पुणे : भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि भाजपा इंतजार कर रही है कि शिवसेना सांसद संजय राउत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को ‘भाजपा के 120 नेताओं’ की सूची भेजें.
इससे पहले राउत ने शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय के छापों को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ के तहत की गयी कार्रवाई करार देते हुए कहा था वह ईडी को भाजपा के 120 नेताओं की सूची भेजेंगे और देखेंगे कि क्या केंद्रीय एजेंसी उन्हें जांच के लिए बुलाती है.
फडणवीस ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैंने राउत को सूची भेजने की चुनौती दी थी. आज उन्होंने कहा कि वह सूची भेजेंगे. हम इसका इंतजार कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि शिवसेना महाराष्ट्र नहीं है और उनकी पार्टी ने पांच वर्षों के शासनकाल में राज्य की पहचान की रक्षा के लिए काम किया है.
उन्होंने शिवसेना पर आरोप लगाया कि जो लोग उस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं, उन पर वह ‘महाराष्ट्र द्रोही’ होने का ठप्पा लगा देती है.
फडणवीस ने कहा, ‘किसी के कहने मात्र से कोई महाराष्ट्र द्रोही नहीं हो जाता है. जब उनके (शिवसेना) खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाते हैं तो वे उस व्यक्ति को महाराष्ट्र द्रोही कहते हैं.’
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या शिवसेना कंगना रनौत, रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और शिवसेना नेता प्रताप सरनाईक के मामले में भाजपा को ‘महाराष्ट्र द्रोही’ के तौर पर पेश कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा जब पांच वर्षों तक सत्ता में थी तो उसने महाराष्ट्र की पहचान को बरकरार रखने के लिए काम किया… हमने महाराष्ट्र को नंबर एक राज्य बनाया और निवेश के मामले में गुजरात को पीछे छोड़ दिया तथा मुझे गर्व है कि मैं उस वक्त मुख्यमंत्री था.’
उन्होंने कहा, ‘शिवसेना को एक बात समझनी चाहिए कि वह महाराष्ट्र नहीं है.’ विधान परिषद के लिए अगाामी स्नातक एवं शिक्षक क्षेत्र चुनाव से पहले फर्जी मतदाता पंजीकरण के राकांपा की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल के आरोपों के बारे में पूछने पर फडणवीस ने कहा कि इसका मतलब है कि राकांपा नेता ने हार स्वीकार कर ली है.