चंडीगढ़/फतेहगढ़ साहिब: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने जैसे ही मंगलवार को पंजाब में अपने कदम रखे ऑपरेशन ब्लू स्टार और 1984 के सिख विरोधी दंगों का अतीत फिर से उन का पीछा करने लगा.
बुधवार सुबह फतेहगढ़ साहिब से सात दिवसीय पंजाब पदयात्रा शुरू करने से पहले गांधी ने पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के साथ मंगलवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका.
स्वर्ण मंदिर की उनकी यात्रा ने भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) को एक बार फिर से उनकी तीखी आलोचना करने का मौका दे दिया. वो कांग्रेस को 1984 में इंदिरा गांधी के सेना को स्वर्ण मंदिर में घुसने देने के आदेश के बारे में याद दिलाने के लिए तत्पर थे. गौरतलब है कि उस साल जून में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हरमंदिर साहिब परिसर के अंदर छिपे सशस्त्र सिख उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए सेना को मंदिर में प्रवेश करने का आदेश दिया था.
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए SAD नेता परमबंस सिंह (बंटी रोमाना) ने कांग्रेस पर ‘सबसे सिख विरोधी और पंजाब विरोधी पार्टी’ होने का आरोप लगाया. उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए गांधी से माफी मांगने के लिए भी कहा.
31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के सिख अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी थी, जिसके बाद सिख विरोधी दंगे शुरू हो गए. इन दंगों में कांग्रेस की कथित भूमिका के लिए भी कांग्रेस नेता की आलोचना की गई. इंदिरा गांधी के उत्तराधिकारी के रूप में राजीव गांधी सिख विरोधी दंगों के समय प्रधानमंत्री थे. इन दंगों ने दिल्ली और देश के कुछ हिस्सों को बुरी तरह से दहला दिया था, जिसके परिणामस्वरूप हजारों सिखों की हत्या हुई.
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शिअद, भाजपा ने सिखों से यात्रा का बहिष्कार करने को कहा
शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, ‘(ऐसा) लगता है कि @RahulGandhi जानबूझकर अपने परिवार के रक्तरंजित इतिहास को भूल गए हैं जिन्होंने सिख समुदाय के खिलाफ जहर उगला, श्री दरबार साहिब पर हमला किया और # 1984 में सिखों के नरसंहार को अंजाम दिया, जिसे उनके पिता राजीव गांधी ने यह कहकर सही ठहराया था कि जब एक बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है.’
पिछले साल अगस्त तक कांग्रेस के साथ रहे भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने पंजाब में सिखों से यात्रा का बहिष्कार करने का आह्वान किया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘श्री राहुल गांधी को अपनी स्वर्ण मंदिर यात्रा पर यह स्पष्ट करना चाहिए कि जगदीश टाइटलर को आज तक कांग्रेस से क्यों नहीं निकाला गया?’
वरिष्ठ कांग्रेसी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर पर दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों में प्रमुख भूमिका निभाने का संदेह रहा है. अक्टूबर 2021 में स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में दिल्ली कांग्रेस की नई कार्यकारी समिति में उनके शामिल होने से पार्टी को राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी पक्षों से व्यापक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा था.
आलोचनाओं से घिरे कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के प्रमुख वारिंग ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘राहुल गांधी जी देश से प्यार करते हैं, सत्ता से नहीं. वे चाहते तो 15 साल पहले पीएम बन सकते थे. लेकिन सोनिया गांधी ने उनकी जगह मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया था. इससे पता चलता है कि कांग्रेस नेतृत्व सिखों को कितना महत्व देता है.
इसके बाद वारिंग ने भाजपा पर हमला करते हुए पत्रकारों से कहा कि ‘आज की भाजपा सरकार में एक भी सिख’ का नाम ढूंढ कर बताएं.
उन्होंने कहा, ‘चाहे वह देश के पीएम (मनमोहन सिंह) हों, राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह हों, केंद्रीय गृह मंत्री बूटा सिंह हों या सशस्त्र बलों के जनरल हों, कांग्रेस ने सिखों को हमेशा से ऐसे पद दिए हैं. उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को देश का राष्ट्रपति बनाया था जो साइकिल पर चला करते थे और पाठ किया करते थे. क्या आपको लगता है कि राहुल गांधी ने आज हमारे अनुरोध पर पगड़ी पहनी? नहीं, उन्होंने इसे पहना क्योंकि वह उसे पहनना चाहते हैं. यह पंजाब के प्रति उनकी भावना है. वह यात्रा शुरू करने से पहले स्वर्ण मंदिर जाना चाहते थे और अपना सम्मान व्यक्त करना चाहते थे.’
