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Friday, 22 November, 2024
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अपना काम निकलवाने ​के​ लिए सुमित्रा ताई ने कैसे लिया कांग्रेस के नेताओं का साथ

महाजन के बयान पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा,' मोदी सरकार की तानाशाही से खुद पूर्व लोकसभा स्पीकर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी पीड़ित थी. जनता के मुद्दों पर अपनी बात पार्टी के मंचों पर नहीं रख पाती थीं. क्या ये डर नहीं है तो और क्या है.'

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नई दिल्ली: पूर्व लोकसभा स्पीकर और इंदौर से आठ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन ने अपने संसदीय क्षेत्र की मदद के लिए कांग्रेस की मदद लेने के बयान से प्रदेश की राजनीति में सरगर्मी बढ़ा दी है. ताई के नाम से प्रचलित महाजन की मन की बात सार्वजनिक मंच पर सामने निकल के आ गई. महाजन ने इंदौर में हुए एक कार्यक्रम में कहा जब वे सांसद और स्पीकर थी उस दौरान पार्टी के अनुशासन के चलते अपनी पार्टी के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकती थी, तो जब काम निकलवाना होता था तो कांग्रेस नेताओं की भी मदद ले लेती थी.

लोकसभा चुनाव 2019 में महाजन की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया जब उन्हें 75 पार होने के कारण ​न टिकट मिला न ही पार्टी की जीत के बाद कोई संवैधानिक पद. राजनीतिक रूप से हाशिए पर पहुंची महाजन अपने बयान से अपनी पार्टी के प्रति नाराज़गी भी शायद दिखा रहीं है.

पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने दिप्रिंट से कहा, ‘एक छोटा सा कार्यक्रम था. इसमें प्रदेश के राज्यपाल भी आए थे. यह हमारे यहां के एक मंत्री और विधायक जीतू पटवारी का था. इसमें कई सामाजिक संस्थाएं भी शामिल थी. इस दौरान इंदौर के विकास को लेकर चर्चा हो रही थी. इसी कार्यक्रम में मैंने कहा, इंदौर शहर के विकास के लिए हम सब एक होते हैं. कभी-कभी ऐसा होता था कि कोई प्रश्न उठाना है इंदौर के विकास के लिए, सरकार हमारी शिवराज की थी तो ध्यान आकर्षित कैसा करना, तो मैं उनकों बोलती थी, तुम आंदोलन करो. फिर मैं इस मामले में शिवराज से बात करुंगी.’

ताई ने कहा, ‘अब बीजेपी सरकार का हमारा विधायक भी हो तो हम हमारी भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन तो नहीं कर सकते. हमारी सरकार थी. थोड़ा जन आंदोलन कुछ समस्याओं के लिए आवश्यक होता है. अब इंदौर के लिए मुझे कुछ सड़के चाहिए तो मैं कहती थी कि भैया तुम उठाओ तो प्रश्न फिर मैं जाकर शिवराज सिंह से जाकर बात करुंगी.’

कांग्रेस बोली ये डर नहीं तो फिर क्या

मौके को न छोड़ते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसे मोदी सरकार की तानाशाही का एक और उदारहण बताया. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी सरकार की तानाशाही से खुद पूर्व लोकसभा स्पीकर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी पीड़ित थी. जनता के मुद्दों पर अपनी बात पार्टी के मंचों पर नहीं रख पाती थीं. उसके लिए वह कांग्रेस के नेताओं का सहारा लेती थी. क्या ये डर नहीं है तो और क्या है.’

यह कहा पूर्व लोकसभा स्पीकर ने

पूर्व लोकसभा स्पीकर और इंदौर से आठ बार की सांसद रही सुमित्रा महाजन रविवार को इंदौर के सरकारी एम.वाय. हॉस्प्टिल में कैंटीन के उद्घाटन के लिए गई थी. इस कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन और प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मंत्री तुलसी सिलावट और जीतू पटवारी भी मौजूद थे.

