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Tuesday, 5 November, 2024
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हरियाणा की खट्टर सरकार 45-60 वर्ष की आयु के अविवाहित लोगों के लिए पेंशन शुरू करेगी

करनाल के कार्यक्रम में सीएम खट्टर ने किया फैसले का ऐलान. यदि योजना लागू होती है, तो अगले साल विधानसभा चुनाव का सामना करने वाला हरियाणा ऐसी पेंशन वाला पहला राज्य होगा.

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चंडीगढ़: हरियाणा 45 से 60 वर्ष की आयु के अविवाहित पुरुषों और महिलाओं के लिए पेंशन आवंटित करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है.

हरियाणा में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन और लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता योजना के लाभार्थियों के साथ-साथ बौने और किन्नरों को 2,750 रुपये प्रति माह मिलते हैं. लाभार्थियों के नवीनतम समूह को समान राशि वितरित किए जाने की संभावना है.

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि सीएम मनोहर लाल खट्टर पहले ही इस मुद्दे पर चर्चा कर चुके हैं और योजना लागू होने के बाद, हरियाणा ऐसी योजना वाला पहला राज्य बन जाएगा.

इस योजना के तहत जिनकी सालाना सैलरी 1लाख 80 रुपये से कम है उन्हें इस पेंशन का फायदा मिलेगा.

अधिकारी ने कहा कि इस योजना से लगभग 1.25 लाख व्यक्तियों को लाभ होने की संभावना है, इसे एक महीने के भीतर लॉन्च किया जा सकता है.

इस नई योजना की घोषणा रविवार को करनाल के कलामपुरा गांव में अपने जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान खट्टर ने की जब एक 60 वर्षीय अविवाहित व्यक्ति ने शिकायत की कि उसे अपनी पेंशन नहीं मिल रही है.

एक अधिकारी को शिकायत का समाधान करने का निर्देश देने के बाद, खट्टर ने लोगों से कहा कि उनकी सरकार जल्द ही अविवाहित पुरुषों और महिलाओं के लिए पेंशन शुरू करेगी.

अक्टूबर 2024 में होने वाले हरियाणा चुनाव के साथ, राजनीतिक दल लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में भुगतान की जाने वाली राशि की घोषणा करने में एक-दूसरे के साथ होड़ कर रहे हैं – वृद्धावस्था पेंशन इसका सबसे बड़ा घटक है.

जहां उनकी सरकार वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन के रूप में प्रति माह 2,750 रुपये प्रदान कर रही है, वहीं खट्टर ने रविवार को घोषणा की कि छह महीने में इसे बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिया जाएगा.

जननायक जनता पार्टी ने इसे बढ़ाकर 5100 रुपये करने का ऐलान किया है. पीछे न रहते हुए , कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) ने क्रमशः 6,000 रुपये और 7,500 रुपये का वादा किया है.

मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस कदम को बेरोजगार युवाओं के साथ एक “भद्दा मजाक” बताया.

मंगलवार को चंडीगढ़ में अपने सहयोगियों कुमारी शैलजा और किरण चौधरी के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि लोगों के शादी न करने के पीछे के कारण कुछ मामलों में व्यक्तिगत हो सकते हैं, लेकिन इसका मुख्य कारण बेरोजगारी है.

उन्होंने कहा, “सीएमआईई रिपोर्ट 2022 के अनुसार हरियाणा की दर सबसे अधिक 37.4 प्रतिशत है. यह सरकार युवाओं को नौकरी देने में विफल रही है और अब उनके लिए पेंशन की घोषणा करके उनके साथ एक बुरा मजाक कर रही है.”


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लिंगानुपात

2011 की जनगणना के अनुसार, हरियाणा में 1,000 पुरुषों के मुकाबले 879 महिलाओं के साथ देश में सबसे खराब लिंग अनुपात था. यह समस्या दशकों से बनी हुई है, क्योंकि 1981 में लिंगानुपात 870:1,000, 1991 में 865:1,000 और 2001 में 861:1000 था.

सोमवार को, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेन एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए) की उपाध्यक्ष जगमती सांगवान ने दिप्रिंट को बताया कि हरियाणा में 7,356 गांव हैं और उन्होंने शायद ही कोई ऐसा गांव देखा हो, जहां विवाह योग्य उम्र पार कर चुके 40-50 अविवाहित पुरुष न हों.

लैंगिक समानता कार्यकर्ता सुनील जागलान, जिन्होंने 2014 के संसदीय चुनावों से पहले ‘बहु दिलाओ वोट लो’ (हमारे वोट के बदले हमें दुल्हन दिलाओ) अभियान शुरू किया था, ने हरियाणा में सामाजिक मुद्दे पर जानकारी दी.

जागलान ने सोमवार को दि प्रिंट को बताया, “हमने 2014 के संसदीय चुनावों से पहले अविवाहित पुरुष संगठन (अविवाहित पुरुष संघ) नामक एक संगठन लॉन्च किया था. हमारे संगठन के लॉन्च के दौरान, हमने पाया कि हरियाणा के 7,000 गांवों में से किसी में भी 50 से कम कुंवारे लोग नहीं थे, जिनकी उम्र 40 या उससे अधिक थी,” .

उन्होंने कहा, ऐसी स्थिति है कि हरियाणा में कई लोग पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, झारखंड, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों से दुल्हन लाने के लिए पैसे देते हैं.

भत्ते और पेंशन का पेंच

हरियाणा सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 1.84 लाख लोगों को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता (वरिष्ठ नागरिक पेंशन), 8.35 लाख लोगों को विधवा पेंशन और 1.92 लाख लोगों को विकलांगता पेंशन मिलती है. बौनों और किन्नरों को दिए जाने वाले भत्ते के लाभार्थी क्रमश: 57 और 39 हैं.

इन श्रेणियों के अलावा, 20,646 व्यक्तियों को उन निराश्रित बच्चों को वित्तीय सहायता के रूप में प्रति माह 1,850 रुपये मिलते हैं जो अपने माता-पिता की मृत्यु या कारावास, लंबी बीमारी या विकास संबंधी विकलांगता के कारण माता-पिता की देखभाल से वंचित हैं.

इसी तरह की अन्य योजनाओं में स्कूल न जाने वाले विकलांग बच्चों के लिए योजनाएं शामिल हैं, जिसके तहत 10,830 लाभार्थियों को मासिक 2,150 रुपये वितरित किए जाते हैं.

उत्तरी राज्य में हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन योजना भी है, जिसके तहत 75 वर्ष से अधिक पुराने पेड़ों के संरक्षकों को हर साल 2,500 रुपये प्रदान किए जाते हैं. खट्टर ने 5 जून, 2021 को इस योजना की घोषणा की थी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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