scorecardresearch
Tuesday, 10 December, 2024
होमराजनीति70 साल के राय साहब जो बन गए हैं सपा नेताओं के लिए एक पहेली

70 साल के राय साहब जो बन गए हैं सपा नेताओं के लिए एक पहेली

Text Size:

समाजवादी पार्टी की हर बैठक में राय साहब जरूर हाज़िर होते हैं लेकिन पार्टी के नेताओं को यह नहीं पता है कि वे हैं कौन और उनको दिए जाने वाले इस महत्व की वजह क्या है।

नई दिल्लीः पिछले कुछ महीनों से पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के कैम्प में एक वृद्ध व्यक्ति की उपस्थिति से समाजवादी पार्टी का लगभग हर नेता चकित है।

70 साल के माने जाने वाले राय साहब, पार्टी कार्यकर्ताओं को क्या करना है, कैसा व्यवहार करना है आदि से लेकर भाजपा और आरएसएस से कैसे मुकाबला करना है तक सलाह देने के लिए, अप्रैल से सपा की लगभग हर बैठक का हिस्सा रहे हैं।


यह भी पढ़े : No swimming pool in bungalow, didn’t remove govt property: Akhilesh Yadav


सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि अखिलेश यादव भी हर बैठक में उनका परिचय कराने का मौका नहीं छोड़ते हैं। पार्टी अध्यक्ष, “ये राय साहब हैं। हमारी मदद करने आए हैं। ये आपको पार्टी के बारे में और चुनावी तैयारियों के बारे में कुछ बताएंगे। इनको ध्यान से सुनिए।”, यह कहकर उनसे मुलाकात करवाते हैं।

सूत्र बताते हैं कि एक बार ऐसा हो जाने के बाद राय साहब मंच पर आ जाते हैं और लगभग हर मुद्दे के बारे में बात करते हैं। उन्होंने उन शब्दों को सूचीबद्ध किया है जिनसे सपा के मीडिया दल के सदस्यों को बचना चाहिए, क्योंकि वे हिन्दू-विरोधी प्रतीत हो सकते हैं, वह उन कपड़ों पर जोर देते हैं जो उनको पहनने चाहिए और इस पर भी जोर देते हैं कि दूसरी जाति के नेताओं को अपने ही जातीय भाइयों को सपा में आमंत्रित करने के लिए कैसा रवैया अपनाना चाहिए।

सपा के भीतर एक रहस्य

मंच पर उनकी उपस्थिति के अलावा, समाजवादी पार्टी के भीतर भी राय साहब के बारे में बहुत कम जानकारी है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि यहाँ तक कि बहुत से लोगों को तो उनका पूरा नाम तक पता नहीं है।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि “वह मुझे कॉल करते हैं और पार्टी की रणनीति और इसे कैसे कार्यान्वित करना है के बारे में बात करते हैं लेकिन मुझे उसका पूरा नाम भी नहीं पता। मैंने उनका फोन नंबर राय साहब के नाम से सेव कर रखा है और केवल तभी बात करता हूँ जब वह फोन करते हैं।”


यह भी पढ़े : Rahul Gandhi needs to learn from RSS if he has to defeat BJP


ऐसा माना जा रहा है कि मथुरा से संबंधित राय साहब पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बिहार के एक राजनीतिक विश्लेषक हैं।
सपा के एक नेता का कहना है कि “वह 70 साल के एक बूढ़े आदमी हैं और विदेश में रहते थे। “वह हमेशा जापान का जिक्र किया करते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी जिंदगी का काफी समय वहीं बिताया है।”

लेकिन पार्टी नेतृत्व से उनकी निकटता के बारे में सभी जानते हैं। सपा के एक अन्य नेता ने कहा कि “आप हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं को जानते हैं। जब उनको पता चलता है कि वह अखिलेश यादव के एक खास व्यक्ति हैं तो हर कोई उनके दरवाजे पर पहुँच जाता है।“

राय साहब का उद्भव

पार्टी के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि एक दलित कार्यकर्ता ने जनवरी माह में पहली बार राय साहब का परिचय लखनऊ में अखिलेश यादव के साथ करवाया था। उन्होंने कथित तौर पर समाजवादी पार्टी को आने वाले चुनावों से निपटने के लिए एक रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसको अखिलेश ने मंजूर कर लिया था।

सूत्रों का कहना है कि उन्हें इस साल अप्रैल में पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने पेश किया गया था जब अखिलेश ने लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की तीन दिवसीय बैठक बुलाई थी। उन्होंने सभी बैठकों में भाग लिया, प्रस्तुतिकरण किया और चुनाव प्रचार अभियान के लिए तैयार होने के लिए नेताओं को निर्देश दिए।

पिछले महीने, सपा ने लखनऊ में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक आयोजित की थी और राय साहब वहाँ भी मौजूद थे। बैठक में, सभी पार्टी नेताओं को बसपा के साथ गठबंधन पर लिखित रूप में अपने विचार पेश करने के लिए कहा गया था।

सूत्रों का कहना है कि कई नेताओं ने राय साहब से संपर्क किया और उनका मोबाइल नंबर मांगा। इस पर उन्होंने सीधे शब्दों में जवाब दिया कि “आप इसे अखिलेश यादव के कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।”

नेताओं के अनुसार, राय साहब पार्टी के किसी भी व्यक्ति से बात करते हैं जिससे वे चाहते हैं लेकिन वे उन्हें पारस्परिक रूप से बात करने की अनुमति नहीं देते हैं जब तक कि वे स्वयं ऐसा न चाहें।


यह भी पढ़े : Akhilesh Yadav begins preparing his partymen to work with BSP to jointly fight BJP in 2019


सपा के एक नेता का कहना है कि “वह पार्टी के चुनाव प्रचार अभियानों के प्रभारी नहीं हैं और प्रचार अभी भी पार्टी के नेताओं की टीम द्वारा संभाला जा रहा है। लेकिन वह निश्चित रूप से पार्टी अध्यक्ष को सलाह देते हैं कि क्या करना है और उनकी सलाह पर अमल किया जाता है। वह आज तक हम में से कई लोगों के लिए एक रहस्य बने हुए हैं।”

Read in English : How a mysterious 70-year-old became Akhilesh Yadav’s best friend in seven months

share & View comments