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Friday, 3 May, 2024
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फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में पत्नी, बेटे समेत आज़म खान गए जेल, बीजेपी नेता ने दर्ज कराया था केस

आज़म खान ने कोर्ट में जमानत याचिक खारिज होने के बाद पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला के साथ स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया.

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लखनऊ/रामपुर: फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में गैरजमानती वारंट जारी होने के बाद सपा सांसद आज़म खान के साथ पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आज़म खान ने बुधवार को रामपुर की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया. कोर्ट ने तीनों को 2 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. आज़म खान ने कोर्ट में जमानत याचिक दाखिल की थी जिसे बुधवार को कोर्ट ने निरस्त कर दिया.

बीजेपी नेता ने दर्ज कराया था

ये मुकदमा बीजेपी के स्थानीय नेता आकाश सक्सेना ने पिछले साल दर्ज कराया था. इसमें उन्होंने आज़म खान के बेटे अबदुल्ला आज़म पर दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनाए रखने के आरोप लगाए. आकाश के मुताबिक, एक जन्म प्रमाण पत्र रामपुर से तो दूसरा लखनऊ से जारी किया गया है. आकाश सक्सेना ने इस मुकदमे में अब्दुल्ला के साथ-साथ उनके पिता आज़म खान और माता तंजीन फातिमा को भी मुकदमे में नामजद किया था. कहा ये भी गया कि दोनों ने प्रमाण पत्र बनाने के लिए झूठे शपथ पत्र लगाए थे.

बीजेपी नेता आकाश ने दिप्रिंट को बताया कि 2017 में चुनाव लड़ते वक्त ही हमें जानकारी मिल गई थी कि अबदुल्ला ने दो जन्म प्रमाण पत्र बना रखे हैं. हमने अक्टूबर 2017 में तत्कालीन प्रमुख सचिव गृह को पूरे साक्ष्य इकट्ठा करके भेजे थे जिनकी जांच हुई और फिर मुकदमा लिखा गया.

बीजेपी प्रवक्ता व रामपुर प्रभारी डाॅ. चंद्रमोहन ने दिप्रिंट से कहा कि आज़म की राजनीति खुद के लिए थी. बेईमानी व भ्रष्टाचार की राजनीति है. अब तो कोर्ट के फैसले से भी साफ हो गया है कि आज़म का सच क्या है, अखिलेश यादव को इस मामले में कुछ बोलना चाहिए. बीजेपी पिछले काफी समय से आज़म के खिलाफ लड़ाई लड़ रही थी. हमारे स्थानीय नेता काफी संघर्ष कर रहे थे. आखिरकार कोर्ट ने न्याय किया.

दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक, आज़म खान ने 14 मामलों में जमानत याचिका दायर की थी. इनमें आज़म के खिलाफ दर्ज पांच आचार संहिता के मामलों में उन्हें जमानत मिल गई. आठ मामलों में गुरुवार को सुनवाई होगी. वहीं बेटे के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में वह अगली सुनवाई (2 मार्च) तक जेल में रहेंगे.

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सुनवाई के दौरान गैरहाजिर रहे थे

बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने 4 जनवरी, 2019 को अब्दुल्ला, आज़म व पत्नी पर गंज थाने में केस दर्ज कराया था. इसके बाद अप्रैल 2019 में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. इस दौरान सुनवाई पर लगातार गैरहाजिर रहने पर कोर्ट ने तीनों के खिलाफ पहले समन, फिर जमानती वारंट और बाद में गैरजमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए थे लेकिन तीनों इसके बावजूद कोर्ट नहीं पहुंचे जिसके बाद धारा 82 के तहत पुलिस ने 9 जनवरी को ढोल बजवा कर मुनादी कराई थी. आज़म व उनका परिवार तब भी नहीं पहुंचा. फिर बीते मंगलवार को इस मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने संपत्ति कुर्क के आदेश दिए जिसके बाद बुधवार को तीनों ने सरेंडर कर दिया.

रद्द हो गया अबदुल्ला का निर्वाचन

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते 16 दिसंबर को आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म का निर्वाचन रद्द कर दिया है था. चुनाव लड़ते वक्त अब्दुल्ला की उम्र 25 साल पूरी नहीं थी और इसके लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जिस वजह से कोर्ट ने निर्वाचन रद्द कर दिया. 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला ने रामपुर क्षेत्र की स्वार विधानसभा सीट से चुनाव जीता था.

लगातार निशाने पर आज़म खान

समाजवादी पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ‘पार्टी बदले की भावना से किसी भी कार्रवाई को उचित नहीं मानती है. राग-द्वेष से सरकारें काम नहीं कर सकती हैं. समाजवादी पार्टी भी न्यायिक प्रणाली पर भरोसा करती है. अदालत पर विश्वास है न्याय मिलेगा.’

बता दें कि आज़म खान पर रामपुर में लूटपाट, डकैती, बकरी चोरी, भैंस चोरी, जमीन पर कब्जे समेत 50 से अधिक मुकदमे चल रहे हैं. पार्टी का आरोप है कि सरकार जान-बूझकर उन्हें निशाना बना रही है.

(इस विश्लेषण को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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