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Monday, 20 May, 2024
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लोगों की मदद करें, काम में तेजी लाएं -चुनावी राज्यों के दौरे पर निकले बी एल संतोष का BJP कैडर को संदेश

भाजपा संगठन महासचिव बी.एल. संतोष ने उन पांच राज्यों का दौरा शुरू कर दिया है जहां अगले विधानसभा चुनाव होने हैं. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से उत्तराखंड में जारी ‘सेवा’ कार्यों को लोगों की नजर में लाने की कवायद तेज करने को भी कहा है.

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नई दिल्ली: भाजपा के संगठन महासचिव बी.एल. संतोष के चुनावी राज्यों का दौरा शुरू करने के साथ पार्टी ने उन पांच राज्यों में जमीनी हालात का जायजा लेना शुरू कर दिया है जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में 2022 में चुनाव होने हैं.

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, संतोष पिछले सप्ताह उत्तराखंड में थे, जहां उन्होंने एक शुरुआती समीक्षा बैठक के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कामकाज जमीनी स्तर पर दिखना सुनिश्चित करें—जो कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान नहीं दिखा है.

फिर से जमीनी स्तर पर पकड़ बनाने के लिए संतोष ने कुछ उपाय सुझाए जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा कोविड के कारण अपनों को खो चुके परिवारों से मिलना और अनाथ हुए बच्चों की पहचान करके उन्हें केंद्र और राज्य की योजनाओं का लाभ दिलाना भी शामिल है.

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के सेवा कार्यों को आगे लाने के लिए राज्य में पार्टी की इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) सेल से भी मुलाकात की.

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संतोष ने इसके साथ ही पीपीई किट पहनकर राज्य के कोविड वार्डों का दौरा करने और इसके जरिये एक अच्छा संदेश देने के लिए नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सराहना भी की.

वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यालय भी गए, जहां आरएसएस कार्यकर्ताओं ने उन्हें आगामी उपचुनावों के बारे में जानकारी दी. विधानसभा के लिए चुने जाने के लिए मुख्यमंत्री को चुनाव लड़ना है.

संतोष अब अपने दौरे के क्रम में उत्तर प्रदेश रवाना हो चुके हैं.

उत्तराखंड का दौरा

संतोष ने पिछले सप्ताह अपने देहरादून दौरे के दौरान उत्तराखंड भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम से मुलाकात की और इस साल के शुरू में नेतृत्व परिवर्तन के बाद राज्य की राजनीतिक स्थिति के बारे में जाना.

उन्होंने मुख्यमंत्री, मंत्रियों, पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं ताकि स्थिति पर उनका फीडबैक लिया जा सके, खासकर कोविड को लेकर क्या फीडबैक है और सरकार और पार्टी लोगों की मदद के लिए क्या-क्या प्रयास कर रही है.

भाजपा के एक नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘उनका सबसे ज्यादा जोर लोगों की मदद के संबंध में पार्टी-सरकार के बीच तालमेल बनाने और जमीन पर यह नजर आना बढ़ाने पर था. अगर लोग परेशान हो रहे हैं और भाजपा नेता मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं तो इससे पार्टी का कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा.’

नेता ने आगे कहा, ‘कई नेताओं ने संतोष से शिकायत की थी कि भौगोलिक स्थिति के कारण पहाड़ी राज्य में बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी बड़ी चुनौतियां हैं, लेकिन संतोष ने कहा कि अगर पार्टी कार्यकर्ता और नेता सही समय पर मदद की कोशिश करें तो इन चुनौतियों को दूर किया जा सकता है.’

भाजपा विधायक खजान दास ने दिप्रिंट को बताया कि कोविड की दूसरी लहर के शुरुआती दिनों में स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां सामने आई थीं, खासकर कई जगह पहुंचना दुर्गम होने और मामलों में अचानक तेजी के कारण.

