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Friday, 15 November, 2024
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कैसे प्रवासी मजदूरों को उनके गांवों और कस्बों में काम मिले इसकी योजना बना रहा है RSS, फोकस स्वदेशी पर होगा

आरएसएस अपनी ग्राम विकास योजना के माध्यम से उन संस्थानों तक पहुंच बना रहा है जो प्रवासी श्रमिकों को नौकरियों में मदद कर सकते हैं. संघ ने कृषि से संबंधित गतिविधियों में लगे इंस्टीट्यूट को भी इस मामले में संपर्क किया है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लॉकडाउन के दौरान अपने घरों को वापस लौटे उन प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार की तलाश में जुटी है. इसका पूरा फोकस सरकार के द्वारा आत्मनिर्भर के आह्वान पर रखा गया है.

आरएसएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि संगठन के स्वयंसेवकों ने प्रवासी श्रमिकों के लिए जिला स्तर पर एक सर्वेक्षण किया था. पदाधिकारी के अनुसार, सर्वे में पता चला कि कुछ लोग तो जहां जिस शहर में काम करते थे वहां वापस जाने की इच्छा व्यक्त की है जबकि अधिकतर ने कहा है कि वे अपने गांवों और कस्बों में ही नौकरी करना चाहते हैं.

फीडबैक के आधार पर, आरएसएस अपने ग्राम विकास (गांवों के विकास) के माध्यम से उन संस्थानों तक पहुंच बना रहा है जो प्रवासी श्रमिकों को नौकरियों में मदद कर सकते हैं. संघ ने कृषि से संबंधित गतिविधियों में लगे इंस्टीट्यूट से भी इस मामले में संपर्क किया है जो प्रवासियों को नौकरी दे सकते हैं.

इस अधिकारी ने आगे कहा कि प्रवासियों में से अधिकांश उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार वापस लौट गए थे. इसी अधिकारी ने बताया, कई प्रवासी श्रमिकों ने कहा कि उनके मौजूदा स्किल के आधार पर, वे अपने गांव और कस्बों में ही नौकरी करना चाहते हैं.’


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कोलकाता और कानपुर जाएंगे मोहन भागवत

आने वाले दिनों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत उत्तर प्रदेश के कानपुर और पश्चिम बंगाल के कोलकाता की यात्रा पर जाने वाले हैं जहां लॉकडाउन के दौरान आरएसएस के द्वारा किए गए वेलफेयर के कामों, प्रवासी मजदूरों की स्थिति आदि से जुड़े मुद्दे उठाएंगे. पर्यावरण, आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी अभियान को आगे बढ़ाने का काम करेंगे.

एक दूसरे अधिकारी ने बताया, ‘सरसंघचालक मोहन भागवतजी के उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जाने की संभावना है. वह 22 सितंबर से कोलकाता की तीन दिवसीय यात्रा पर आएंगे और सभी पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

उन्होंने आगे कहा, ‘ महामारी काल में आरएसएस द्वारा उठाए गए कदमों के साथ कई संगठनात्मक मुद्दों और उपायों पर चर्चा की जाएगी.’ ‘इसी दौरान, स्वदेशी पर ध्यान केंद्रित करने के साथ आत्मनिर्भरता (आत्मानिर्भर) जैसे मुद्दों को कैसे प्राप्त किया जा सकता है और इसमें स्वयंसेवक कैसे मदद कर सकते हैं, इसपर भी विचार किया जाएगा.’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब प्रमुख क्षेत्रों जैसे कृषि, गाय, आयुर्वेद और अन्य संबद्ध क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि प्रवासी श्रमिकों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा हो सकें.

अधिकारी ने बताया, ‘ग्राम विकास पहल के तहत, हम उन संस्थानों के संपर्क में बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो खेतों और डेयरी क्षेत्र में काम कर रहे हैं. गायों सबसे लाभदायक हैं क्योंकि इससे न केवल दूध बेचकर पैसा कमाया जा सकता है, बल्कि मक्खन, घी, मूत्र और गोबर (गोबर) भी कमाई का साधन हो सकते हैं.


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(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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