चंडीगढ़: कांग्रेस की हरियाणा इकाई ने शुक्रवार को पार्टी के 13 नेताओं को ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधि’’ के आरोप में निष्कासित कर दिया, क्योंकि इन नेताओं ने राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा आधिकारिक तौर पर चुने गए उम्मीदवार के खिलाफ बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
कांग्रेस ने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता पर अंकुश लगाने के लिए उन्हें तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए निष्कासित किया जा रहा है.
हरियाणा की कांग्रेस इकाई के प्रमुख उदय भान द्वारा जारी पार्टी आदेश के अनुसार, गुहला अनुसूचित जाति (एससी) सुरक्षित सीट से नरेश धांडे, जींद से प्रदीप गिल, पुंडरी से सज्जन सिंह ढुल और सुनीता बट्टन, नीलोखेड़ी-एससी (सुरक्षित) से राजीव मामूराम गोंदर और दयाल सिंह सिरोही, पानीपत ग्रामीण से विजय जैन, उचाना कलां से दिलबाग सांडिल, दादरी से अजीत फोगाट, भिवानी से अभिजीत सिंह, बवानी खेड़ा-एससी (सुरक्षित) से सतबीर रतेरा, पृथला से नीटू मान और कलायत से अनीता ढुल बड़सीकरी को निष्कासित कर दिया गया है.
हरियाणा में पांच अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी द्वारा टिकट नहीं मिलने से कई नेता नाराज़ थे, लेकिन बाद में पार्टी इनमें से कई की नाराज़गी दूर करने में सफल रही थी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री संपत सिंह ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद नलवा सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया, जबकि एक अन्य नेता राम किशन ‘फौजी’ ने भी बवानी खेड़ा सीट से अपना नाम वापस ले लिया.
अंबाला सिटी से कांग्रेस के उम्मीदवार एवं पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक जसबीर मलौर ने भी अपना नाम वापस ले लिया है.
हालांकि निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा अंबाला कैंट सीट से चुनाव लड़ रही हैं. पार्टी बागी नेता सरवारा के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर चुकी है.
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