नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने G20 शिखर सम्मेलन स्थल ‘भारत मंडपम’ पहुंच विश्व नेताओं से हाथ मिलाकर शनिवार को उनका स्वागत किया और इस समिट की शुरुआत की. समिट की शुरुआत में दुनियाभर से आए नेताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने मोरक्को के भूकंप से लेकर 21वीं सदी में दुनिया की आकांक्षाओं तक पर बात की.इसी दौरान पीएम ने अफ्रीकी यूनियन की सदस्यता को लेकर भी दुनियाभर की सहमति जुटाने का प्रस्ताव भी रखा.
पीएम मोदी ने इसके बाद एक्स करते हुए लिखा, “जी20 परिवार के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का स्वागत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं. इससे जी20 मजबूत होगा और ग्लोबल साउथ की आवाज भी मजबूत होगी.”
पीएम ने एक्स करते हुए लिखा जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ‘वन अर्थ’ पर सत्र-1 में मेरी टिप्पणी.
Honoured to welcome the African Union as a permanent member of the G20 Family. This will strengthen the G20 and also strengthen the voice of the Global South. pic.twitter.com/fQQvNEA17o
— Narendra Modi (@narendramodi) September 9, 2023
पीएम मोदी ने कहा, “जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत आपका स्वागत करता है. जिस स्थान पर हम एकत्रित हैं, वहां से कुछ ही किमी के फासले पर करीब 2,500 साल पुराना एक स्तंभ लगा है. इसमें पारकृत भाषा में लिखा है- मानवता का कल्याण और सुख सुनिश्चित किया जाए.”
पीएम ने कहा कि भारत की भूमि ने यह संदेश ढाई हजार साल पहले दुनिया को दिया था. आइये इसी संदेश को याद करते हुए जी20 का हमसभी शुभारंभ करें.”
मोदी ने कहा, “21वीं सदी का यह समय दुनिया को नई दिशा दिखाने वाला समय है. यह वह समय है जब बरसों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही है. हमें मानवता वादी केंद्रित होकर इन समस्याओं को सुलझाना है.
पीएम ने फिर मोरक्को में आए भूकंप से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की और कहा,” मैं प्रार्थना करता हूं कि इस कठिन समय में पूरा विश्व समुदाय मोरक्को के साथ है. हम उन्हें हरसंभव सहायता पहुंचाने के लिए तैयार हैं.”
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आपसी विश्वास पर आए संकट
पीएम मोदी ने इस दौरान यूक्रेन-रूस युद्ध और कोरोना से दुनियाभर में मची हलचल पर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, “कोविड के बाद दुनिया में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है.”
उन्होंने कहा कि युद्ध ने इस विश्वास के संकट को और गहरा किया है. जब हम कोविड को हरा सकते हैं तो हम आपसी विश्वास पर आए इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं.
पीएम ने इस दौरान कहा कि भारत पूरी दुनिया का आह्वान करता है कि हम मिलकर सबसे पहले हमसभी वैश्विक तौर पर इस संकट को एक विश्वास और भरोसे में बदलें. “यह हम सभी के साथ मिलकर चलने का समय है.” इस दौरान उन्होंने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास का मंत्र देते हुए कहा, ” यह मंत्र हम सभी के लिए एक पथ प्रर्दशक बन सकता है.”
पीएम ने इस दौरान दुनियाभर में वैश्विव अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल से लेकर उत्तर और दक्षिण में डिवाइड, पूर्व और पश्चिम की दूरी, भोजन, ईंधन और उर्वरक का प्रबंधन, आतंकवाद साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा या जल सुरक्षा जैसी सामनेआ रही चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि “हमें भावी पीढ़ियों के लिए इसका ठोस समाधान ढूंढना होगा.”
इसके बाद पीएम मोदी ने अफ्रीकन यूनियन अध्यक्ष को G20 के स्थायी सदस्य के रूप में आमंत्रित किया. पीएम ने जी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं आप सबकी सहमति से आगे की कार्रवाई शुरू करने से पहले अफ्रीकन यूनियन अध्यक्ष को G20 के स्थायी सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं.जिसके बाद अजाली असौमानी ने जी20 का स्थायी सदस्य बनने पर अपना स्थान ग्रहण किया
कोमोरोस संघ के अध्यक्ष और अफ्रीकी संघ (एयू) के अध्यक्ष अजाली असौमानी ने जी20 का स्थायी सदस्य बनने पर अपना स्थान ग्रहण किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन स्थल ‘भारत मंडपम’ पहुंच विश्व नेताओं से हाथ मिलाकर शनिवार को उनका स्वागत किया और इस दौरान पृष्ठभूमि में ओडिशा के पुरी स्थित सूर्य मंदिर के कोणार्क चक्र की प्रतिकृति ने स्वागत स्थल की शोभा बढ़ाई.
कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में किया गया था. कुल 24 तीलियों वाले इस पहिये को तिरंगे में भी दर्शाया गया है। यह चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और वास्तुशिल्प उत्कृष्टता का प्रतीक है.
इस चक्र का घूमना ‘कालचक्र’ के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है.
यह लोकतंत्र के पहिये का एक शक्तिशाली प्रतीक है, जो लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति को लेकर प्रतिबद्धता दर्शाता है.
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