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Tuesday, 24 December, 2024
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‘गाय खाने वाले का प्रवेश उल्लंघन है’- मुस्लिम MLA का UP के मंदिर का दौरा, VHP नेता ने किया ‘शुद्धीकरण’

भाजपा के समर्थन से नगर पंचायत चुनाव लड़ने वाले धर्मराज वर्मा का कहना है कि सपा विधायक सैय्यदा खातून को निमंत्रण अपने ही लोगों द्वारा हिंदुओं को 'चिढ़ाने' की कोशिश गई.

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लखनऊ : एक मुस्लिम विधायक के मंदिर दौरे के बाद उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में नगर पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि स्थानीय कार्यकर्ताओं के एक समूह के साथ उन्होंने बाद में मंदिर को “शुद्ध” किया. उन्होंने कहा, ‘गाय खाने वाले का प्रवेश निश्चित रूप से स्थल की शुद्धता का उल्लंघन है.’

यह घटना समाजवादी पार्टी की डुमरियागंज विधायक सैय्यदा खातून और बरहनी चाफा के नगर पंचायत सदस्य धर्मराज वर्मा के नेतृत्व वाले एक समूह बीच घटी, जिन्होंने इस साल मई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से नगर निगम चुनाव लड़ा था.

रविवार दोपहर को, वर्मा के नेतृत्व में एक समूह को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंदिर परिसर में गंगाजल और पंचगव्य (दूध, मूत्र, गोबर, घी और दही) छिड़कते देखा गया, खातून ने बलुआ गांव में ‘समय माता’ को समर्पित मंदिर का एक दिन पहले दौरा किया था.’.

रविवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, वर्मा ने कहा कि अगर “गाय खाने वाला कोई शख्स ऐसे स्थल में प्रवेश करता है, तो मंदिर की शुद्धता और दिव्यता भंग हो जाती है”. उन्होंने विधायक को ‘शतचंडी महायज्ञ’ में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित करने पर “अपने लोगों (हिंदुओं)” को भी फटकारा.


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उन्होंने कहा, “देवी का यह स्थल अत्यंत पवित्र है. न केवल हमारे नगर पंचायत के लोग, बल्कि पड़ोसी जिलों के लोग भी देवी के दर्शन और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए यहां आते हैं. कल, यहां शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया था, जहां हमारे ही कुछ लोगों ने स्थानीय विधायक सैय्यदा खातून को बुलाया और हिंदुओं को चिढ़ाने की कोशिश की.”

वर्मा ने कहा कि अगर “गाय खाने वाले” को प्रवेश की इजाजत दी गई तो मंदिर की “शुद्धता और दिव्यता” का उल्लंघन निश्चित है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”कल जब वह (खातून) यहां आईं तो हमें लगा, चूंकि हमारा यह मंदिर लाखों लोगों की श्रद्धा का केंद्र है, इससे आम हिंदू जनता की क्षति हुई है, लिहाजा मैं अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ यहां आया हूं.”

इस बीच, खातून ने कहा कि उन्होंने स्थानीय लोगों के निमंत्रण पर बलुआ गांव में मंदिर का दौरा किया.

दिप्रिंट से बात करते हुए खातून ने कहा कि उन्हें गहरौला ग्राम सभा के स्थानीय पंडितों ने यज्ञ में हिस्सा लेने के लिए बुलाया था और यह पहली बार नहीं था, जब वह किसी मंदिर में गई थीं.

उन्होंने कहा, “क्षेत्र के स्थानीय लोगों और यज्ञ में हिस्सा लेने वाले संतों के बुलावे पर मैंने समय माता धाम का दौरा किया. धाम में प्रतिष्ठित पीपल के पेड़ के पास यज्ञ होने के बाद, मैंने मंदिर का दौरा किया क्योंकि दोनों के बीच कोई बाउंड्री वॉल नहीं है. मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं और भविष्य में भी ऐसे स्थलों पर जाती रहूंगी.”

उन्होंने कहा, “एक विधायक तौर पर, मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में दो हिंदू मंदिरों को फिर से बनवाया है. मैं सभी समुदाय के लोगों की प्रतिनिधि हूं.”

वर्मा के बारे में पूछे जाने पर, खातून ने उन्हें “पागल आदमी कहा, जो कि गलती से पंचायत अध्यक्ष बन गया है और इस तरह के काम से लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश कर रहा है.”

पांच बार के विधायक स्वर्गीय कमाल यूसुफ मलिक के बेटे इरफान मलिक के अनुसार, क्षेत्र के मुस्लिम नेताओं ने अतीत में हिंदू धार्मिक स्थलों की आधारशिला रखने के अलावा, हिंदू समुदाय के धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व कांग्रेस सांसद काजी जलील अब्बासी और पांच बार के विधायक कमाल यूसुफ मलिक समेत मुस्लिम नेताओं ने हिंदू धार्मिक स्थलों पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है. सबसे पुराने मंदिरों में से एक, डुमरियागंज के मुख्य चौराहे पर मंदिर की नींव 1980 के दशक में इन दोनों लोगों ने रखी थी. मलिक ने क्षेत्र में कई मंदिरों की आधारशिला रखी है.”

मलिक ने कहा, “अगर कोई मंदिर किसी मुसलमान के जाने से अपवित्र हो जाता है, तो उन बड़े मंदिरों और मठों का क्या होगा जहां मुसलमान आस्था के साथ जाते हैं? सबसे बुरी बात, जो पंचायत नगर अध्यक्ष ने कही वह यह है कि गाय खाने वालों को मंदिरों में प्रवेश नहीं करना चाहिए. उस क्षेत्र के विधायक के लिए ये कैसा बयान है, जो हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल रहा है.”

बीजेपी के सिद्धार्थनगर जिला अध्यक्ष कन्हैया पासवान ने दिप्रिंट को बताया, जहां तक वर्मा का सवाल है, पार्टी की सिद्धार्थनगर इकाई ने पुष्टि की कि उन्होंने भाजपा के समर्थन से नगर पंचायत चुनाव लड़ा था. “चूंकि वह (वर्मा) एक संभावित उम्मीदवार थे, इसलिए उन्हें पार्टी का प्रतीक चिन्ह दिया गया था. वह वीएचपी (विश्व हिंदू परिषद) से संबंध रखते हैं.”

वर्मा इस साल अक्टूबर में भी चर्चा में थे जब ऐसी खबरें सामने आईं कि उनके समर्थकों ने डुमरियागंज के सांसद और भाजपा नेता जगदंबिका पाल को एक जागरण के दौरान मंच पर चढ़ने से रोक दिया था. पाल ने बाद में एक बयान जारी कर ऐसी खबरों का खंडन किया था.

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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