दास ने आगे कहा, ‘हमें ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर बेड की उपलब्धता तक कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन अब स्थितियां बेहतर हैं. केंद्रीय नेतृत्व का स्पष्ट संदेश था कि जब तक स्थिति में सुधार नहीं होता, बूथ, मंडल स्तर के हर नेता को प्रभावित परिवारों तक हर तरह की मदद—राशन से लेकर अस्पताल में भर्ती कराने के लिए वाहनों की व्यवस्था तक—पहुंचाने के लिए सक्रिय कर दिया जाए.

उन्होंने बताया, ‘उनका संदेश यही था कि पार्टी और सरकार हर हाल में जमीनी स्तर पर सक्रिय दिखनी चाहिए.’

जनवरी में विधानसभा चुनाव संबंधी रणनीति पर सुझाव देने वाली समिति के अध्यक्ष बनाए गए भाजपा सांसद नरेश बंसल ने दिप्रिंट को बताया कि प्रभावित परिवारों के बच्चों की शिक्षा और पेंशन के लिए राज्य और केंद्र सरकार की कई योजनाएं शुरू की गई हैं.

बंसल ने कहा, ‘अब यह कार्यकर्ताओं का काम है कि वे इनका पूरा ब्योरा प्रभावित परिवार को दें. चूंकि प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है, इसलिए जून में अधिक विस्तृत रणनीति बनाने संबंधी बैठक होगी. अभी, एकमात्र प्राथमिकता लोगों की मदद करना और सरकार को लेकर सही धारणा कायम करना है.’


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आईटी सेल से पहुंच बढ़ाने को कहा

उत्तराखंड में पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख और कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत में संतोष ने उनसे पार्टी कार्यकर्ताओं की तरफ से कोविड प्रभावितों की मदद से जुड़ी ‘सेवा’ की हर कहानी को सामने लाने को कहा.

उन्होंने आईटी सेल के प्रमुख से आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के ‘सेवा ही संगठन’ अभियान को बढ़ावा देने के लिए हर बूथ और गांव के स्तर पर कार्यकर्ता नियुक्त करने को कहा.

उन्होंने आईटी सेल के प्रमुख से कहा कि प्रदेश में 16,674 गांव हैं और प्रत्येक गांव के स्तर पर आईटी सेल के कर्मचारी होने चाहिए.

आईटी सेल के एक पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि चूंकि शासन के स्तर पर हाल में बदलाव हुआ है और इसके तुरंत बाद ही कोरोना केस बढ़ने को लेकर कुंभ मेले का आयोजन आलोचनाओं के घेरे में आ गया. आईटी सेल को सरकार के प्रति ‘धारणा की यह लड़ाई जीतने को कहा गया है, लेकिन यह केवल तभी होगा जब जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति और सेवा कार्यों को बढ़ाया जाएगा.’


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मुख्यमंत्री की तारीफ

अपने कार्यालय से बाहर नहीं निकलने वाले तमाम मुख्यमंत्रियों के विपरीत नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत लगातार पीपीई किट पहनकर कोविड केयर वार्डों का दौरा कर रहे हैं.

उन्होंने सोमवार को टिहरी जिला अस्पताल का दौरा किया, जहां उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और मरीजों से उनका हालचाल जाना. उन्होंने शनिवार को उत्तरकाशी जिला अस्पताल का दौरा किया था.

एक सूत्र ने बताया, ‘अपनी बैठक में संतोष ने मरीजों के साथ सीधे बातचीत के मुख्यमंत्री के प्रयासों की प्रशंसा की, जिससे महामारी से निपटने में सरकार के प्रयास के बारे में सकारात्मक धारणा बनी है.’

संतोष ने विभिन्न मंत्रियों से उनके मंत्रालयों की तरफ से किए जाने वाले अच्छे कार्यों के बारे में फीडबैक भी लिया.

उन्होंने आगामी उपचुनावों पर चर्चा के लिए आरएसएस कार्यालय का भी दौरा किया. हालांकि, यह तय किया गया कि उपचुनाव और विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा लिए बैठक स्थिति में सुधार के बाद जून मध्य में की जाएगी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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