भोपाल: मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखने के लिए तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को मैदान में उतारने की भाजपा की रणनीति सफल होती दिख रही है.
शाम 6 बजे तक, सात में से पांच – सीधी से रीति पाठक, जबलपुर-पश्चिम से राकेश सिंह, दिमनी से नरेंद्र सिंह तोमर (केंद्रीय मंत्री), गाडरवारा से उदय प्रताप सिंह, और नरसिंहपुर से प्रहलाद पटेल (केंद्रीय मंत्री) – या तो जीत गए थे या जीत की ओर बढ़ रहे थे.
शेष दो में से, गणेश सिंह शाम 6 बजे तक सतना में 2,400 से अधिक वोटों से पीछे चल रहे थे (कांग्रेस आगे), जबकि ग्रामीण विकास और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, जो कि निवास से मैदान में थे, 9700 से अधिक वोटों से कांग्रेस के चैनसिंह वरकड़े के सामने हार गए थे.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, जिन्हें इंदौर-1 से मैदान में उतारा गया था और उन्होंने सार्वजनिक रूप से चुनाव लड़ने की अनिच्छा व्यक्त की थी, अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पर लगभग 58,000 वोटों की बढ़त बनाए हुए थे.
विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की दूसरी सूची में विजयवर्गीय सहित सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था. प्रह्लाद पटेल को छोड़कर, अन्य सभी को उन सीटों पर मैदान में उतारा गया था जो भाजपा 2018 में हार गई थी, जब विद्रोह से पहले कांग्रेस सबसे बड़ी खिलाड़ी के रूप में उभरी थी, जिससे भाजपा को सरकार बनाने में मदद मिली.
कैसा रहा उनका प्रदर्शन
इनमें से कई नेताओं को कैंपेन के दौरान चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
दिमनी में मतगणना से कुछ दिन पहले, ऑनलाइन पोस्ट किए गए वीडियो में कथित तौर पर नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर को सैकड़ों करोड़ के सौदों पर चर्चा करते हुए दिखाया गया है. एक वीडियो में, जगमनदीप सिंह नाम के एक कनाडाई निवासी को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह वही व्यक्ति है जिससे देवेंद्र बात कर रहे थे.
बीजेपी ने इन वीडियो को फर्जी बताकर खारिज कर दिया था.
तोमर – जो कुछ किसानों की नाराजगी का भी सामना कर रहे थे – ने 19 राउंड की गिनती के बाद दिमनी को 24,000 से अधिक वोटों से जीत लिया.
इसी तरह, रीति पाठक को बीजेपी के बागी केदारनाथ शुक्ला से चुनौती मिली, जिन्होंने टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ा था.
शाम 6 बजे तक सीधी में रीति पाठक करीब 20 हजार वोटों से आगे चल रही थीं.
इस बीच, जबलपुर के सांसद राकेश सिंह ने जबलपुर-पश्चिम में कांग्रेस के पूर्व राज्य वित्त मंत्री तरुण भनोट को 30,000 से अधिक वोटों से हराया.
नरसिंगपुर में प्रह्लाद पटेल ने कांग्रेस के लाखन सिंह पटेल को 31,000 से ज्यादा वोटों से हराया. प्रह्लाद पटेल पहली बार नरसिंगपुर से चुनाव लड़ रहे थे, जो उनके भाई जालम सिंह पटेल ने उनके लिए खाली किया था. 2018 में, जालम ने 37,000 से अधिक वोटों से सीट जीती थी.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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