जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके अमरिंदर सिंह की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोलने की पृष्ठभूमि में रविवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमरिंदर कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो.
उन्होंने यह भी कहा कि कई बार आलाकमान को विधायकों एवं आमजन से मिले फीडबैक के आधार पर निर्णय लेने पड़ते हैं और ऐसे क्षणों में लोगों को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए.
गहलोत ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब एक दिन पहले अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया, जिसके बाद यह कदम उठाया.
अमरिंदर सिंह ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सिद्धू पर निशाना साधा और दावा किया कि उनके पाकिस्तान से रिश्ते हैं तथा उनको मुख्यमंत्री बनाने से पंजाब का बेड़ा गर्क हो जाएगा.
गहलोत ने एक बयान में कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जी ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो. कैप्टन साहब ने स्वयं कहा कि पार्टी ने उन्हें साढे़ नौ साल तक मुख्यमंत्री बनाकर रखा है. उन्होंने अपनी सर्वोच्च क्षमता के अनुरूप कार्य कर पंजाब की जनता की सेवा की है.’
उनके मुताबिक, ‘आलाकमान को कई बार विधायकों एवं आमजन से मिले फीडबैक के आधार पर पार्टी हित में निर्णय करने पड़ते हैं. मेरा व्यक्तिगत तौर पर भी मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष कई नेताओं, जो मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में होते हैं, उनकी नाराजगी मोल लेकर ही मुख्यमंत्री का चयन करते हैं. परंतु वही मुख्यमंत्री को बदलते वक्त आलाकमान के फैसले को नाराज होकर गलत ठहराने लग जाते हैं.’
उन्होंने कहा कि ऐसे क्षणों में अपनी अंतरात्मा को सुनना चाहिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने कहा, ‘मेरा मानना है कि देश फासीवादी ताकतों के कारण किस दिशा में जा रहा है, यह हम सभी देशवासियों के लिए चिंता का विषय होना चाहिए. इसलिए ऐसे समय हम सभी कांग्रेसजनों की जिम्मेदारी देश हित में बढ़ जाती है. हमें अपने से ऊपर उठकर पार्टी व देश हित में सोचना होगा.’
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘कैप्टन साहब पार्टी के सम्मानित नेता हैं एवं मुझे उम्मीद है कि वह आगे भी पार्टी का हित आगे रखकर ही कार्य करते रहेंगे.’
उधर, गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने शनिवार को अपने एक ट्वीट से विवाद खड़ा होने के बाद इस्तीफा दे दिया.
शर्मा ने ट्वीट किया था, ‘मजबूत को मजबूर, मामूली को मगरूर किया जाए, बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए.’
उनके इस ट्वीट को पंजाब के घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में कई लोगों ने कांग्रेस आलाकमान पर सवाल खड़े करने के रूप में देखा.
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