नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी एकता से उनकी पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि आठ दल जो भारत गठबंधन (तत्कालीन यूपीए) के लिए आगे आए थे, वे उन राज्यों से हैं जहां पार्टी की उपस्थिति पहले से ही ‘नाममात्र’ है.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 26 पार्टियां बनाने के लिए जिन पार्टियों को जोड़ा गया है वो सिर्फ दो राज्यों की हैं.
मोदी ने कहा, “I.N.D.I.A गठबंधन (तत्कालीन यूपीए) के लिए आगे आने वाली आठ पार्टियों में से चार पार्टियां तमिलनाडु की हैं, और बाकी चार केरल की हैं. 26 पार्टियां बनाने के लिए जोड़ी गई पार्टियां केवल दो राज्यों से हैं, यूपी, बिहार से कोई नहीं, मध्य प्रदेश और राजस्थान… अगर आप 10 दलों को भी भारत गठबंधन में शामिल करते हैं, तो इसका भाजपा पर क्या प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इन राज्यों में पार्टी की उपस्थिति पहले से ही नाममात्र है.”
23 जून को बिहार के पटना में आयोजित पहली विपक्षी बैठक में 16 राजनीतिक दलों की भागीदारी देखी गई, जबकि कर्नाटक के बेंगलुरु में बुलाई गई दूसरी बैठक 26 दलों की भागीदारी के साथ संपन्न हुई.
मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), कोंगु देसा मक्कल काची (केडीएमके), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), केरल कांग्रेस (जोसेफ), और बैठक में शामिल होने वाले नए राजनीतिक दलों में केरल कांग्रेस (मणि) भी शामिल थी.
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन का नाम I.N.D.I.A (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) रखा गया है.
मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भारत “भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन” के लिए खड़ा है.
यह घटनाक्रम तब हुआ जब देश भर के 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने 2024 के लोकसभा चुनावों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन से मुकाबला करने के लिए एकजुट रणनीति पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को बेंगलुरु में मुलाकात की.
हालांकि, 26 पार्टियों ने “संविधान में निहित भारत के विचार की रक्षा” करने का संकल्प लिया.
मंगलवार को बेंगलुरु में मिले छब्बीस विपक्षी दलों के नेताओं ने भाजपा पर “हमारे गणतंत्र के चरित्र” पर व्यवस्थित रूप से हमला करने का आरोप लगाया और “भारत के विचार की रक्षा” के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया.
I.N.D.I.A से संबंधित 26 राजनीतिक दलों के सामूहिक संकल्प ने आरोप लगाया कि भारतीय संविधान के स्तंभों को “व्यवस्थित और खतरनाक तरीके से कमजोर किया जा रहा है”.
नेताओं ने समूह के लिए एक नया नाम I.N.D.I.A – भारत राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन रखने का निर्णय लिया.
विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग कर रही है और लोकतंत्र को कमजोर कर रही है.
उन्होंने जातीय जनगणना की भी मांग की. नेताओं ने कहा कि वे अल्पसंख्यकों के खिलाफ पैदा की जा रही “नफरत और हिंसा” को हराने और महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए एक साथ आए हैं.
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