इसी कार्यक्रम में ताई ने कहा, ‘मैं जब इंदौर से सांसद और लोकसभा स्पीकर थी, उस दौरान मेरे संसदीय क्षेत्र की फिक्र रहती थी. लेकिन पार्टी के अनुशाासन में होने और पार्टी लाइन से बंधी होने के कारण मैं कई बार अपनी पार्टी की प्रदेश और केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज़ नहीं उठा सकती थी. ऐसे में मैं कांग्रेस के नेता जीतू पटवारी और तुलसी सिलावट से धीरे से कह देती थी कि भैया इंदौर के लिए कुछ करो, कुछ तो कहो, मुद्दे उठाओ. इसके बाद मैं आपकी बात शिवराज सिंह चौहान और केंद्र सरकार तक पहुंचा दूंगी.’

कांग्रेस के युवा मंत्री में मेरा शिष्य बनने के पूरे गुण

इस कार्यक्रम में भाजपा की वरिष्ठ नेता सुमित्रा ताई ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार के मंत्रियों की जमकर तारीफ भी की. पूर्व सांसद ने कहा कि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी में मेरा शिष्य बनने के सभी गुण मौजूद है. मैंने जो भी किया वह केवल इंदौर शहर के विकास को ध्यान में रखते हुए ​ही किया. जब हमारा एजेंडा विकास करना होता फिर पार्टी पॉलिटिक्स को दिमाग में नहीं रखते हैं. ताई के इन बातों पर कार्यक्रम में मौजूद राज्यपाल भी मुस्कुराते रहे.

कार्यक्रम में ताई ने यह भी कहा कि यह इंदौर के लोगों का स्वभाव है कि अपने शहर के विकास के लिए राजनीति और पार्टी लाइन से उठकर सोचते हैं, काम करते हैं और बोलते हैं. उन्होंने दोनों कांग्रेस नेता और कांग्रेस सरकार में मंत्री जीतू पटवारी और तुलसी सिलावट की तारीफ करते हुए कहा कि किसी भी बात कहने पर ये लोग पूरे जोर शोर से उसे उठाते थे.

इंदौर से आठ बार सांसद रहीं ताई

इंदौर संसदीय क्षेत्र से लगातार आठ बार से सांसद चुनी गईं सुमित्रा महाजन को इंदौरवासी स्नेह से ‘ताई’ यानी बड़ी बहन कहकर बुलाते हैं. मामूली से कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत करने वाली ताई काफी संघर्ष के बाद लोकसभा अध्यक्ष तक पहुंचीं. मीरा कुमार के बाद महाजन लोकसभा अध्यक्ष बनने वाली दूसरी महिला हैं.

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के चिपलुन में 12 अप्रैल 1943 में जन्मी महाजन ने 1982 में इंदौर नगर निगम के पार्षद के तौर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. इसके बाद वे 1984-85 तक शहर की उप महापौर भी रहीं.

1989 में ताई पहली बार इंदौर से चुनावी मैदान में उतरीं. उनका सामना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाशचंद्र सेठी से था. इस चुनाव में ताई ने अच्छे अंतराल से जीत हासिल की. इसके बाद अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान वे राज्यमंत्री भी रहीं. मानव संसाधन, संचार-प्रौद्योगिकी और पेट्रोलियम-प्राकृतिक गैस जैसे महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा संभाला. भाजपा में ताई हमेशा अपनी साफ छवि, ईमानदारी और सरलता के अलावा शहर से शानदार रिकार्ड से जीत हासिल करने के लिए मानी जाती हैं. उन्होंने सक्रिय सांसद के रूप में शहर से जुड़े मुद्दों को संसद में दमदार तरीके से उठाया.

महाजन ने 16वीं लोकसभा चुनाव में इंदौर से 4.67 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज करके लगातार आठवीं बार लोकसभा सीट जीती थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में उम्र के चलते भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था. ताई की जगह शंकर लालवानी को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया. लालवानी ने इंदौर से रिकार्ड मतों से जीत हासिल की.

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