कानपुर: बुधवार को पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कानपुर यात्रा के दौरान बवाल कराने की साजिश के आरोप में समाजवादी पार्टी के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों को पूछताछ के बाद सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा, बाकी बचे आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है.
इस बीच समाजवादी पार्टी ने इन सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्काषित कर दिया है.
"Samajwadi Party suspends 5 of its members for alleged involved in yesterday's incident in Kanpur," says the party pic.twitter.com/5AEXCNzhZm
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 29, 2021
नौबस्ता थाना प्रभारी अमित कुमार भड़ाना ने बताया कि उन्हें एक कथित वीडियो के बारे में सूचना मिली जिसमें लगभग एक दर्जन युवाओं ने बीजेपी सरकार के खिलाफ नारे लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया था.
उन्होंने बताया कि उपद्रवियों ने प्रधानमंत्री की रैली के दौरान कानून व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी के झंडे वाले और प्रधानमंत्री की तस्वीर वाले बैनर लगी एक कार में तोड़फोड़ भी की.
बीजेपी के नेता संबित पात्रा ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि समाजवादी पार्टी पर रैली को खत्म करने की साजिश और दंगा भड़काने का आरोप लगाया.
आज अखबारों में उन विषयों को लेकर कुछ गंभीर टिप्पणियां समाजवादी पार्टी पर हुई है।
समाजवादी पार्टी किस प्रकार से उस रैली को खत्म करने की साजिश, रैली में दंगा भड़काने और शहर में दंगा भड़काने की कोशिश कर रही थी।
आज अखबारों ने गंभीरता के साथ इस विषय को छापा है।
– डॉ. @sambitswaraj pic.twitter.com/DdDxmk0iyr
— BJP (@BJP4India) December 29, 2021
मंगलवार को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच कर सुकांत शर्मा, सचिन केसरवानी, अभिषेक रावत, निकश कुमार और अंकुर पटेल को गिरफतार किया है और ये सभी समाजवादी पार्टी की युवा ब्रिगेड से जुड़े हुए हैं, इस मामले में कार भी बरामद कर ली गई है.
तोड़फोड़ और आगजनी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई.
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, सपा कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर एक कार में तोड़फोड़ की और उस पर बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी का पोस्टर लगा दिए ताकि बीजेपी कार्यकर्ताओं को जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर किया जा सके.
प्राथमिकी में कहा गया है, ‘सचिन केसरवानी ने अपने 8-10 साथियों के साथ लाल टोपी पहनकर जानबूझकर हमीरपुर रोड पर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका ताकि बुंदेलखंड से आए हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं से झगड़ा हो और अशांति फैले और हिंसा भड़के.
प्रधानमंत्री सोमवार को कानपुर में थे. वह यहां मेट्रो का उद्घाटन और एक रैली में भाग लेने आए थे.
समाजवादी पार्टी द्वारा बुधवार को लखनऊ में जारी बयान के अनुसार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सचिन केसरवानी, अंकुर पटेल, अंकेश यादव, सुकान्त शर्मा और सुशील राजपूत को घटना में कथित मिलीभगत की वजह से समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
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