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Saturday, 4 May, 2024
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UP के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन

22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव देश के कद्दावर नेताओं में से एक थे. वह तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके थे.

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नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को एक लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. उनके पुत्र और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बात की जानकारी दी.

यादव कई दिनों से मेदांता अस्पताल की ‘क्रिटिकल केयर यूनिट’ (सीसीयू) में भर्ती थे जहां विशेषज्ञों की एक टीम उनका इलाज कर रही थी. उनकी उम्र 82 साल थी.

22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव देश के कद्दावर नेताओं में से एक थे. वह तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके थे.

इसके अलावा वे 10 बार विधायक और 7 बार लोकसभा सांसद चुने गए.

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मुलायम सिंह के बीमार पड़ने पर उनके स्वास्थ्य के ठीक होने के लिए राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर में हवन-पूजन, सुंदरकांड और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करके यादव के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की जा रही थी.

लोहिया और चरण सिंह की छत्रछाया में शुरू की राजनीति

नेताजी के नाम से जाने जाने वाले मुलायम सिंह ने ही समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी. वह वर्तमान में लोकसभा में मैनपुरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार तीन कार्यकालों तक सेवा दी और भारत सरकार के रक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया है.

उनका जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ था. यादव के पास राजनीति विज्ञान में तीन डिग्री हैं. यादव 15 साल की उम्र में समाजवादी राम मनोहर लोहिया से प्रेरित हो कर राजनीति में शामिल हो गए थे. वो लोहिया के समानता- सामाजिक न्याय के मुद्दों, जाति और अल्पसंख्यक से जुड़े विचारों से काफी प्रभावित थे.

यादव पहली बार 1967 में उत्तर प्रदेश की विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे. वहां उन्होंने आठ बार सेवा दी. प्रसिद्ध समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया ही उन्हें राजनीति में लेकर आए.

1975 में, इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लागू करने के दौरान उन्होंने 19 महीने हिरासत में बिताए थे. वे पहली बार 1977 में राज्य मंत्री बने थे. 1980 में, वे उत्तर प्रदेश में लोक दल (पीपुल्स पार्टी) के अध्यक्ष बने, जो बाद में जनता दल (पीपुल्स पार्टी) का हिस्सा बन गया.

1982 में, वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता चुने गए और 1985 तक उस पद पर रहे. जब लोक दल पार्टी का विभाजन हुआ, यादव ने क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी की शुरुआत की.

मुलायम पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के काफी नजदीक थे लेकिन उनकी पार्टी में उनके बेटे अजित सिंह को कमान मिलने के बाद उन्होंने खुद की समाजवादी पार्टी बना ली. और 90 के दशक में उन्होंने अपने चिर-प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी की मायावती के साथ मिलकर भी सरकार चलाई लेकिन गेस्ट हाउस कांड के बाद बसपा से समाजवादी पार्टी का गठबंधन टूट गया.

यादव पहली बार 1989 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी. उन्होंने सितंबर 2003 में तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. 2007 के चुनावों तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहे.

गौरतलब है कि इसी साल उनकी पत्नी साधना गुप्ता का जुलाई में निधन हो गया था. फेफड़ों में संक्रमण के चलते उनका गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. साधना गुप्ता मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं. उनकी पहली पत्नी मालती देवी का 2003 में निधन हो गया. मालती देवी अखिलेश यादव की मां थीं.


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