्य विधानसभा में भाजपा की 105 सीटों के बाद 56 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. अगर वह राकांपा (54) और कांग्रेस (44) के साथ आती है तो तीनों दल 288 सदस्यीय सदन में बहुमत के 145 के आंकड़े को आसानी से पार कर सकते हैं.

सत्ता साझेदारी को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच तनातनी के बाद राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गयी है. उनके गठबंधन को 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में बहुमत मिला था.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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