पंजाब में विपक्ष के नेता बाजवा ने कहा कि गांधी सिख गुरुओं के नक्शेकदम पर चल रहे हैं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘जब कश्मीरी ब्राह्मण अपने आपको बचाने के लिए गुरु तेग बहादुर से अनुरोध करने आए तो उन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया था. राहुल गांधी भी देश और समुदाय को एकजुट करने और सबसे गरीब लोगों की आवाज उठाने की कोशिश कर रहे हैं. पंजाब ने हमेशा यही किया है.’
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गांधी परिवार ने कभी साफ तौर पर माफी नहीं मांगी
राहुल गांधी का स्वर्ण मंदिर का दौरा कई राज्य कांग्रेस नेताओं के लिए एक आश्चर्य के रूप में आया. वो उम्मीद कर रहे थे कि गांधी फतेहगढ़ साहिब से अपनी यात्रा शुरू करेंगे.
एक साल से भी कम समय में स्वर्ण मंदिर में गांधी की यह दूसरी यात्रा थी. पिछले साल जनवरी में उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका था. तब पार्टी द्वारा घोषित कांग्रेस प्रत्याशी भी उनके साथ हो लिए थे.
Punjab: Congress leader Rahul Gandhi visits the Golden Temple in Amritsar. CM Charanjit Singh Channi and the party's state chief Navjot Singh Sidhu also accompanying him. pic.twitter.com/IQouusbqLt
— ANI (@ANI) January 27, 2022
राहुल गांधी ने 2019 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100 साल पूरे होने पर एक विशेष कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अमृतसर की यात्रा के दौरान भी स्वर्ण मंदिर का दौरा किया था। उनके साथ तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह थे, जिन्होंने बाद में कांग्रेस से अलग होकर अपनी एक पार्टी बना ली.
इससे पहले गांधी ने जून 2017 में भी स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका था. कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद यह उनकी पहली यात्रा थी.
केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद गांधी ने राज्य की तीन दिवसीय यात्रा पर जाने से पहले 2008 में भी स्वर्ण मंदिर का दौरा किया था. इतने सालों में स्वर्ण मंदिर की उनकी की गई सभी यात्राओं को लेकर उनके राजनीतिक विरोधी एक समान प्रतिक्रिया देते आए हैं.
प्रदेश कांग्रेस के सूत्रों का मानना है कि यात्रा के पंजाब चरण के दौरान गांधी को एक बार फिर असहज सवालों के जवाब देने के लिए घेरा जा सकता है.
बुधवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिरोमणि अकाली दल के रोमाना ने कहा कि राहुल गांधी से उनके पांच सवाल हैं.
उन्होंने कहा, ‘क्या वह ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए माफी मांगेंगे? क्या वह 1984 के सिख विरोधी दंगों में अपने पिता सहित कांग्रेस द्वारा निभाई गई भूमिका को स्वीकार करेंगे? क्या वह 1985 के राजीव-लोंगोवाल समझौते के कार्यान्वयन की दिशा में काम करेंगे, जिसके अनुसार चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी बनना था? चौथा, पंजाब और अन्य राज्यों के बीच पानी के बंटवारे और एसवाईएल (सतलज यमुना लिंक) नहर के निर्माण पर राहुल गांधी का क्या रुख है और आखिर में, क्या वह अपने झूठे बयान के लिए पंजाबी युवाओं से माफी मांगेंगे जिसमें उन्होंने कहा था कि पंजाब के 70 प्रतिशत युवा नशेड़ी हैं?’
आखिरी सवाल 2012 में राज्य की यात्रा के दौरान गांधी द्वारा दिए गए एक बयान का संदर्भ था, जब उन्होंने दावा किया था कि पंजाब में लगभग 70 प्रतिशत युवा नशे के आदी हैं.
1998 में लुधियाना में एक चुनावी रैली के दौरान सोनिया गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार पर ‘अफसोस’ व्यक्त किया था, जबकि प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने 2005 में राज्यसभा में एक भाषण के दौरान उसके लिए माफ़ी मांगी थी. ऑपरेशन के बारे में जब उनसे सवाल पूछा गया, तो वह अपनी मां की ओर से व्यक्त किए गए खेद और मनमोहन सिंह द्वारा की गई माफी की बात कहते हुए आगे बढ़ गए.
ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए गांधी परिवार की ओर से साफ तौर पर माफी न मांगना कांग्रेस के खिलाफ की गई आलोचना का केंद्र बनी हुई है.
(अुनवाद: रावी द्विवेदी | संपादन: ऋषभ राज)
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